श्रीगंगानगर. राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों में कोरोना पॉजिटिव रोगियों का इलाज करने की छूट दे दी. लेकिन निजी अस्पतालों ने इलाज के नाम पर रोगियों से वसूली शुरू कर दी है. पिछले दिनों शहर के जनसेवा हॉस्पिटल में एक कोरोना रोगी का इलाज करने के नाम पर डेढ़ लाख रुपए की वसूली की शिकायत मिली. जिसके बाद शहर के समस्त पार्षद इसके विरोध में उतर आए. जनसेवा हॉस्पिटल में स्थापित कोविड-19 सेंटर में कोरोना पॉजिटिव रोगियों से निर्धारित फीस से अधिक वसूली के विरोध में पार्षदों ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट पर धरना शुरू किया है.
आंदोलन पर उतरे पार्षद अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई करके अवैध वसूली पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं. पार्षदों ने बताया कि पूर्व में जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर अपनी मांगों से अवगत करवाया जा चुका है. पार्षदों का आरोप है कि कोविड-19 सेंटर में रोगियों के उपचार के लिए सरकार ने शुल्क निर्धारित किया हुआ है. बावजूद इसके अस्पताल प्रशासन भारी-भरकम रकम वसूल रहे हैं.
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पार्षद संजय बिश्नोई ने बताया कि शहर में निजी अस्पताल और जन सेवा अस्पताल में भर्ती होने वाले रोगियों से या तो अस्पताल प्रशासन मोटी फीस वसूल लेता है या उसे पंजाब में रेफर कर देता है. ऐसे में कोविड-19 के बाद पहले से ही परेशान परिवार वाले और ज्यादा मुसीबत में आ जाते हैं. पूर्व नगर परिषद उपाध्यक्ष अजय देवड़ा ने कहा कि निजी अस्पतालों में कोरोना पॉजिटिव रोगियों का इलाज जब से शुरू किया गया है तब से अस्पतालों में आम आदमी के साथ वसूली की खबरें आने लगी है. ऐसे में सरकार द्वारा निर्धारित की गई फीस ली जाए.