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श्रीगंगानगर: खुले में फेंका जा रहा बायोवेस्ट, कलेक्टर ने रोक लगाने के दिए निर्देश

श्रीगंगानगर जिले में अस्पतालों का बायोवेस्ट खुले में फेंका जा रहा था. इसकी लगातार शिकायत मिलने के बाद जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन ने खुले में बायोवेस्ट डालने पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं.

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मेडिकल बायोवेस्ट निस्तारण
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Published : Jun 7, 2021, 6:59 PM IST

श्रीगंगानगर. मेडिकल बायोवेस्ट निस्तारण को लेकर बने नियमों की पालना करना पर्यावरण प्रदूषण को रोकने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. लेकिन अस्पतालों में खुले में पड़े बायोवेस्ट से संक्रमण का खतरा बना हुआ है. जिले में लगातार शिकायत मिल रही थी कि अस्पतालों का बायोवेस्ट खुले में फेंका जा रहा है. शिकायत मिलने के बाद जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन ने खुले में बायोवेस्ट डालने पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें- सांसद राठौड़ ने Corona की रोकथाम के लिए प्रशासन को सौंपे चिकित्सकीय उपकरण, मेयर निलंबन पर साधा निशाना

जिला कलेक्टर ने कहा कि कोविड-19 उपचार और कोविड वैक्सीनेशन के दौरान उत्पन्न जैव चिकित्सा अपशिष्ट (बायो वेस्ट) का सर्वोच्च न्यायालय, एनजीटी की ओर से जारी अद्यतन आदेशों और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नई दिल्ली की ओर से जारी गाईडलाइन की पालना एवं प्रभावी प्रबंधन किया जाए.

जिला कलेक्टर ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, जिले के सभी एसडीएम, बीडीओ, आयुक्त नगर परिषद, सीएमएचओ, पीएमओ, आरसीएचओ, तहसीलदार और नगरपालिकाओं के अधीशाषी अधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देशित किया है. उन्होंने निर्देश दिया है कि कोरोना महामारी के दौरान उपचार के लिए निर्मित अस्थाई कोविड उपचार केंद्र, क्वॉरेंटाइन कैंप, होम क्वॉरेंटाइन पर उपचार के दौरान उत्पन्न होने वाले जैव चिकित्सा अपशिष्ट का निस्पादन व्यापक जन स्वास्थ्य की दृष्टि से और वैज्ञानिक तरीके से किया जाए.

उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से पारित निर्णय और एनजीटी की ओर से पारित निर्णयों की अनुपालना करते हुए प्रमुख बिंदुओं के अनुसार जिला, ब्लाॅक, ग्राम पंचायत स्तर पर आवश्यक कार्रवाई की जाए. जिला कलक्टर ने निर्देश दिए हैं कि कोविड वेस्ट प्रबंधन के लिए केंद्रीय नियंत्रण प्रदूषण बोर्ड की ओर से जारी संशोधित दिशा-निर्देशों की पालना की जाए.

श्रीगंगानगर. मेडिकल बायोवेस्ट निस्तारण को लेकर बने नियमों की पालना करना पर्यावरण प्रदूषण को रोकने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. लेकिन अस्पतालों में खुले में पड़े बायोवेस्ट से संक्रमण का खतरा बना हुआ है. जिले में लगातार शिकायत मिल रही थी कि अस्पतालों का बायोवेस्ट खुले में फेंका जा रहा है. शिकायत मिलने के बाद जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन ने खुले में बायोवेस्ट डालने पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं.

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जिला कलेक्टर ने कहा कि कोविड-19 उपचार और कोविड वैक्सीनेशन के दौरान उत्पन्न जैव चिकित्सा अपशिष्ट (बायो वेस्ट) का सर्वोच्च न्यायालय, एनजीटी की ओर से जारी अद्यतन आदेशों और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नई दिल्ली की ओर से जारी गाईडलाइन की पालना एवं प्रभावी प्रबंधन किया जाए.

जिला कलेक्टर ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, जिले के सभी एसडीएम, बीडीओ, आयुक्त नगर परिषद, सीएमएचओ, पीएमओ, आरसीएचओ, तहसीलदार और नगरपालिकाओं के अधीशाषी अधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देशित किया है. उन्होंने निर्देश दिया है कि कोरोना महामारी के दौरान उपचार के लिए निर्मित अस्थाई कोविड उपचार केंद्र, क्वॉरेंटाइन कैंप, होम क्वॉरेंटाइन पर उपचार के दौरान उत्पन्न होने वाले जैव चिकित्सा अपशिष्ट का निस्पादन व्यापक जन स्वास्थ्य की दृष्टि से और वैज्ञानिक तरीके से किया जाए.

उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से पारित निर्णय और एनजीटी की ओर से पारित निर्णयों की अनुपालना करते हुए प्रमुख बिंदुओं के अनुसार जिला, ब्लाॅक, ग्राम पंचायत स्तर पर आवश्यक कार्रवाई की जाए. जिला कलक्टर ने निर्देश दिए हैं कि कोविड वेस्ट प्रबंधन के लिए केंद्रीय नियंत्रण प्रदूषण बोर्ड की ओर से जारी संशोधित दिशा-निर्देशों की पालना की जाए.

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