ETV Bharat / city

श्रीगंगानगरः सरसों की खरीद समर्थन मूल्य पर नहीं होने से किसान परेशान....

श्रीगंगानगर में सरसों की खरीद समर्थन मूल्य पर नहीं होने के कारण किसान परेशान हैं. उन्हें अपनी फसल के वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहे हैं. ऐसे में सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाएगी, तो किसान को नुकसान से बचाया जा सकता हैं.

सरसों की खरीद समर्थन मूल्य पर नहीं, Mustard purchase not on support price
सरसों की खरीद समर्थन मूल्य पर नहीं होने से किसान परेशान
author img

By

Published : Apr 28, 2020, 4:55 PM IST

श्रीगंगानगर. कृषि में सिरमौर कहे जाने वाली श्रीगंगानगर जिले का किसान इन दिनों परेशान नजर आ रहा हैं. परेशानी कोई और नहीं बल्कि फसल खरीद में आने वाली अड़चनों की है. सरसों की खरीद समर्थन मूल्य पर नहीं होने से किसानों को बड़ा नुकसान हो रहा है.

सरसों की खरीद समर्थन मूल्य पर नहीं होने से किसान परेशान

श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में बड़ी मात्रा में सरसों की पैदावार होती है, लेकिन भाव नहीं मिलने से अब भूमि पुत्र मायूस हैं. मंडी में अच्छे भाव की उम्मीद लेकर सरसों की फसल बेचने आ रहे किसानों को हार्ड तोड़ मेहनत के बाद भी पूरे दाम नहीं मिलगें तो चेहरे पर चिंता की लकीरें खींचना वाजिब है.

पढ़ेंः लॉकडाउन में बुझती बीड़ी...यहां करीब 8 हजार मजदूरों पर गहराता जा रहा रोजी-रोटी का संकट

सरकार ने सरसों का समर्थन मूल्य 4 हजार 400 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ है, लेकिन सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से जिले की मंडियों में सरसों 3400 से लेकर 3600 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही है. ऐसे में किसानों को प्रति क्विंटल 600 से 800 तक का घाटा हो रहा हैं.

मण्डी में सरसों बेचने आए दौलतपुरा गांव के किसान विजय मनमोहन ने बताया कि भाव नहीं मिलने से खर्चे भी पूरे नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में किसान कर्ज के निचे दबने को मजबुर है. समर्थन मूल्य पर किसान की फसल खरीद करने का दंभ भरने वाली सरकारी जब खुद के तय किए भाव ही किसान को नहीं देगी, तो व्यापारियो द्वारा किसान की फसल के मनमाने भाव तय करने से कौन रोकेगा.

पढ़ेंः जयपुर: पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद संजय सर्किल के चिन्हित इलाके में लगाया गया कर्फ्यू

ऐसे में किसान के सामने अपनी बदहाली पर रोने के अलावा कोई चारा नहीं है. जिला मुख्यालय पर अनाज मंडी में इन दिनों रोजाना 6 से 10 हजार क्विंटल सरसों की आवक हो रही है, लेकिन व्यापारियों द्वारा की जा रही प्राइवेट खरीद पर उचित दाम नहीं मिलने से किसानो को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा हैं. ऐसे में सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीद की जाए तो किसान को नुकसान से बचाया जा सकता है.

श्रीगंगानगर. कृषि में सिरमौर कहे जाने वाली श्रीगंगानगर जिले का किसान इन दिनों परेशान नजर आ रहा हैं. परेशानी कोई और नहीं बल्कि फसल खरीद में आने वाली अड़चनों की है. सरसों की खरीद समर्थन मूल्य पर नहीं होने से किसानों को बड़ा नुकसान हो रहा है.

सरसों की खरीद समर्थन मूल्य पर नहीं होने से किसान परेशान

श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में बड़ी मात्रा में सरसों की पैदावार होती है, लेकिन भाव नहीं मिलने से अब भूमि पुत्र मायूस हैं. मंडी में अच्छे भाव की उम्मीद लेकर सरसों की फसल बेचने आ रहे किसानों को हार्ड तोड़ मेहनत के बाद भी पूरे दाम नहीं मिलगें तो चेहरे पर चिंता की लकीरें खींचना वाजिब है.

पढ़ेंः लॉकडाउन में बुझती बीड़ी...यहां करीब 8 हजार मजदूरों पर गहराता जा रहा रोजी-रोटी का संकट

सरकार ने सरसों का समर्थन मूल्य 4 हजार 400 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ है, लेकिन सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से जिले की मंडियों में सरसों 3400 से लेकर 3600 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही है. ऐसे में किसानों को प्रति क्विंटल 600 से 800 तक का घाटा हो रहा हैं.

मण्डी में सरसों बेचने आए दौलतपुरा गांव के किसान विजय मनमोहन ने बताया कि भाव नहीं मिलने से खर्चे भी पूरे नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में किसान कर्ज के निचे दबने को मजबुर है. समर्थन मूल्य पर किसान की फसल खरीद करने का दंभ भरने वाली सरकारी जब खुद के तय किए भाव ही किसान को नहीं देगी, तो व्यापारियो द्वारा किसान की फसल के मनमाने भाव तय करने से कौन रोकेगा.

पढ़ेंः जयपुर: पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद संजय सर्किल के चिन्हित इलाके में लगाया गया कर्फ्यू

ऐसे में किसान के सामने अपनी बदहाली पर रोने के अलावा कोई चारा नहीं है. जिला मुख्यालय पर अनाज मंडी में इन दिनों रोजाना 6 से 10 हजार क्विंटल सरसों की आवक हो रही है, लेकिन व्यापारियों द्वारा की जा रही प्राइवेट खरीद पर उचित दाम नहीं मिलने से किसानो को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा हैं. ऐसे में सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीद की जाए तो किसान को नुकसान से बचाया जा सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.