श्रीगंगानगर. कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए जिला प्रशासन और जिला अस्पताल लगातार बेहतर प्रयास करने में लगे हुए हैं. जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते के निर्देश पर जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं.
इन आइसोलेशन वार्ड में बेड लगाकर आने वाले रोगियों के लिए तमाम प्रकार की व्यवस्था की गई है. ताकि आइसोलेशन के तहत कोरोना संदिग्ध रोगी कहीं बाहर नहीं जा पाए. जिला अस्पताल के भीतर 2 आइसोलेशन कॉटेज बनाए गए हैं. जिसमें करीब 20 से अधिक बेड लगाए गए हैं.
इसके अलावा होम क्वॉरेंटाइन में रखने वाले लोगों की जांच से पहले जिला अस्पताल के कॉटेज में भर्ती करने की व्यवस्था रखी गई है. जिला अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर्स पूरी तरह से आइसोलेटेड होकर संदिग्ध रोगियों की जांच करने जाते हैं. वहीं संदिग्ध रोगियों के सैंपल लेने से पहले नर्सिंग स्टाफ पूरी तरह से खुद को कवर्ड करके सुरक्षित होने पर ही संदिग्ध रोगी के पास जाते हैं. ताकि किसी प्रकार के संक्रमण से बचा जा सके.
जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में ईटीवी भारत की टीम ने जायजा लिया तो देखा कि आइसोलेशन वार्ड के बाहर गार्ड लगाया गया है. किसी को आइसोलेशन वार्ड में भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई है. वहीं दूसरी तरफ आइसोलेशन वार्ड के पास बनाए गए, नर्सिंग स्टाफ के रूम से नर्सिंग स्टाफ कर्मी प्रॉपर ड्रेस में तैयार होकर ही वार्ड में घुसते हैं.
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आइसोलेशन वार्ड में भर्ती संदिग्ध रोगियों के लिए तमाम प्रकार की व्यवस्था की गई है. यहां आने वाले संदिग्ध रोगियों को 15 दिन तक भर्ती रखा जाता है. इस दौरान सैंपल से लेकर तमाम प्रकार की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं. रोगी के अंदर किसी प्रकार के लक्षण पाए जाने पर उसके ऊपर पूरी तरह से निगरानी रखकर उसको इलाज दिया जा रहा है. हालांकि श्रीगंगानगर जिले में अभी तक कोरोना पॉजिटिव एक भी रोगी सामने नहीं आया है, फिर भी जिला अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से संदिग्ध रोगियों की जांच करने में सावधानी बरत रहा है.