श्रीगंगानगर. कृषि जिंसों की खरीद फरोख्त के संबंध में केंद्र सरकार के अध्यादेश के विरोध में श्रीगंगानगर जिले के किसान मजदूर व्यापारी सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट का घेराव करने पहुंचे. लेकिन किसानों की संख्या कम होने से किसान नेता घंटों तक भीड़ का इंतजार करते रहे.
प्रदेश व्यापी आंदोलन के तहत जिले की सभी धानमंडी बंद करने की घोषणा की गई थी. आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर बैरिकेडिंग लगाए. जिससे आंदोलनकारियों को रोका जा सके. प्रदेश व्यापी आंदोलन के तहत जिले में श्रीगंगानगर किसान समिति, अखिल भारतीय किसान सभा, टिब्बा क्षेत्र किसान समिति, किसान संघर्ष समिति भारतीय संघ, नई धान मंडी, मजदूर संघ, किसान मजदूर व्यापारी नई धान मंडी में किसानों ने जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध-प्रदर्शन किया. संख्या बल कम होने के कारण किसान नेता निराश नजर आए.
जिले की सभी धानमंडिया में सोमवार को कृषि जिंसों का कारोबार नहीं हुआ. उधर घेराव की तैयारी को लेकर सभी मंडियों में बैठक की गई. इससे पहले किसान नेताओं अधिकारियों ने गांव-गांव में नुक्कड़ सभाएं भी की, लेकिन किसान बिल के विरोध में नहीं पहुंचे. उधर विरोध प्रदर्शन को देखते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कलेक्ट्रेट के पास 7 कार्यपालक मजिस्ट्रेट एक एएसपी, तीन डीएसपी सहित पुलिस कर्मी तैनात रहे.
पढ़ेंः अब कोरोना संक्रमित मरीज से मिल सकेंगे परिजन, इन बातों को रखना होगा ध्यान...
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार अध्यादेश लेकर आई है. उससे किसानों की हालत आने वाले समय में और ज्यादा खराब हो जाएगी. उन्होंने कहा कि किसान की फसल के भाव सही नहीं मिलेंगे. किसान इस बात को समझने को तैयार ही नहीं है कि सरकार द्वारा लाए गए नए कानून से उनकी हालत में सुधार होगा. वहीं फसल के अच्छे भाव मिलेंगे. किसान नेताओं ने साफ तौर पर विरोध के स्वर में कहा कि बिल कैसा भी हो लेकिन विरोध किया जाएगा. जिससे राजनीतिक मुद्दा बना रहे.