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टिड्डी ने फसलों को कर दिया बर्बाद - श्रीगंगानगर न्यूज

पाकिस्तान से आए टिड्डी दल ने श्रीगंगानगर जिले में किसानों की मुसीबतें बढ़ाने के साथ ही उन्हें आर्थिक रूप से भी खासा नुकसान पहुंचाया है. क्षेत्र के कई गांवों में टिड्डियों ने फसलों को खासा नुकसान पहुंचाया है. वहीं कृषि विभाग का दावा है कि टिड्डी पर नियंत्रण पा लिया गया है. लेकिन किसानों की मानें तो यह दावा झूठा है.

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श्रीगंगानगर में टिड्डी दल ने फसलों को पहुंचाया खासा नुकसान
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Published : Jan 17, 2020, 7:09 PM IST

श्रीगंगानगर. जिले में पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे खेतों में डेढ़ सप्ताह से टिड्डियों ने कहर बरपा रखा है. अकेले रावला क्षेत्र में ही टिड्डियों ने 1230 हैक्टेयर में रबी की फसलें सरसों, चना, तारामीरा को पूरी तरह तबाह कर दिया है. यहां 90% से ज्यादा नुकसान हुआ है. टिड्डियों पर नियंत्रण को लेकर कृषि विभाग का दावा है कि टिड्डी पर पूरी तरह से नियंत्रण पा लिया गया है. इस दावे को किसान गलत बता रहे है. क्योंकि बीते 4 दिन तक लगातार खेतों में टिड्डी सामने आई है.

श्रीगंगानगर में टिड्डी दल ने फसलों को पहुंचाया खासा नुकसान

सामने आया है कि पाकिस्तान से आए टिड्डी दल ने 1230 हैक्टेयर में 11 करोड़ की फसलों को चट कर 500 से ज्यादा किसान परिवारों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. यह नुकसान रावला क्षेत्र के 12 गांव से ज्यादा हुआ है. यहां कई गांव में तो टिड्डी दल पूरी फसल को ही चट कर गया है. यहां गांव एक केएनएम ए व बी, 3 केएनएम ए व बी, 4 व 5 केएनएम में ज्यादा नुकसान हुआ है. वहीं विभाग की बात करें तो टिड्डी नियंत्रण के लिए पर्याप्त संसाधन ही नहीं है.
जिला प्रशासन इन गांवों में विशेष गिरदावरी करवा रही है.

यह भी पढ़ें : जालोरः किसानों का सरकार से निवेदन, टिड्डी प्रभावित फसलों का जल्द दें मुआवजा

सरकार का दावा है कि हम किसानों को राहत देंगे, लेकिन हकीकत यह है कि राष्ट्रीय आपदा राहत कोष व राज्य आपदा राहत कोष के मापदंडों के हिसाब से नुकसान से प्रभावित किसानों को ज्यादा राहत नहीं मिल सकेगी. किसानों की 11 करोड़ की फसल खराब हो चुकी है. नुकसान की तुलना में महज 1.66 करोड़ रुपए की सहायता ही मिल पाने का अनुमान है. वजह 2 हैक्टेयर में 80000 की फसल का नुकसान हुआ है. इसके बाद आपदा कोष से मुआवजे के तौर पर महज 27000 मिलेगा. मुआवजा भी 2 हैक्टेयर फसल के नुकसान तक ही मिलेगा. चिंता की बात यह है कि टिड्डी की दस्तक घड़साना, अनूपगढ़, रायसिंहनगर व श्रीकरणपुर तक पहुंची हुई है. लेकिन वहां नुकसान ज्यादा नहीं हुआ.

श्रीगंगानगर. जिले में पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे खेतों में डेढ़ सप्ताह से टिड्डियों ने कहर बरपा रखा है. अकेले रावला क्षेत्र में ही टिड्डियों ने 1230 हैक्टेयर में रबी की फसलें सरसों, चना, तारामीरा को पूरी तरह तबाह कर दिया है. यहां 90% से ज्यादा नुकसान हुआ है. टिड्डियों पर नियंत्रण को लेकर कृषि विभाग का दावा है कि टिड्डी पर पूरी तरह से नियंत्रण पा लिया गया है. इस दावे को किसान गलत बता रहे है. क्योंकि बीते 4 दिन तक लगातार खेतों में टिड्डी सामने आई है.

श्रीगंगानगर में टिड्डी दल ने फसलों को पहुंचाया खासा नुकसान

सामने आया है कि पाकिस्तान से आए टिड्डी दल ने 1230 हैक्टेयर में 11 करोड़ की फसलों को चट कर 500 से ज्यादा किसान परिवारों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. यह नुकसान रावला क्षेत्र के 12 गांव से ज्यादा हुआ है. यहां कई गांव में तो टिड्डी दल पूरी फसल को ही चट कर गया है. यहां गांव एक केएनएम ए व बी, 3 केएनएम ए व बी, 4 व 5 केएनएम में ज्यादा नुकसान हुआ है. वहीं विभाग की बात करें तो टिड्डी नियंत्रण के लिए पर्याप्त संसाधन ही नहीं है.
जिला प्रशासन इन गांवों में विशेष गिरदावरी करवा रही है.

यह भी पढ़ें : जालोरः किसानों का सरकार से निवेदन, टिड्डी प्रभावित फसलों का जल्द दें मुआवजा

सरकार का दावा है कि हम किसानों को राहत देंगे, लेकिन हकीकत यह है कि राष्ट्रीय आपदा राहत कोष व राज्य आपदा राहत कोष के मापदंडों के हिसाब से नुकसान से प्रभावित किसानों को ज्यादा राहत नहीं मिल सकेगी. किसानों की 11 करोड़ की फसल खराब हो चुकी है. नुकसान की तुलना में महज 1.66 करोड़ रुपए की सहायता ही मिल पाने का अनुमान है. वजह 2 हैक्टेयर में 80000 की फसल का नुकसान हुआ है. इसके बाद आपदा कोष से मुआवजे के तौर पर महज 27000 मिलेगा. मुआवजा भी 2 हैक्टेयर फसल के नुकसान तक ही मिलेगा. चिंता की बात यह है कि टिड्डी की दस्तक घड़साना, अनूपगढ़, रायसिंहनगर व श्रीकरणपुर तक पहुंची हुई है. लेकिन वहां नुकसान ज्यादा नहीं हुआ.

Intro:श्रीगंगानगर : जिले में पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे खेतों में डेढ़ सप्ताह से टीडडीयो ने आंतक मचा रखा है। अकेले रावला क्षेत्र में ही टीडडीयो ने 1230 एक्टैर में रबी की फसलें सरसो,चना,तारामीरा को पूरी तरह तबाह कर दिया है। यहां 90% से ज्यादा नुकसान हुआ है।टीडडीयो पर नियंत्रण की जिम्मेदारी कृषि विभाग की है। विभाग का दावा है कि टीडी पर पूरी तरह से नियंत्रण पा लिया गया है। इस दावे को किसान गल्त बता रहे है।क्योकी पिछले 4 दिन तक लगातार खेतों में टीडडी सामने आई है। सामने आया है कि पाकिस्तान से आई टीडी दल ने 1230 हेक्टेयर में 11करोड की फसलों को चट कर 500 से ज्यादा किसान परिवारों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। यह नुकसान रावला क्षेत्र के 12 गांव से ज्यादा हुआ है। यहां कई गांव में तो टीडी दल पूरी फसल की ही चट कर गया है। यहां गांव एक केएनएम ए व बी,3 केएनएम ए व बी,4 व 5 केएनएम में ज्यादा नुकसान हुआ है। विभाग की बात करें तो टीडी नियंत्रण के लिए पर्याप्त संसाधन ही नहीं है।






Body:जिला प्रशासन इन गांव में विशेष गिरदावरी करवा रही है।सरकार का दावा है कि हम किसानों को राहत देंगे,लेकिन हकीकत यह है कि राष्ट्रीय आपदा राहत कोष व राज्य आपदा राहत कोष की मापदंडों के हिसाब से नुकसान से प्रभावित किसानों को ज्यादा राहत नहीं मिल सकेगी। किसानों की 11करोड की फसल खराब हो चुकी है। नुकसान की तुलना में महज 1.66 करोड रुपए की सहायता ही मिल सकेगी। वजह 2 हेक्टेयर में 80000 की फसल का नुकसान हुआ है। इसके बाद आपदा कोष से मुआवजे के तौर पर महज 27000 मिलेगा। मुआवजा भी 2 हेक्टेयर फसल के नुकसान तक ही मिलेगा।चिन्ता की बात यह है कि टीडी की दस्तक घड़साना,अनूपगढ़,रायसिंहनगर व श्रीकरणपुर तक पहुंची हुई है लेकिन वहां नुकसान ज्यादा नहीं हुआ।

बाईट : अमर सिंह,किसान
बाईट : सुभाष सहगल,किसान नेता
बाईट : जसवंत बराड,कृषि अधिकारी।




Conclusion:टीडडी से किसान बर्बादी के कगार पर।
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