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स्पेशल स्टोरी: सीकर में यह समाज भद्रा काल में करता है होलिका दहन, कभी नहीं करता मुहूर्त का इंतजार

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Published : Mar 9, 2020, 7:42 PM IST

देश में होली का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इस दिन लोग एक दूसरे को रंग लगा कर शुभकामनाएं देते हैं, लेकिन सीकर में एक समाज ऐसा भी है जिसने सोमवार को दोपहर में ही होलिका दहन कर दिया. जबकि कहीं भी भद्राकाल में होलिका दहन नहीं होता है.

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सीकर में दोपहर में किया गया होलिका दहन

सीकर. रंगों के त्योहार होली पर होलिका दहन को लेकर भी अलग-अलग जगह अलग-अलग मान्यताएं हैं. ज्यादातर जगह मुहूर्त के हिसाब से ही होलिका दहन किया जाता है, लेकिन काफी जगह इसको लेकर अलग-अलग प्रचलन है. बता दें कि सीकर में एक समाज ऐसा भी है जो भद्रा काल में ही होलिका दहन कर देता है जबकि कहीं भी भद्राकाल में होलिका दहन नहीं होता है.

सीकर में दोपहर में किया गया होलिका दहन
जानकारी के मुताबिक सीकर में तिवाड़ी समाज में एक वर्ग ऐसा है जिन्हें भद्रा तिवाड़ी कहा जाता है. इन्हे भद्रा तिवाड़ी इसीलिए कहा जाता है कि यह सभी शुभ कार्य भद्रा में ही करते हैं. जबकि भद्रा में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है. इस समाज के लोग होलिका दहन भी भद्रा के दौरान ही करते हैं. सोमवार को इस समाज ने दोपहर में ही होलिका दहन कर दिया.
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होलिका दहन करते भद्रा तिवाड़ी समाज के लोग


पढ़ें- जयपुरः प्रॉपर्टी व्यवसायी पर बाइक सवार 2 बदमाशों ने की फायरिंग, घायल व्यापारी SMS हॉस्पिटल रेफर


देवी ने दिया था वरदान

भद्रा तिवाड़ी समाज के लोगों की मान्यता है कि किसी समय में उनके पूर्वज किसी शुभ कार्य से जा रहे थे. इसी दौरान उन्हें भद्रा माता के दर्शन हुए, जब उन्होंने इसके लिए टोका और कहा कि वे शुभ कार्य के लिए जा रहे थे और उन्हें दर्शन हो गए तो अब उनके काम सिद्ध नहीं होंगे. इसी बात पर उनको वरदान दिया गया था कि हर शुभ काम भद्रा में ही करना है.

सीकर. रंगों के त्योहार होली पर होलिका दहन को लेकर भी अलग-अलग जगह अलग-अलग मान्यताएं हैं. ज्यादातर जगह मुहूर्त के हिसाब से ही होलिका दहन किया जाता है, लेकिन काफी जगह इसको लेकर अलग-अलग प्रचलन है. बता दें कि सीकर में एक समाज ऐसा भी है जो भद्रा काल में ही होलिका दहन कर देता है जबकि कहीं भी भद्राकाल में होलिका दहन नहीं होता है.

सीकर में दोपहर में किया गया होलिका दहन
जानकारी के मुताबिक सीकर में तिवाड़ी समाज में एक वर्ग ऐसा है जिन्हें भद्रा तिवाड़ी कहा जाता है. इन्हे भद्रा तिवाड़ी इसीलिए कहा जाता है कि यह सभी शुभ कार्य भद्रा में ही करते हैं. जबकि भद्रा में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है. इस समाज के लोग होलिका दहन भी भद्रा के दौरान ही करते हैं. सोमवार को इस समाज ने दोपहर में ही होलिका दहन कर दिया.
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होलिका दहन करते भद्रा तिवाड़ी समाज के लोग


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देवी ने दिया था वरदान

भद्रा तिवाड़ी समाज के लोगों की मान्यता है कि किसी समय में उनके पूर्वज किसी शुभ कार्य से जा रहे थे. इसी दौरान उन्हें भद्रा माता के दर्शन हुए, जब उन्होंने इसके लिए टोका और कहा कि वे शुभ कार्य के लिए जा रहे थे और उन्हें दर्शन हो गए तो अब उनके काम सिद्ध नहीं होंगे. इसी बात पर उनको वरदान दिया गया था कि हर शुभ काम भद्रा में ही करना है.

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