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सीकरः सरकार की नई नीति से शराब ठेकेदारों का मोह भंग, बिना लॉटरी के ही आवंटित हो गए कई शराब ठेके - हिंदी न्यूज

सीकर में 29 अंग्रेजी मदिरा समूह और 277 देसी मदिरा समूह के लिए गुरुवार को लॉटरी निकाली गई. जिनमें बहुत कम आवेदन प्राप्त हुए हैं. इसका एक कारण प्रदेश में नई शराब नीति और हर बार बढ़ रही शराब ठेकों की गारंटी भी सामने आ रहा है.

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देसी मदिरा समूह के लिए लॉटरी निकाली गई
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Published : Mar 12, 2020, 5:28 PM IST

सीकर. प्रदेश में नई शराब नीति और हर बार बढ़ रही शराब ठेकों की गारंटी की वजह से इस कारोबार से भी अब ठेकेदारों का मोहभंग हो गया है. 2 साल पहले तक जिन शराब ठेकों के लिए 15 से 20 से भी ज्यादा आवेदन आते थे उनके लिए अब या तो महज एक आवेदन आ रहा है या दो या तीन आवेदन आ रहे हैं.

देसी मदिरा समूह के लिए लॉटरी निकाली गई

सीकर जिले की बात की जाए तो 29 अंग्रेजी मदिरा समूह और 277 देसी मदिरा समूह के लिए गुरुवार को लॉटरी निकाली गई. देसी मदिरा समूह के लिए 8533 और अंग्रेजी मदिरा समूह के लिए 4095 आवेदन प्राप्त हुए. इस तरह जिले में कुल 12630 आवेदन पत्र प्राप्त हुए जबकि 2 साल पहले तक इन्हीं आवेदन पत्रों की संख्या 25 से 30 हजार होती थी.

17 समूह बिना लॉटरी की आवंटित

जिले में 17 समूह तो ऐसे थे जिनके लिए महज एक ही आवेदन पत्र प्राप्त हुआ था, इसलिए इनकी लॉटरी नहीं करनी पड़ी. वहीं जिन्होंने आवेदन किया उनको दुकान आवंटित कर दी गई. इसके अलावा बहुत से ऐसे समूह हैं जिनके लिए महज दो या तीन आवेदन पत्र ही जमा हुए थे. जबकि पहले इन्हीं समूह के लिए 15 से 20 आवेदन प्राप्त होते थे.

पढ़ें. राजस्थान के ब्यूना विस्ता रिजॉर्ट में पहुंचे एमपी कांग्रेस विधायक, सीएम गहलोत भी मंत्रियों के साथ मौजूद


बढ़ती गारंटी और नई नीति बनी वजह है

देसी समूह के लिए हर साल बढ़ाई जा रही गारंटी शराब कारोबारियों की मोहभंग होने की वजह बनी है. जिसके कारण बहुत कम आवेदन जमा हुए क्योंकि जितनी गारंटी सरकार तय करती है उतनी शराब बिकती नहीं है. इसके अलावा नई नीति में कई अन्य बदलाव किए गए हैं जैसे कि देसी शराब ठेकों पर सस्ती अंग्रेजी शराब बेचने का प्रावधान 20 बार लागू हुआ है. उसकी वजह से भी आवेदन कम जमा हुए हैं.

सीकर. प्रदेश में नई शराब नीति और हर बार बढ़ रही शराब ठेकों की गारंटी की वजह से इस कारोबार से भी अब ठेकेदारों का मोहभंग हो गया है. 2 साल पहले तक जिन शराब ठेकों के लिए 15 से 20 से भी ज्यादा आवेदन आते थे उनके लिए अब या तो महज एक आवेदन आ रहा है या दो या तीन आवेदन आ रहे हैं.

देसी मदिरा समूह के लिए लॉटरी निकाली गई

सीकर जिले की बात की जाए तो 29 अंग्रेजी मदिरा समूह और 277 देसी मदिरा समूह के लिए गुरुवार को लॉटरी निकाली गई. देसी मदिरा समूह के लिए 8533 और अंग्रेजी मदिरा समूह के लिए 4095 आवेदन प्राप्त हुए. इस तरह जिले में कुल 12630 आवेदन पत्र प्राप्त हुए जबकि 2 साल पहले तक इन्हीं आवेदन पत्रों की संख्या 25 से 30 हजार होती थी.

17 समूह बिना लॉटरी की आवंटित

जिले में 17 समूह तो ऐसे थे जिनके लिए महज एक ही आवेदन पत्र प्राप्त हुआ था, इसलिए इनकी लॉटरी नहीं करनी पड़ी. वहीं जिन्होंने आवेदन किया उनको दुकान आवंटित कर दी गई. इसके अलावा बहुत से ऐसे समूह हैं जिनके लिए महज दो या तीन आवेदन पत्र ही जमा हुए थे. जबकि पहले इन्हीं समूह के लिए 15 से 20 आवेदन प्राप्त होते थे.

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बढ़ती गारंटी और नई नीति बनी वजह है

देसी समूह के लिए हर साल बढ़ाई जा रही गारंटी शराब कारोबारियों की मोहभंग होने की वजह बनी है. जिसके कारण बहुत कम आवेदन जमा हुए क्योंकि जितनी गारंटी सरकार तय करती है उतनी शराब बिकती नहीं है. इसके अलावा नई नीति में कई अन्य बदलाव किए गए हैं जैसे कि देसी शराब ठेकों पर सस्ती अंग्रेजी शराब बेचने का प्रावधान 20 बार लागू हुआ है. उसकी वजह से भी आवेदन कम जमा हुए हैं.

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