श्रीगंगानगर. जिले में मनरेगा कार्य करने वाली 3 ई ग्राम पंचायत महिलाओं ने मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट पर नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से मिलकर अपनी समस्याएं बताई. उन्होंने ग्राम सचिव और सरपंच कार्यस्थल पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाने का आरोप भी लगाया. इसके बाद जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इन महिलाओं को मामले में जांच के आदेश देकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
पढ़ें: भीलवाड़ाः मौसम में बदलाव को लेकर प्रशासन अलर्ट, आपदा प्रबंधन की टीम को किया तैयार
3 ई ग्राम पंचायत की इन महिलाओं का कहना है कि वो मनरेगा के तहत कार्य तो पूरा करती हैं. लेकिन, उनके खातों में भुगतान ना समय पर हो रहा है और ना ही पूरा भुगतान हो रहा है. इनकी मानें तो मनरेगा कार्य स्थल पर 6 बजे बुलाया जाता है और दोपहर को 3 बजे छुट्टी की जाती है, जबकि नियमों के तहत सुबह 8 बजे से 2 बजे तक मनरेगा स्थल पर मजदूरों से काम लिया जा सकता है.
महिला मजदूरों ने ग्राम सचिव और सरपंच पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें कार्यस्थल पर मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं करवाई जाती हैं. भयंकर गर्मी होने के बावजूद कार्यस्थल पर ना तो पीने के पानी की व्यवस्था होती है और ना ही बैठने के लिए छांव की व्यवस्था होती है.
पढ़ें: चूरू में खाकी पर लगा दाग, एसआई, एएसआई और एक कांस्टेबल सस्पेंड
महिला मजदूरों के मुताबिक एक ही ग्राम पंचायत में एक कार्यस्थल पर मनरेगा श्रमिकों के लिए अलग नियम लागू हैं, वहीं दूसरे कार्यस्थल पर अलग नियय लागू हैं. दूसरे कार्यस्थल पर मनरेगा कार्य करने वाली महिलाओं को सुबह 8 बजे बुलाकर 12 बजे छुट्टी कर दी जाती है. वहीं, सद्भावना नगर के आस-पास रहने वाली महिलाओं को ग्राम पंचायत सचिव और सरपंच द्वारा कार्यस्थल पर अतिरिक्त समय तक रोककर रखा जाता है.