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श्रीगंगानगर: नहर बंदी पर किसानों ने जताया विरोध, विधायक की बात पर हुए नाराज

श्रीगंगानगर में गंगनहर की खस्ताहालत को सुधारने के लिए और पंजाब में बीकानेर कैनाल की सफाई के लिए 26 सितंबर से 10 अक्टूबर तक नहर बंदी की मांग की जा रही. जिसका किसान नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया है. श्रीगंगानगर जिला कलेक्टर ने नहर बंदी को लेकर चर्चा के लिए बैठक बुलाई थी. जिसमें किसान संगठनों ने इसका विरोध किया.

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नहर बंदी का किसान संगठनों ने जताया विरोध
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Published : Sep 18, 2020, 9:09 PM IST

श्रीगंगानगर. पंजाब से बहकर आने वाली गंगनहर की खस्ताहालत को सुधारने के लिए पंजाब में बीकानेर कैनाल की सफाई के लिए 26 सितंबर से 10 अक्टूबर तक नहर बंदी की मांग का किसान संगठनों ने विरोध जताना शुरु कर दिया है. नहर बंदी पर रोक की मांग जल उपयोगिता संगम अध्यक्षों ने भी की है. नहर बंदी के दौरान पंजाब क्षेत्र में बीकानेर केनाल की सफाई करवाई जाएगी. ताकि क्षमता के अनुसार इस फीडर में पानी लिया जा सके. लेकिन नहर बंदी का समय उचित नहीं होने से किसान नेताओं और संगठनों ने इसका विरोध जताना शुरु कर दिया है.

नहर बंदी का किसान संगठनों ने जताया विरोध

बता दें कि, नहर बंदी को लेकर शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में कलेक्टर महावीर प्रसाद वर्मा के नेतृत्व में बैठक हुई. जिसमें जल संसाधन विभाग, प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से चर्चा की गयी. उधर नहर बंदी की चर्चा के साथ ही गंगनहर क्षेत्र के किसानों की चिंता बढ़ने लगी है.

नहर बंदी का विरोध कर रहे किसान नेताओं ने आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि, यह समय सही नहीं है. इस समय अगर बंदी की गयी तो किसानों की फसलों की बुवाई नहीं हो पाएगी. बैठक में किसान नेताओं ने करणपुर से विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर पर आरोप लगाया कि, कुन्नर नहर बंदी लेने की पक्ष में है, जो की बंदी इस समय ठीक नहीं है. किसान नेताओं ने कहा कि, करणपुर विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर ने एतराज जताया कि, बंदी का विरोध कर रहे किसान गलत कर रहे हैं. जबकि दूसरी ओर किसान नेता और संगम अध्यक्ष भी बंदी के विरोध में हैं.

ये पढ़ें: केंद्र सरकार के नए बिल का विरोध...21 सितंबर को अलवर सहित पूरे प्रदेश की 247 मंडियां रहेंगी बंद

किसान संगठन इस बात को लेकर आशंका जताई कि, अगर इस समय बंदी ली जाएगी तो किसानों की सरसों बिजाई समय पर नहीं हो पाएगी. वहीं किसान नेताओं ने कहा कि, करणपुर विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर ने बंदी लेने के पक्ष में सरकारी मीटिंग बताते हुए किसानों को बाहर जाने की बात कही. जिसके बाद किसान नेताओं ने नाराजगी जाहिर करते हुए मीटिंग छोड़कर बाहर चले गए. उन्होंने कहा कि, किसान संगठन जिला कलेक्टर के बुलाने पर मीटिंग में भाग लेने आए थे. ऐसे में करणपुर विधायक द्वारा बैठक से बाहर जाने के लिए कहना किसानों के साथ दुर्व्यवहार जैसा है.

श्रीगंगानगर. पंजाब से बहकर आने वाली गंगनहर की खस्ताहालत को सुधारने के लिए पंजाब में बीकानेर कैनाल की सफाई के लिए 26 सितंबर से 10 अक्टूबर तक नहर बंदी की मांग का किसान संगठनों ने विरोध जताना शुरु कर दिया है. नहर बंदी पर रोक की मांग जल उपयोगिता संगम अध्यक्षों ने भी की है. नहर बंदी के दौरान पंजाब क्षेत्र में बीकानेर केनाल की सफाई करवाई जाएगी. ताकि क्षमता के अनुसार इस फीडर में पानी लिया जा सके. लेकिन नहर बंदी का समय उचित नहीं होने से किसान नेताओं और संगठनों ने इसका विरोध जताना शुरु कर दिया है.

नहर बंदी का किसान संगठनों ने जताया विरोध

बता दें कि, नहर बंदी को लेकर शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में कलेक्टर महावीर प्रसाद वर्मा के नेतृत्व में बैठक हुई. जिसमें जल संसाधन विभाग, प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से चर्चा की गयी. उधर नहर बंदी की चर्चा के साथ ही गंगनहर क्षेत्र के किसानों की चिंता बढ़ने लगी है.

नहर बंदी का विरोध कर रहे किसान नेताओं ने आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि, यह समय सही नहीं है. इस समय अगर बंदी की गयी तो किसानों की फसलों की बुवाई नहीं हो पाएगी. बैठक में किसान नेताओं ने करणपुर से विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर पर आरोप लगाया कि, कुन्नर नहर बंदी लेने की पक्ष में है, जो की बंदी इस समय ठीक नहीं है. किसान नेताओं ने कहा कि, करणपुर विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर ने एतराज जताया कि, बंदी का विरोध कर रहे किसान गलत कर रहे हैं. जबकि दूसरी ओर किसान नेता और संगम अध्यक्ष भी बंदी के विरोध में हैं.

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किसान संगठन इस बात को लेकर आशंका जताई कि, अगर इस समय बंदी ली जाएगी तो किसानों की सरसों बिजाई समय पर नहीं हो पाएगी. वहीं किसान नेताओं ने कहा कि, करणपुर विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर ने बंदी लेने के पक्ष में सरकारी मीटिंग बताते हुए किसानों को बाहर जाने की बात कही. जिसके बाद किसान नेताओं ने नाराजगी जाहिर करते हुए मीटिंग छोड़कर बाहर चले गए. उन्होंने कहा कि, किसान संगठन जिला कलेक्टर के बुलाने पर मीटिंग में भाग लेने आए थे. ऐसे में करणपुर विधायक द्वारा बैठक से बाहर जाने के लिए कहना किसानों के साथ दुर्व्यवहार जैसा है.

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