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सीकर में मनरेगा के तहत 65 हजार श्रमिक कार्यरत, अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा

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Published : Jul 31, 2020, 8:53 PM IST

सीकर में मनरेगा के तहत करीब 65 श्रमिक कार्य कर रहे हैं. फिलहाल, इसकी पहली वजह बेरोजगारी और दूसरी वजह लॉकडाउन माना जा रहा है. सीकर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की माने तो जब से मनरेगा कार्य हो रहा है, तब से लेकर अब तक का यह सबसे अधिक आंकड़ा है.

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मनरेगा में कार्य करने वाले श्रमिकों की संख्या बढ़ी

सीकर. कोरोना वायरस की वजह से लागू हुए लॉकडाउन के बाद बेरोजगारी बहुत ज्यादा तेजी से बढ़ी है. यही वजह है कि मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) में लगातार लोग रोजगार मांगने आ रहे हैं. सीकर जिले की बात करेंगे तो अब तक मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों की संख्या सबसे ज्यादा हो चुकी है.

जानकारी के मुताबिक सीकर में मनरेगा श्रमिकों की संख्या करीब 65 हजार हो चुकी है, जिले में मनरेगा लागू होने के बाद अब तक का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है. इसकी वजह सिर्फ और सिर्फ बढ़ी हुई बेरोजगारी है.

मनरेगा में कार्य करने वाले श्रमिकों की संख्या बढ़ी

यह भी पढ़ेंः नागौर: मनरेगा कार्य के दौरान तालाब में डूबी महिलाओं के परिजनों को एक-एक लाख की सहायता

सीकर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेपी बुनकर ने बताया कि जिले में लगातार मनरेगा श्रमिकों की संख्या बढ़ रही है. जिले में कोरोना वायरस आने से पहले कभी भी 20 हजार से ज्यादा श्रमिक नहीं हुए थे, लेकिन अब 65 हजार के आसपास हो चुके हैं.

पिछले साल सितंबर और अक्टूबर के महीने तक तो महज 12 हजार श्रमिक थे. जून के आखिरी तक भी सीकर जिले में 50 हजार श्रमिक थे और अकेले जुलाई के महीने में 15 हजार की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने बताया कि अगर इसी तरह से बढ़ोतरी जारी रही तो यह संख्या एक लाख तक भी जा सकती है.

सीकर. कोरोना वायरस की वजह से लागू हुए लॉकडाउन के बाद बेरोजगारी बहुत ज्यादा तेजी से बढ़ी है. यही वजह है कि मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) में लगातार लोग रोजगार मांगने आ रहे हैं. सीकर जिले की बात करेंगे तो अब तक मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों की संख्या सबसे ज्यादा हो चुकी है.

जानकारी के मुताबिक सीकर में मनरेगा श्रमिकों की संख्या करीब 65 हजार हो चुकी है, जिले में मनरेगा लागू होने के बाद अब तक का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है. इसकी वजह सिर्फ और सिर्फ बढ़ी हुई बेरोजगारी है.

मनरेगा में कार्य करने वाले श्रमिकों की संख्या बढ़ी

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सीकर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेपी बुनकर ने बताया कि जिले में लगातार मनरेगा श्रमिकों की संख्या बढ़ रही है. जिले में कोरोना वायरस आने से पहले कभी भी 20 हजार से ज्यादा श्रमिक नहीं हुए थे, लेकिन अब 65 हजार के आसपास हो चुके हैं.

पिछले साल सितंबर और अक्टूबर के महीने तक तो महज 12 हजार श्रमिक थे. जून के आखिरी तक भी सीकर जिले में 50 हजार श्रमिक थे और अकेले जुलाई के महीने में 15 हजार की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने बताया कि अगर इसी तरह से बढ़ोतरी जारी रही तो यह संख्या एक लाख तक भी जा सकती है.

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