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Special: सीकर में YouTube और TV के जरिए योग सीखकर मासूम बन गया योग साधक, कहलाने लगा जूनियर रामदेव

कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जब लॉकडाउन हुआ तो स्कूल भी बंद हो गए. इस दौरान ही सीकर के बेरी गांव में रहने वाले 8 साल के देवांक सुंडा ने ऐसा काम शुरू किया कि 3 महीने बाद वो इसमें महारथी बन गया. उसने यूट्यूब और टीवी पर वीडियो देखकर योग सीखा और अब सभी को सिखा भी रहा है. ऐसे में इसे जूनियर रामदेव कहा जाने लगा है.

Sikar News, योग साधक मासूम, yoga specialist boy
महज 3 महीने में ही सीकर का एक मासूम बन गया योग साधक
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Published : Sep 13, 2020, 5:57 PM IST

सीकर. महज 3 महीने की मेहनत में ही सीकर के एक 8 साल के बच्चे ने ऐसा काम कर दिखाया है, जो अब बड़े-बड़े लोगों के लिए प्रेरणा बन सकता है. दरअसल, कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जब लॉकडाउन हुआ तो स्कूल भी बंद हो गए. इस दौरान इस बच्चे ने ऐसा काम शुरू किया कि 3 महीने बाद वो इसमें महारथी बन गया. सीकर के बेरी गांव के रहने वाले 8 साल के बच्चे देवांक सुंडा ने यूट्यूब और टीवी के जरिए बाबा रामदेव के वीडियो देखकर योग सीखा और अब सभी को सिखा भी रहा है. ये बच्चों और अपने से बड़ों को योग सिखा रहा है. ऐसे में इसे जूनियर रामदेव कहा जाने लगा है.

महज 3 महीने में ही सीकर का एक मासूम बन गया योग साधक

पढ़ें: SPECIAL : महामारी के दौर में शुरू हुई online क्लास, किताबें बेचने और छापने वालों पर छाया संकट

बता दें कि लॉकडाउन होने से पहले तक इस बच्चे ने कभी योग नहीं किया था और जब एक बार शुरू किया तो योग ही इसके जीवन का लक्ष्य बनकर रह गया है. 8 साल के इस बच्चे ने स्कूल बंद होने के बाद यूट्यूब और टीवी के जरिए बाबा रामदेव के वीडियो देखने शुरू कर दिए और कुछ दिन बाद ही सुबह रोज ये सभी स्टेप करने लगा. 3 महीने बाद तो वो सभी तरह के आसन खुद करने लगा. परिवार के सभी बच्चों को और बड़ों को भी योग सिखाने लगा. देवांक का कहना है कि मां का वजन काफी बढ़ा हुआ था, वहीं मेरा वजन बढ़ नहीं रहा था. जब योग शुरू किया तो मां का वजन 10 किलो कम हो गया और मेरा वजन 3 किलो बढ़ गया.

पढ़ें: Special: शौर्य गैलरी पर यूआईटी ने बदले प्लान...सिर्फ ओपन थिएटर बनाकर छोड़ा

देवांक अब हर दिन सुबह अपने परिवार के 12 बच्चों को योग सिखाता है और बड़े भी उसके पास योग करते हैं. धनुरआसन, मयूरासन, सर्वांगासन, शीर्षासन, पूर्ण हलासन और सर्पमणि मुद्रासन जैसे मुश्किल आसन तो अब उसके लिए बेहद आसान हो चुके हैं. उसको देखकर लगता नहीं कि उसने यूट्यूब के जरिए इतने कम समय में योग सीखा है. देखने पर ऐसे लगता है कि जैसे वो किसी बड़े इंस्टिट्यूट में तैयारी करके आया है. उसका सपना है कि वो बाबा रामदेव के साथ बैठकर लोगों को योग सिखाएं

सुबह करीब 3 घंटे योग करता है देवांक
चौथी कक्षा में पढ़ने वाला देवांक रोज सुबह 5 बजे उठ जाता है. सुबह 8 बजे तक योगासन करता है और शाम को हर दिन करीब एक घंटे साइकिल भी चलाता है. उसकी मां प्रेम देवी भी उसके साथ योग करती हैं. योग करने के दौरान परिवार के अन्य बच्चे और महिलाएं भी मौजूद रहती हैं. उसकी मौसी सुमन सुंडा का कहना है कि देवांक पूरे दिन योगी की क्रियाओं का अभ्यास करता रहता है और इसमें अब परिवार के भी सभी लोग उसका सहयोग करते हैं. सभी का सपना है कि वो योग में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाएं.

योग इंस्टिट्यूट में दाखिला करवाएंगे पिता
जयपुर में रहकर ठेकेदारी करने वाले पिता का कहना है कि अब वो देवांक को यहां लाएंगे और उसका अच्छे योग इंस्टिट्यूट में दाखिला करवाएंगे. देवांक के पिता रामवतार सूंडा का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान समय नहीं बीतता था. ऐसे में योग की शुरुआत की थी. लेकिन, बाद में ये बच्चे की दिनचर्या में शामिल हो गया.

सीकर. महज 3 महीने की मेहनत में ही सीकर के एक 8 साल के बच्चे ने ऐसा काम कर दिखाया है, जो अब बड़े-बड़े लोगों के लिए प्रेरणा बन सकता है. दरअसल, कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जब लॉकडाउन हुआ तो स्कूल भी बंद हो गए. इस दौरान इस बच्चे ने ऐसा काम शुरू किया कि 3 महीने बाद वो इसमें महारथी बन गया. सीकर के बेरी गांव के रहने वाले 8 साल के बच्चे देवांक सुंडा ने यूट्यूब और टीवी के जरिए बाबा रामदेव के वीडियो देखकर योग सीखा और अब सभी को सिखा भी रहा है. ये बच्चों और अपने से बड़ों को योग सिखा रहा है. ऐसे में इसे जूनियर रामदेव कहा जाने लगा है.

महज 3 महीने में ही सीकर का एक मासूम बन गया योग साधक

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बता दें कि लॉकडाउन होने से पहले तक इस बच्चे ने कभी योग नहीं किया था और जब एक बार शुरू किया तो योग ही इसके जीवन का लक्ष्य बनकर रह गया है. 8 साल के इस बच्चे ने स्कूल बंद होने के बाद यूट्यूब और टीवी के जरिए बाबा रामदेव के वीडियो देखने शुरू कर दिए और कुछ दिन बाद ही सुबह रोज ये सभी स्टेप करने लगा. 3 महीने बाद तो वो सभी तरह के आसन खुद करने लगा. परिवार के सभी बच्चों को और बड़ों को भी योग सिखाने लगा. देवांक का कहना है कि मां का वजन काफी बढ़ा हुआ था, वहीं मेरा वजन बढ़ नहीं रहा था. जब योग शुरू किया तो मां का वजन 10 किलो कम हो गया और मेरा वजन 3 किलो बढ़ गया.

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देवांक अब हर दिन सुबह अपने परिवार के 12 बच्चों को योग सिखाता है और बड़े भी उसके पास योग करते हैं. धनुरआसन, मयूरासन, सर्वांगासन, शीर्षासन, पूर्ण हलासन और सर्पमणि मुद्रासन जैसे मुश्किल आसन तो अब उसके लिए बेहद आसान हो चुके हैं. उसको देखकर लगता नहीं कि उसने यूट्यूब के जरिए इतने कम समय में योग सीखा है. देखने पर ऐसे लगता है कि जैसे वो किसी बड़े इंस्टिट्यूट में तैयारी करके आया है. उसका सपना है कि वो बाबा रामदेव के साथ बैठकर लोगों को योग सिखाएं

सुबह करीब 3 घंटे योग करता है देवांक
चौथी कक्षा में पढ़ने वाला देवांक रोज सुबह 5 बजे उठ जाता है. सुबह 8 बजे तक योगासन करता है और शाम को हर दिन करीब एक घंटे साइकिल भी चलाता है. उसकी मां प्रेम देवी भी उसके साथ योग करती हैं. योग करने के दौरान परिवार के अन्य बच्चे और महिलाएं भी मौजूद रहती हैं. उसकी मौसी सुमन सुंडा का कहना है कि देवांक पूरे दिन योगी की क्रियाओं का अभ्यास करता रहता है और इसमें अब परिवार के भी सभी लोग उसका सहयोग करते हैं. सभी का सपना है कि वो योग में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाएं.

योग इंस्टिट्यूट में दाखिला करवाएंगे पिता
जयपुर में रहकर ठेकेदारी करने वाले पिता का कहना है कि अब वो देवांक को यहां लाएंगे और उसका अच्छे योग इंस्टिट्यूट में दाखिला करवाएंगे. देवांक के पिता रामवतार सूंडा का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान समय नहीं बीतता था. ऐसे में योग की शुरुआत की थी. लेकिन, बाद में ये बच्चे की दिनचर्या में शामिल हो गया.

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