श्रीगंगानगर. शहर में भाजपा नेता के जुबीन हॉस्पिटल में इलाज के दौरान 3 महीने के नवजात बच्चे की संदिग्ध मौत को लेकर मचे बवाल मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. जवाहर नगर पुलिस ने नवजात बच्चे के दफनाए गए शव को बाहर निकलवाया है. साथ ही जिला अस्पताल में डॉक्टरों के बोर्ड ने पुलिस की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम किया. वहीं इसके बाद नवजात बच्चे के शव को दोबारा दफनाया गया.
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कार्यपालक मजिस्ट्रेट तहसीलदार संजय अग्रवाल भी मौजूद रहे. जवाहरनगर एसएचओ प्रशांत कौशिक ने बताया कि पुरानी आबादी के वार्ड 16 निवासी विकास मिड्ढा ने गुरुवार को रिपोर्ट दी थी कि उनके मासूम बच्चे को जुबिन हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था. 28 जनवरी को इलाज में लापरवाही के कारण बच्चे की मृत्यु हो गई थी.
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इस मामले में नवजात के दफनाए गए शव को बाहर निकलवाकर जिला अस्पताल पहुंचाया गया. एसपी के आदेश से गठित डॉक्टरों के बोर्ड से नवजात बच्चे के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया. वहीं थानाधिकारी कौशिक ने बताया कि इस मामले में हॉस्पिटल के मालिक डॉक्टर दर्शन आहूजा की ओर से मृतक बालक के परिजनों पर हॉस्पिटल में हंगामा करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाया गया है.
डॉक्टर ने आरोप लगाए गए हैं कि विकास मिड्ढा, रवीश गुप्ता, अमन, पवन मल्होत्रा और 40-50 अन्य लोगों ने अस्पताल में आकर तोड़फोड़ और हंगामा किया. उधर मृतक नवजात बच्चे के पिता द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि अस्पताल में डॉक्टरों और अप्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ की वजह से बच्चे के इलाज में लापरवाही बरती गई. जिसके कारण नवजात बच्चे की मौत हुई है. इस लापरवाही के चलते नवजात बच्चे के पिता विकास ने डॉ दर्शना, डॉ हिमाशुं आहुजा और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है.