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नवरात्र स्पेशल: सीकर के इस मंदिर में औरंगजेब भी हो गया था नतमस्तक - जयपुर

जिले की जीण माता मंदिर इन दिनों नवरात्र मेला चल रहा है. यहां वर्ष में दो बार मेला लगता है जिसमें लाखों श्रद्धालु मां जीण भवानी के दर्शन के लिए आते हैं. माना जाता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

नवरात्र स्पेशल: सीकर का मां जीणा मंदिर जहां औरंगजेब भी नतमस्तक हो गया था
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Published : Apr 7, 2019, 6:05 PM IST

सीकर. जिले की जीण माता मंदिर इन दिनों नवरात्र मेला चल रहा है. यहां वर्ष में दो बार मेला लगता है जिसमें लाखों श्रद्धालु मां जीण भवानी के दर्शन के लिए आते हैं. माना जाता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यह भी माना जाता है यह मंदिर देश में पहला ऐसा मंदिर है जिसे मुगल बादशाह औरंगजेब नहीं तोड़ पाया था. नवरात्र में 9 दिन तक चलने वाले मेले में करीब 5 लाख श्रद्धालु जीण माता के दर्शन के लिए आते हैं.

जिले की दांतारामगढ़ उपखंड के गांव जीण माता में बने मां जीण का मंदिर कितना पुराना है इसको लेकर किसी के पास कोई जानकारी नहीं है. मंदिर के 700 साल पहले हुए जीर्णोद्धार के तो दस्तावेज है लेकिन मंदिर बना कब था किसी को पता नहीं है. मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव भी इस मंदिर में आए थे. माना जाता है कि यहां की देवी मां साक्षात पर्चा देती है.

जब भाग गई थी औरंगजेब की सेना:
यहां के पुजारी बताते हैं कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने देश के कई मंदिरों में तोड़फोड़ की थी. मंदिर तोड़ते हुये औरंगजेब सीकर पहुंच गया था यहां पर पहले तो हर्षनाथ के भेरुजी मंदिर में तोड़फोड़ की और उसके बाद जीण माता आया.

नवरात्र स्पेशल: सीकर का मां जीणा मंदिर जहां औरंगजेब भी नतमस्तक हो गया था

यहां जैसे ही औरंगजेब ने मंदिर की तरफ रुख किया तो माता की कृपा से हजारों की संख्या में भंवरों ने उसकी सेना पर हमला कर दिया. औरंगजेब की पूरी सेना यहां से भाग खड़ी हुई. इसके बाद अकेला औरंगजेब मंदिर की तरफ जाने लगा तो उसे भी बाहर फेंक दिया गया. बाद में औरंगजेब यहां नतमस्तक हुआ और मंदिर में अखंड ज्योत जलाई आज वह जोत अखंड जलती है.

सीकर. जिले की जीण माता मंदिर इन दिनों नवरात्र मेला चल रहा है. यहां वर्ष में दो बार मेला लगता है जिसमें लाखों श्रद्धालु मां जीण भवानी के दर्शन के लिए आते हैं. माना जाता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यह भी माना जाता है यह मंदिर देश में पहला ऐसा मंदिर है जिसे मुगल बादशाह औरंगजेब नहीं तोड़ पाया था. नवरात्र में 9 दिन तक चलने वाले मेले में करीब 5 लाख श्रद्धालु जीण माता के दर्शन के लिए आते हैं.

जिले की दांतारामगढ़ उपखंड के गांव जीण माता में बने मां जीण का मंदिर कितना पुराना है इसको लेकर किसी के पास कोई जानकारी नहीं है. मंदिर के 700 साल पहले हुए जीर्णोद्धार के तो दस्तावेज है लेकिन मंदिर बना कब था किसी को पता नहीं है. मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव भी इस मंदिर में आए थे. माना जाता है कि यहां की देवी मां साक्षात पर्चा देती है.

जब भाग गई थी औरंगजेब की सेना:
यहां के पुजारी बताते हैं कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने देश के कई मंदिरों में तोड़फोड़ की थी. मंदिर तोड़ते हुये औरंगजेब सीकर पहुंच गया था यहां पर पहले तो हर्षनाथ के भेरुजी मंदिर में तोड़फोड़ की और उसके बाद जीण माता आया.

नवरात्र स्पेशल: सीकर का मां जीणा मंदिर जहां औरंगजेब भी नतमस्तक हो गया था

यहां जैसे ही औरंगजेब ने मंदिर की तरफ रुख किया तो माता की कृपा से हजारों की संख्या में भंवरों ने उसकी सेना पर हमला कर दिया. औरंगजेब की पूरी सेना यहां से भाग खड़ी हुई. इसके बाद अकेला औरंगजेब मंदिर की तरफ जाने लगा तो उसे भी बाहर फेंक दिया गया. बाद में औरंगजेब यहां नतमस्तक हुआ और मंदिर में अखंड ज्योत जलाई आज वह जोत अखंड जलती है.

Intro:सीकर जिले की जीण माता मंदिर इन दिनों नवरात्र मेला चल रहा है। यहां वर्ष में दो बार मेला भरता है जिसमें लाखों श्रद्धालु मां जीण भवानी के दर्शन के लिए आते हैं। माना जाता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होते हैं। यह भी माना जाता है यह मंदिर देश में पहला ऐसा मंदिर है जिसे मुगल बादशाह औरंगजेब तोड़ नहीं पाया था। नवरात्र में 9 दिन तक चलने वाला मेले में करीब 5 लाख श्रद्धालु जीण माता आते हैं।


Body:सीकर जिले की दांतारामगढ़ उपखंड के गांव जीण माता में बने मां जीण का मंदिर कितना पुराना है इसको लेकर किसी के पास कोई जानकारी नहीं है। मंदिर के 700 साल पहले हुए जीर्णोद्धार के तो दस्तावेज है लेकिन मंदिर बना कब था किसी को पता नहीं है। मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव भी इस मंदिर में आए थे। माना जाता है कि यहां की देवी मां साक्षात पर्चा देती है।

भाग गई थी औरंगजेब की सेना
यह के पुजारी बताते हैं कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने देश के कई मंदिरों में तोड़फोड़ की थी। मंदिर तोड़ते हुये औरंगजेब सीकर पहुंच गया था यहां पर पहले तो हर्षनाथ के भेरुजी मंदिर में तोड़फोड़ की और उसके बाद जीण माता आया। यहां जैसे ही औरंगजेब में मंदिर की तरफ रुख किया तो माता की कृपा से हजारों की संख्या में भंवरों ने उसकी सेना पर हमला कर दिया औरंगजेब की पूरी सेना यहां से भाग खड़ी हुई। इसके बाद अकेला औरंगजेब मंदिर की तरफ जाने लगा तो उसे भी बाहर फेंक दिया गया। बाद में औरंगजेब यह नतमस्तक हुआ और मंदिर में अखंड ज्योत जलाई आज वह जोत अखंड जलती है।


जात जडूले का है विशेष महत्व
जीण माता मंदिर में जात और जडूले का विशेष महत्व है। यहां पर नवविवाहित जोड़े गठजोड़ की जाते जाते हैं तो जन्म के कुछ समय बाद छोटे बच्चों को लाकर यहां पर जडूला उतारा जाता है।





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