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सीकर: फर्जी कृषि कनेक्शन जारी करने पर पावर कारपोरेश के सहायक अभियंता के खिलाफ FIR, 101 किसानों पर भी मुकदमा

सीकर के फतेहपुर में कार्यालय सहायक अभियंता और लिपिक ने सैकड़ों किसानों को गलत तरीके से कृषि कनेक्शन जारी किए हैं. इस मामले में अब बिजली निगम की ओर से सहायक अभियंता और लिपिक सहित 101 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है जिसके आधार पर पुलिस जांच में जुटी है.

फर्जी तरीके से जारी किए कृषि कनेक्शन, Fake connections issued by fake means
फर्जी तरीके से जारी किए कृषि कनेक्शन
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Published : Jan 1, 2021, 6:30 PM IST

सीकर. जिले में बिजली निगम के सहायक अभियंता और लिपिक ने आपस में सांठगांठ कर सैकड़ों किसानों को फर्जी तरीके से विद्युत कनेक्शन जारी कर दिए. इस मामले में अब बिजली निगम की ओर से सहायक अभियंता और लिपिक सहित 101 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. जिसके आधार पर पुलिस जांच में जुटी है.

फर्जी तरीके से जारी किए कृषि कनेक्शन

जानकारी के मुताबिक सीकर के फतेहपुर ग्रामीण में कार्यालय सहायक अभियंता मुकेश टेलर और लिपिक बाबूलाल ढाका ने सैकड़ों किसानों को गलत तरीके से कृषि कनेक्शन जारी किए हैं. इन्होंने इन कृषि कनेक्शन में तहसीलदार का फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर फाइल को आगे बढ़ा दिया और कनेक्शन हो गए.

मामला सामने आने के बाद बिजली निगम ने अपने स्तर पर इसकी जांच करवाई तो फर्जीवाड़ा सामने आया. अब इस मामले में निगम के दूसरे सहायक अभियंता अजीत पाल ने मुकदमा दर्ज करवाया है. हालांकि इस मुकदमे में 101 किसानों के खिलाफ भी रिपोर्ट दी गई है. जबकि पुलिस का कहना है कि किसानों के हस्ताक्षर फाइलों पर नहीं मिले हैं. ऐसे में यह साफ है कि निगम के सहायक अभियंता और लिपिक ने हीं पूरा फर्जीवाड़ा किया है.

पढ़ें- सीकर में कड़ाके की ठंड से नववर्ष का आगाज, पारा @ - 2

इस तरह से किया फर्जीवाड़ा

बिजली निगम के नियमों के मुताबिक किसानों को कृषि कनेक्शन लेने से पहले ट्यूबवेल 2011 से पहले का होने का प्रमाण पत्र देना पड़ता है. इन किसानों के ट्यूबेल पुराने नहीं थे. इसके बाद भी बिजली निगम के सहायक अभियंता ने फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर कनेक्शन दे दिए, जबकि प्रमाण पत्र केवल तहसीलदार जारी करते हैं, लेकिन उन्होंने तहसीलदार का फर्जी प्रमाण पत्र जारी करवा लिया. तहसील से जब रिकॉर्ड मांगा गया तो सामने आया कि वहां से प्रमाण पत्र जारी नहीं हुई.

सीकर. जिले में बिजली निगम के सहायक अभियंता और लिपिक ने आपस में सांठगांठ कर सैकड़ों किसानों को फर्जी तरीके से विद्युत कनेक्शन जारी कर दिए. इस मामले में अब बिजली निगम की ओर से सहायक अभियंता और लिपिक सहित 101 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. जिसके आधार पर पुलिस जांच में जुटी है.

फर्जी तरीके से जारी किए कृषि कनेक्शन

जानकारी के मुताबिक सीकर के फतेहपुर ग्रामीण में कार्यालय सहायक अभियंता मुकेश टेलर और लिपिक बाबूलाल ढाका ने सैकड़ों किसानों को गलत तरीके से कृषि कनेक्शन जारी किए हैं. इन्होंने इन कृषि कनेक्शन में तहसीलदार का फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर फाइल को आगे बढ़ा दिया और कनेक्शन हो गए.

मामला सामने आने के बाद बिजली निगम ने अपने स्तर पर इसकी जांच करवाई तो फर्जीवाड़ा सामने आया. अब इस मामले में निगम के दूसरे सहायक अभियंता अजीत पाल ने मुकदमा दर्ज करवाया है. हालांकि इस मुकदमे में 101 किसानों के खिलाफ भी रिपोर्ट दी गई है. जबकि पुलिस का कहना है कि किसानों के हस्ताक्षर फाइलों पर नहीं मिले हैं. ऐसे में यह साफ है कि निगम के सहायक अभियंता और लिपिक ने हीं पूरा फर्जीवाड़ा किया है.

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इस तरह से किया फर्जीवाड़ा

बिजली निगम के नियमों के मुताबिक किसानों को कृषि कनेक्शन लेने से पहले ट्यूबवेल 2011 से पहले का होने का प्रमाण पत्र देना पड़ता है. इन किसानों के ट्यूबेल पुराने नहीं थे. इसके बाद भी बिजली निगम के सहायक अभियंता ने फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर कनेक्शन दे दिए, जबकि प्रमाण पत्र केवल तहसीलदार जारी करते हैं, लेकिन उन्होंने तहसीलदार का फर्जी प्रमाण पत्र जारी करवा लिया. तहसील से जब रिकॉर्ड मांगा गया तो सामने आया कि वहां से प्रमाण पत्र जारी नहीं हुई.

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