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श्रीगंगानगर: शिक्षा विभाग ने फिर से शुरू की 38 करोड़ के घोटाले की जांच

शिक्षा विभाग में कार्यरत पीटीआई ओमप्रकाश ने 515 लोगों के नाम से फर्जी बिल बनाकर 38 करोड़ रुपये का गबन किया था. मामले की फिर से जांच के लिए शिक्षा विभाग ने निर्देश दिए हैं. जिसके बाद शिक्षा विभाग की अतिरिक्त निदेशक रचना भाटिया शुक्रवार को श्रीगंगानगर पहुंची और अधिकारियों से मामले में फीडबैक लिया.

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शिक्षा विभाग ने फिर से शुरू की 38 करोड़ के घोटाले की जांच
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Published : Jun 19, 2021, 4:17 AM IST

श्रीगंगानगर. करीब दो साल पहले शिक्षा विभाग में हुए 38 करोड़ के घोटाले की जांच फिर से नए सिरे से शुरु की जा रही है. शिक्षा विभाग के पीटीआई ओमप्रकाश ने फर्जीवाड़ा कर 38 करोड़ रुपये का घोटाला कर दिया था. शिक्षा विभाग बीकानेर के निदेशक सौरव स्वामी के निर्देश पर जांच फिर से शुरू हुई है. जिसको लेकर शिक्षा विभाग की अतिरिक्त निदेशक रचना भाटिया शुक्रवार को श्रीगंगानगर पहुंची. उन्होंने पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मामले में फीडबैक लिया.

पढ़ें: राजस्थान संविदा कर्मी भर्ती घोटाला: एसीबी ने ESIC मेडिकल कॉलेज के डीन सहित 7 डॉक्टरों के चेंबर सील किए

क्या है पूरा मामला

अगस्त 2019 में शिक्षा विभाग में कार्यरत पीटीआई ओमप्रकाश ने 515 लोगों के नाम से फर्जी बिल बनाकर करोड़ों रुपये का गबन किया था. यह घोटाला 2015 में हुआ था लेकिन इसका खुलासा 2019 में हुआ था. वर्तमान में आरोपी पीटीआई ओम प्रकाश शर्मा निलंबन के बाद मल्टीपरपज स्कूल में उपस्थिति दे रहा है. आरोपी ने अपने परिजनों और अन्य परिचितों के नाम से 515 खाते खोलकर घोटाले को अंजाम दिया था.

2019 में जब यह घोटाला सामने आया तो शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने एसीबी से भी जांच कराने के निर्देश दिए थे. लेकिन बाद में मामले की जांच पुलिस ने की. इस मामले की जांच पूर्व में गठित कमेटी में संयुक्त निदेशक देवलता चांदवानी ने की थी. जांच में गड़बड़ी करने पर शासन उप सचिव ने रिटायरमेंट से एक दिन पहले चांदवानी को चार्जशीट दी थी.

श्रीगंगानगर. करीब दो साल पहले शिक्षा विभाग में हुए 38 करोड़ के घोटाले की जांच फिर से नए सिरे से शुरु की जा रही है. शिक्षा विभाग के पीटीआई ओमप्रकाश ने फर्जीवाड़ा कर 38 करोड़ रुपये का घोटाला कर दिया था. शिक्षा विभाग बीकानेर के निदेशक सौरव स्वामी के निर्देश पर जांच फिर से शुरू हुई है. जिसको लेकर शिक्षा विभाग की अतिरिक्त निदेशक रचना भाटिया शुक्रवार को श्रीगंगानगर पहुंची. उन्होंने पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मामले में फीडबैक लिया.

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क्या है पूरा मामला

अगस्त 2019 में शिक्षा विभाग में कार्यरत पीटीआई ओमप्रकाश ने 515 लोगों के नाम से फर्जी बिल बनाकर करोड़ों रुपये का गबन किया था. यह घोटाला 2015 में हुआ था लेकिन इसका खुलासा 2019 में हुआ था. वर्तमान में आरोपी पीटीआई ओम प्रकाश शर्मा निलंबन के बाद मल्टीपरपज स्कूल में उपस्थिति दे रहा है. आरोपी ने अपने परिजनों और अन्य परिचितों के नाम से 515 खाते खोलकर घोटाले को अंजाम दिया था.

2019 में जब यह घोटाला सामने आया तो शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने एसीबी से भी जांच कराने के निर्देश दिए थे. लेकिन बाद में मामले की जांच पुलिस ने की. इस मामले की जांच पूर्व में गठित कमेटी में संयुक्त निदेशक देवलता चांदवानी ने की थी. जांच में गड़बड़ी करने पर शासन उप सचिव ने रिटायरमेंट से एक दिन पहले चांदवानी को चार्जशीट दी थी.

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