श्रीगंगानगर. जिले में पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे खेतों में डेढ़ सप्ताह से टिड्डियों ने कहर बरपा रखा है. अकेले रावला क्षेत्र में ही टिड्डियों ने 1230 हैक्टेयर में रबी की फसलें सरसों, चना, तारामीरा को पूरी तरह तबाह कर दिया है. यहां 90% से ज्यादा नुकसान हुआ है. टिड्डियों पर नियंत्रण को लेकर कृषि विभाग का दावा है कि टिड्डी पर पूरी तरह से नियंत्रण पा लिया गया है. इस दावे को किसान गलत बता रहे है. क्योंकि बीते 4 दिन तक लगातार खेतों में टिड्डी सामने आई है.
सामने आया है कि पाकिस्तान से आए टिड्डी दल ने 1230 हैक्टेयर में 11 करोड़ की फसलों को चट कर 500 से ज्यादा किसान परिवारों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. यह नुकसान रावला क्षेत्र के 12 गांव से ज्यादा हुआ है. यहां कई गांव में तो टिड्डी दल पूरी फसल को ही चट कर गया है. यहां गांव एक केएनएम ए व बी, 3 केएनएम ए व बी, 4 व 5 केएनएम में ज्यादा नुकसान हुआ है. वहीं विभाग की बात करें तो टिड्डी नियंत्रण के लिए पर्याप्त संसाधन ही नहीं है.
जिला प्रशासन इन गांवों में विशेष गिरदावरी करवा रही है.
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सरकार का दावा है कि हम किसानों को राहत देंगे, लेकिन हकीकत यह है कि राष्ट्रीय आपदा राहत कोष व राज्य आपदा राहत कोष के मापदंडों के हिसाब से नुकसान से प्रभावित किसानों को ज्यादा राहत नहीं मिल सकेगी. किसानों की 11 करोड़ की फसल खराब हो चुकी है. नुकसान की तुलना में महज 1.66 करोड़ रुपए की सहायता ही मिल पाने का अनुमान है. वजह 2 हैक्टेयर में 80000 की फसल का नुकसान हुआ है. इसके बाद आपदा कोष से मुआवजे के तौर पर महज 27000 मिलेगा. मुआवजा भी 2 हैक्टेयर फसल के नुकसान तक ही मिलेगा. चिंता की बात यह है कि टिड्डी की दस्तक घड़साना, अनूपगढ़, रायसिंहनगर व श्रीकरणपुर तक पहुंची हुई है. लेकिन वहां नुकसान ज्यादा नहीं हुआ.