उदयपुर: देशभर में दिवाली का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. दिवाली के अवसर पर बड़ी संख्या में लोग विश्व प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. महालक्ष्मी मंदिर मेवाड़ ही नहीं बल्कि पूरे देश में मशहूर है. मंदिर 450 वर्ष पुराना बताया जाता है. देशभर के प्राचीन महालक्ष्मी मंदिरों में शामिल महालक्ष्मी मंदिर की महिमा जितनी की जाए कम है. यहां माता रानी को विशेष श्रृंगार भी कराया जाता है. मंदिर में महालक्ष्मी की मूर्ति को हाथी सूंड से अभिषेक करते दिखाई देते हैं.
आप भी घर बैठे कीजिए माता रानी के दर्शन: ईटीवी भारत की टीम भी दिवाली के पर्व पर उदयपुर के महालक्ष्मी मंदिर पहुंची. जहां बड़ी संख्या में देश-दुनिया से भक्त माता रानी के दर्शन के लिए पहुंचे. मंदिर से जुड़े हुए जतिन श्रीमाली ने बताया कि शहर भट्टियाणी चोहट्टा स्थित महालक्ष्मी मंदिर का इतिहास 450 वर्ष पुराना है. महाराणा जगत सिंह के शासन काल मे यह मंदिर बना था. महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण राज्य में प्रजा के वैभव और विस्तार के उद्देश्य से किया गया था. यहां स्थापित 'माताजी' की मूर्ति भी विशेष है, जिसमें हाथी सूंड से जल कलश से 'लक्ष्मीजी' को अभिषेक करते हुए दिख रहा है.
पढ़ें: Rajasthan: इस महालक्ष्मी मंदिर से जुड़ी है लोगों की अटूट आस्था, दीपावली पर लोग करते हैं दीपदान
आज महालक्ष्मी को 5 लाख रुपए का सोने एवं चांदी के वर्क का वेश धारण कराया गया. इमसें सोने की वर्क वाली चुंदरी, लहंगा और पिछवाई है. माताजी के इस श्रृंगार में दर्शन करने के बाद भक्त माताजी की भक्ति में डूब गए. करीब साढ़े चार सौ साल पुराने मंदिर में दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ कतारों में लगी है.