फतेहपुर (सीकर). कोरोना वायरस से फैले संक्रमण के कारण एक ओर जहां लोग लॉकडाउन में अपने घर तक सीमित हैं. वहीं दूसरी ओर कोरोना योद्धा के रूप में सरकारी दायित्व निभाते हुए सीकर जिले के 2 युवाओं ने किसानों की फसल सीधे खेत से बेचने के लिए kisansewa.org नाम से एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है.
वहीं किसान परिवार में जन्म लिए एप्प मैन के नाम से विख्यात टैक्स असिस्टेंट सुरेंद्र तेतरवाल और सहायक भू-प्रबंध अधिकारी डॉ. सुरेंद्र भास्कर ने किसानों की व्यथा को समझते हुए उनकी फसल का उचित मूल्य प्रदान करने के लिए उन्हें एक ऑनलाइन मंडी का विकल्प प्रदान किया है. इस पोर्टल के माध्यम से स्थानीय किसान अपनी फसल की जानकारी ऑनलाइन साझा कर सकते हैं.
साथ ही फसल खरीदने का इच्छुक कोई भी व्यक्ति बिना किसी बिचौलिए के सीधे किसान से संपर्क करके प्राप्त कर सकता है. इससे किसान को वाजिब रेट के साथ मंडी के अनावश्यक चक्करों से छुटकारा मिल जाएगा और साथ ही खरीददार को भी शुद्ध और ताजा अनाज मिल सकेगा. इस प्रकार के पोर्टल से किसान और खरीददार दोनों को फायदा है. इस मंच पर लॉग इन करके कोई भी विक्रेता किसान को सीधे मैसेज भी भेज सकते हैं. साथ ही किसान भी अपनी फसल सहित सभी तरह की जानकारी अपलोड कर सकता है.
इस पोर्टल को चालू किए हुए दो ही दिन हुए, जिनमें 200 किसान रजिस्टर्ड हो चुके हैं. दस हजार क्विंटल अनाज बेचने के लिए उपलब्ध है. सुरेन्द्र तेतरवाल ने बताया कि पोर्टल पर किसान और खरीददार फ्री में ट्रेडिंग कर सकता है. उसे कोई पैसा नहीं देना है. आज के युग में लोग ऑर्गेनिक अनाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं. ऐसे में खरीददारों को ऑर्गेनिक अनाज मिलेगा और वे किसान के घर पर जाकर उसे देख भी सकते हैं कि किसान कैसे उत्पादन करता है. जिससे किसान को उसकी फसल की लागत मिल जाएगी और खरीददार को अपना मनपसंद अनाज मिल जाएगा.
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जानकारी के अनुसार सुरेन्द्र तेतरवाल कई एप्प भी बना चुके हैं. इससे पहले सुरेंद्र तेतरवाल शिक्षा से संबंधित अनेकों फ्री एप्प बनाकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी हो चुके हैं. हाल ही में राजस्थान सरकार के ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध करवाने के प्रयासों को इन्होंने शिक्षावाणी एप्प की ओर से उपलब्ध करवाया. यह एप्प पूरे भारत में प्रथम रैंकिंग में ट्रेंड कर रहा है. इनके बनाए एप्प से 1 करोड़ 50 लाख से ज्यादा छात्र लाभान्वित हो रहे हैं.
इस बार दोनों युवा किसान पुत्र साथियों ने इस वर्ग को नवाचार के साथ आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक फ्री पोर्टल की सौगात दी है. वहीं डॉ. सुरेन्द्र भास्कर ने बताया कि इन्हें इस नेक कार्य की प्रेरणा सीकर जिले के युवा साथियों के बने व्हाट्सअप ग्रुप ‘सीकर गैंग’ और एनजीओ ‘सेवियर एजुकेशन वेलफेयर और अवेयरनेस समिति सीकर’ से प्राप्त हुई.