श्रीगंगानगर. जिले में किसानों ने गाजर धोने का ऐसा यंत्र तैयार किया है, जिससे अब किसानों को ज्यादा शारीरिक श्रम नहीं करना पड़ रहा है और इससे समय के साथ ही रुपयों की भी बजत हो रही है. गाजर धोने की इस मशीन की डिमांड बढ़ी तो सरकार ने किसानों को अनुदान देना भी शुरू कर दिया है. उद्यान विभाग गाजर धोने की इस करीब डेढ़ लाख रुपये की लागत वाली मशीन पर 50 फीसदी अनुदान किसानों को दे रहा है. ऐसे में गाजर की खेती से किसान अब दोहरा फायदा हो रहा है.
उधान विभाग की उपनिदेशक प्रीति बाला गर्ग ने बताया कि गाजर धोने की मशीन पर राजस्थान कृषि प्रतिस्पर्धात्मक परियोजना के तहत 50 फीसदी अनुदान पर गाजर धोने की मशीन किसानों को दी जा रही है. विशेषकर गाजर उत्पादक जेड माइनर और कालूवाला हेड के किसानों को ये मशीन अनुदान पर दी जा रही है. उन्होंने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में 10 किसानों को और इस वित्तीय वर्ष में 20 किसानों को गाजर धोने की मशीन विभाग की तरफ से अनुदान पर दी गई है.
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गाजर धोने की मशीन को स्थानीय स्तर के मिस्त्री अपने द्वारा विकसित की गई तकनीक के द्वारा तैयार करते हैं. इसमें 10 हॉर्स पावर की मोटर भी लगी होती है, जो नहर से पानी उठाकर गाजर को धोती है. गाजर धोने की मशीन का सबसे बड़ा फायदा किसान को यह भी हो रहा है कि अब गाजर धुलाई करने में किसान को लेबर में खर्च होने वाली राशि की बचत हो रही है.
नहर किनारे मशीन को खड़ी करके किसान गाजर धोते हैं, जिससे उन्हें कहीं दूसरी जगह ना भटकना पड़े. सरकार द्वारा अनुदान पर दी जा रही गाजर की मशीन से किसानों को एक लाभ ये भी मिल रहा है कि वो खुद गाजर धोने के बाद खाली वक्त में दूसरे किसानों की गाजर धोकर अतिरिक्त कमाई भी कर रहे हैं.