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SPECIAL: कोरोना के कारण विकास कार्यों पर लगा ब्रेक, सीकर में सांसद कोटे के 52 काम अटके

सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती के कोटे से इस साल कई बड़ी वित्तीय स्वीकृति जारी हो चुकी थी. कुछ जगह छोड़कर सभी जगह काम भी शुरू हो चुका था लेकिन कोरोना के संकट की वजह से अब यह काम पूरा होना मुश्किल है.

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अटके सांसद कोटे के काम
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Published : Jun 17, 2020, 3:11 PM IST

सीकर. कोरोना संक्रमण ने आज जिन्दगी पर ब्रेक सा लगा दिया है. संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए सरकार को लॉकडाउन लागू करना पड़ा. इस लॉकडाउन ने न केवल लोगों की आर्थिक, मानसिक-शारीरिक स्थिति को काफी हद तक प्रभावित किया. चूंकि लॉकडाउन के कारण सभी तरह की आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को रोकना पड़ा इसलिए विकास की रफ्तार धीमा पड़ना भी लाज़मी था. नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सांसद विकास कार्यों को गति देने ही वाले थे कि लॉकडाउन की बेड़ियों ने विकास के कार्यों की रफ्तार पर ब्रेक सा लगा दिया.

अटके सांसद कोटे के काम

बात राजस्थान के सीकर जिले की करें तो यहां भाजपा सांसद सुमेधानंद सरस्वती के कोटे से इस साल में कई बड़ी वित्तीय स्वीकृति जारी हो चुकी थी. कुछ जगह छोड़कर सभी जगह काम भी शुरू हो चुका था, लेकिन कोरोना वायरस के संकट की वजह से अब यह काम पूरे होना मुश्किल नजर आ रहा है.

प्रधानमंत्री के आह्वान पर सभी सांसद अपने 2 साल का बजट तो कोविड फंड में दे ही चुके हैं. वहीं पुराने शुरू हुए काम पहले ही ठप हो चुके हैं. आगामी 2 साल का बजट भी अब नहीं आएगा, ऐसे में अब विकास के कार्य पूरा होना मुश्किल है. सीकर जिले के आंकड़ों पर गौर करें तो सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती के कोटे से जिले के 7 विधानसभा क्षेत्र नीम का थाना, खंडेला, श्रीमाधोपुर, दातारामगढ़, लक्ष्मणगढ़, सीकर और धोद के लिए इस साल में 54 कामों की वित्तीय स्वीकृति जारी हुई थी. इनमें से महज दो काम ऐसे हैं, जिनका काम पूरा हो चुका है और पैसा दिया जा चुका है. इसके अलावा 52 काम आज भी अटके हुए हैं यानी कि उन्हें पूरा नहीं किया जा सका है.

पढें- कोरोना से ग्रामीणों की जंग: प्लानिंग से 'कोरोना फ्री' हुए ग्रामीण...सुरक्षित करने के लिए युवाओं ने संभाली कमान

सीकर जिले में सांसद के कोटे से 3,04,50,000 के कामों की वित्तीय स्वीकृति जारी हो चुकी है, लेकिन बजट नहीं होने की वजह से यह काम पूरे नहीं हो पा रहे हैं. सीकर जिला परिषद के पास स्वामी सुमेधानंद सरस्वती के सांसद कोटे के पुराने बजट में से केवल 60 लाख रुपये बचे हुए हैं, जबकि वित्तीय स्वीकृति 3 करोड़ से ज्यादा रुपए की जारी हो चुकी है. इस वजह से अब यह काम पूरे होना मुश्किल है.

इस साल में स्वीकृत किए गए कामों की बात की जाए तो सांसद कोटे से जिले में सिर्फ दो ही काम अब तक पूरे हो पाए हैं. इनमें से एक खंडेला के पुजारी का बास में इंटर लॉकिंग का काम और नाली का काम हुआ है. इसके अलावा दातारामगढ़ के चैनपुरा में 5 लाख की लागत से इंटरलॉकिंग का काम हुआ है. इसके अलावा कोई भी काम पूरा नहीं हो पाया है.

पढें- कोरोना से ग्रामीणों की जंग: स्पेशल टीम बनी ग्रामीणों के लिए 'कवच', मनरेगा से मिल रहा घर-घर रोजगार

विकास कार्यों में नहीं आने देंगे कमी- सांसद

सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती का कहना है कि कोरोना की वजह से बजट नहीं मिल पाया और 2 साल का पैसा पीएम कोविड-19 केयर फंड में दे दिया गया है. फिर भी सरकार विकास कार्यों में कमी नहीं आने देगी और अन्य कामों के लिए बजट मिलेगा.

जिला परिषद ने केंद्र से मांगा बजट

हालांकि सांसद कोटे से आने वाले 2 साल का बजट कोरोना वायरस के फंड में दिया जा चुका है, लेकिन पुराने कामों के लिए जिला परिषद ने केंद्र सरकार से बजट मांगा है. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेपी बुनकर का कहना है कि पुराने कामों को पूरा करने के लिए अगर बजट मिलेगा तो समय पर पूरा कर दिया जाएगा. सांसद और विधायक कोटे के जो भी काम होते हैं, वह जिला परिषद के जरिए ही होते हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी नया काम अब शुरू नहीं किया जाएगा. जो काम पहले से चल रहा है, बस उसी को बजट आते ही जल्द खत्म करने का प्रयास किया जाएगा.

सीकर. कोरोना संक्रमण ने आज जिन्दगी पर ब्रेक सा लगा दिया है. संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए सरकार को लॉकडाउन लागू करना पड़ा. इस लॉकडाउन ने न केवल लोगों की आर्थिक, मानसिक-शारीरिक स्थिति को काफी हद तक प्रभावित किया. चूंकि लॉकडाउन के कारण सभी तरह की आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को रोकना पड़ा इसलिए विकास की रफ्तार धीमा पड़ना भी लाज़मी था. नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सांसद विकास कार्यों को गति देने ही वाले थे कि लॉकडाउन की बेड़ियों ने विकास के कार्यों की रफ्तार पर ब्रेक सा लगा दिया.

अटके सांसद कोटे के काम

बात राजस्थान के सीकर जिले की करें तो यहां भाजपा सांसद सुमेधानंद सरस्वती के कोटे से इस साल में कई बड़ी वित्तीय स्वीकृति जारी हो चुकी थी. कुछ जगह छोड़कर सभी जगह काम भी शुरू हो चुका था, लेकिन कोरोना वायरस के संकट की वजह से अब यह काम पूरे होना मुश्किल नजर आ रहा है.

प्रधानमंत्री के आह्वान पर सभी सांसद अपने 2 साल का बजट तो कोविड फंड में दे ही चुके हैं. वहीं पुराने शुरू हुए काम पहले ही ठप हो चुके हैं. आगामी 2 साल का बजट भी अब नहीं आएगा, ऐसे में अब विकास के कार्य पूरा होना मुश्किल है. सीकर जिले के आंकड़ों पर गौर करें तो सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती के कोटे से जिले के 7 विधानसभा क्षेत्र नीम का थाना, खंडेला, श्रीमाधोपुर, दातारामगढ़, लक्ष्मणगढ़, सीकर और धोद के लिए इस साल में 54 कामों की वित्तीय स्वीकृति जारी हुई थी. इनमें से महज दो काम ऐसे हैं, जिनका काम पूरा हो चुका है और पैसा दिया जा चुका है. इसके अलावा 52 काम आज भी अटके हुए हैं यानी कि उन्हें पूरा नहीं किया जा सका है.

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सीकर जिले में सांसद के कोटे से 3,04,50,000 के कामों की वित्तीय स्वीकृति जारी हो चुकी है, लेकिन बजट नहीं होने की वजह से यह काम पूरे नहीं हो पा रहे हैं. सीकर जिला परिषद के पास स्वामी सुमेधानंद सरस्वती के सांसद कोटे के पुराने बजट में से केवल 60 लाख रुपये बचे हुए हैं, जबकि वित्तीय स्वीकृति 3 करोड़ से ज्यादा रुपए की जारी हो चुकी है. इस वजह से अब यह काम पूरे होना मुश्किल है.

इस साल में स्वीकृत किए गए कामों की बात की जाए तो सांसद कोटे से जिले में सिर्फ दो ही काम अब तक पूरे हो पाए हैं. इनमें से एक खंडेला के पुजारी का बास में इंटर लॉकिंग का काम और नाली का काम हुआ है. इसके अलावा दातारामगढ़ के चैनपुरा में 5 लाख की लागत से इंटरलॉकिंग का काम हुआ है. इसके अलावा कोई भी काम पूरा नहीं हो पाया है.

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विकास कार्यों में नहीं आने देंगे कमी- सांसद

सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती का कहना है कि कोरोना की वजह से बजट नहीं मिल पाया और 2 साल का पैसा पीएम कोविड-19 केयर फंड में दे दिया गया है. फिर भी सरकार विकास कार्यों में कमी नहीं आने देगी और अन्य कामों के लिए बजट मिलेगा.

जिला परिषद ने केंद्र से मांगा बजट

हालांकि सांसद कोटे से आने वाले 2 साल का बजट कोरोना वायरस के फंड में दिया जा चुका है, लेकिन पुराने कामों के लिए जिला परिषद ने केंद्र सरकार से बजट मांगा है. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेपी बुनकर का कहना है कि पुराने कामों को पूरा करने के लिए अगर बजट मिलेगा तो समय पर पूरा कर दिया जाएगा. सांसद और विधायक कोटे के जो भी काम होते हैं, वह जिला परिषद के जरिए ही होते हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी नया काम अब शुरू नहीं किया जाएगा. जो काम पहले से चल रहा है, बस उसी को बजट आते ही जल्द खत्म करने का प्रयास किया जाएगा.

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