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सीकर में जामिया लाठीचार्ज और सीएए के विरोध में मुस्लिम महिलाएं सड़क पर, प्रशासन अलर्ट

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Published : Dec 17, 2019, 7:58 PM IST

जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में हुए लाठीचार्ज और नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ सीकर में भी मुस्लिम महिलाएं सड़क पर उतर आई है. महिलाओं ने शहर में रैली निकाली और अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा. इसके बाद आंदोलन की आहट को देखते हुए सीकर में पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गई.

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जामिया लाठीचार्ज और सीएए का विरोध

सीकर. जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में हुए लाठीचार्ज के विरोध में और नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में मुस्लिम समाज की रैली में काफी संख्या में महिलाएं शामिल हुई और उन्होंने जमकर नारेबाजी की.

जामिया लाठीचार्ज और सीएए का विरोध

इस एक्ट के खिलाफ सीकर में पहली बार मुस्लिम समाज ने प्रदर्शन किया है. एहतियात के तौर पर प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. वहीं सूत्रों की मानें तो यहां भी समाज इस अक्ट के विरोध में आंदोलन कर सकता है. इसको देखते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट हुआ है.

पढ़ेंः सीकरः पेट्रोल पंप पर फायरिंग का एक आरोपी गिरफ्तार, दूसरा अब भी फरार

मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि यूनिवर्सिटी में पुलिस ने छात्राओं के साथ बदतमीजी की जो बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसके अलावा सीएए के मार्फत सरकार देश के संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही है और समाज उसको लेकर आंदोलन करेगा.

चूरू के सादुलपुर में एनआरसी और सीएए का विरोध-

चूरू के सादुलपुर में शीतला बाजार से बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय और भीम आर्मी सेना की ओर से एनआरसी और सीएए के विरोध में जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया गया. साथ ही एक्ट को निरस्त करने की मांग की गई. वहीं केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध भी जताया गया.

सादुलपुर में एनआरसी और सीएए का विरोध

जुलूस शहर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ मिनी सचिवालय पहुंचा जहां लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बताया कि केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में लाया गया एनआरसी और सीएए संविधान के विरुद्ध है. उक्त एक्ट से संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का खुला उल्लंघन है.

पढ़ेंः NTT भर्ती मामला: अंतिम सूची जारी करने की मांग को लेकर मंत्री ममता भूपेश के निवास पर जुटे अभ्यर्थी

ज्ञापन में बताया गया कि बिल के अनुसार देश के पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार और देश के पूर्व सेना अधिकारी राष्ट्रपति पदक से सम्मानित सनाउल खान को डिटेक्शन में डाला गया है. जो निंदनीय घटना है. साथ ही कहा कि एक्ट को लागू किया जाता है तो देश में अराजकता का माहौल बन जाएगा. एक्ट का विरोध कर रहे जामिया और अलीगढ़ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को बिना वीसी की परमिशन विश्वविद्यालय विद्यालय प्रांगण में घुसकर मारपीट की घटना की भी निंदा की गई है.

ज्ञापन में समस्त बिंदुओं के आधार पर संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के अनुसार सभी वर्गों को सम्मान मानते हुए खारिज करने की मांग की है. इस अवसर पर मोहम्मद अजीज खींची, सुभाष जोईय, इदरीश गहलोत, हैदर अली, मनीराम गनोलिया, रोहिताश पूनिया, अजय बोध सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे. जुलूस के दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से माकूल व्यवस्था की गई थी.

सीकर. जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में हुए लाठीचार्ज के विरोध में और नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में मुस्लिम समाज की रैली में काफी संख्या में महिलाएं शामिल हुई और उन्होंने जमकर नारेबाजी की.

जामिया लाठीचार्ज और सीएए का विरोध

इस एक्ट के खिलाफ सीकर में पहली बार मुस्लिम समाज ने प्रदर्शन किया है. एहतियात के तौर पर प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. वहीं सूत्रों की मानें तो यहां भी समाज इस अक्ट के विरोध में आंदोलन कर सकता है. इसको देखते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट हुआ है.

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मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि यूनिवर्सिटी में पुलिस ने छात्राओं के साथ बदतमीजी की जो बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसके अलावा सीएए के मार्फत सरकार देश के संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही है और समाज उसको लेकर आंदोलन करेगा.

चूरू के सादुलपुर में एनआरसी और सीएए का विरोध-

चूरू के सादुलपुर में शीतला बाजार से बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय और भीम आर्मी सेना की ओर से एनआरसी और सीएए के विरोध में जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया गया. साथ ही एक्ट को निरस्त करने की मांग की गई. वहीं केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध भी जताया गया.

सादुलपुर में एनआरसी और सीएए का विरोध

जुलूस शहर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ मिनी सचिवालय पहुंचा जहां लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बताया कि केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में लाया गया एनआरसी और सीएए संविधान के विरुद्ध है. उक्त एक्ट से संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का खुला उल्लंघन है.

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ज्ञापन में बताया गया कि बिल के अनुसार देश के पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार और देश के पूर्व सेना अधिकारी राष्ट्रपति पदक से सम्मानित सनाउल खान को डिटेक्शन में डाला गया है. जो निंदनीय घटना है. साथ ही कहा कि एक्ट को लागू किया जाता है तो देश में अराजकता का माहौल बन जाएगा. एक्ट का विरोध कर रहे जामिया और अलीगढ़ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को बिना वीसी की परमिशन विश्वविद्यालय विद्यालय प्रांगण में घुसकर मारपीट की घटना की भी निंदा की गई है.

ज्ञापन में समस्त बिंदुओं के आधार पर संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के अनुसार सभी वर्गों को सम्मान मानते हुए खारिज करने की मांग की है. इस अवसर पर मोहम्मद अजीज खींची, सुभाष जोईय, इदरीश गहलोत, हैदर अली, मनीराम गनोलिया, रोहिताश पूनिया, अजय बोध सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे. जुलूस के दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से माकूल व्यवस्था की गई थी.

Intro:सीकर
जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में हुए लाठीचार्ज और नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ सीकर में भी मुस्लिम महिलाएं सड़क पर उतर आए। महिलाओं ने सीकर शहर में रैली निकाली और ज्ञापन सौंपा। इसके बाद आंदोलन की आहट को देखते हुए सीकर में पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया।


Body:जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में हुए लाठीचार्ज के विरोध में और नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में मुस्लिम समाज की रैली में काफी संख्या में महिलाएं आगे शामिल हुई और उन्होंने जमकर नारेबाजी की। इस बिल के खिलाफ सीकर में पहली बार मुस्लिम समाज ने प्रदर्शन किया है। एहतियात के तौर पर प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। सूत्रों की मानें तो यहां भी समाज इस बिल के विरोध में आंदोलन कर सकता है इसको देखते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट हुआ है। मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि यूनिवर्सिटी में पुलिस ने छात्राओं के साथ बदतमीजी की जो बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके अलावा सीएबी बिल के मार्फत सरकार देश के संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही है समाज उसको लेकर आंदोलन करेगा।


Conclusion:बाईट
शाहीन जाटू,
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