सीकर. कोरोना वायरस को लेकर चल रहे अलर्ट के बीच काफी लोग ऐसे भी हैं, जिन तक सरकार की राहत राशि नहीं पहुंचनी मुश्किल हो गई है. इन लोगों तक पैसा पहुंचाने में सबसे बड़ी अड़चन उनके बैंक खाते हो रहे हैं. इसके साथ-साथ काफी लोग सर्विस नहीं होने की वजह से भी बाहर हो सकते हैं.
जानकारी के मुताबिक कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ने समाज के कमजोर तबके स्टेट बीपीएल अंतोदय और श्रमिकों सहित चार श्रेणी के लोगों को पैसा देने का एलान किया था. सीकर जिले में प्रशासन को ऐसे 3800 लोगों की जानकारी मिली है, जिनके बैंक खातों में गड़बड़ी है और इनके खाता नंबर और अन्य जानकारियां सही नहीं हैं. इसलिए इनको सरकार की ओर से मिलने वाली 2500 रुपए की सहायता नहीं मिल पा रही है.
हालांकि प्रशासन का कहना है कि इसके लिए सभी एसडीएम को आदेश दिए हैं और इनकी जानकारी दुरुस्त करवाई जा रही है. लेकिन लॉकडाउन के चलते इस वक्त सभी कार्य पूरे हो पाना मुश्किल हो रहा है. इसके साथ-साथ काफी श्रमिक ऐसे हैं, जो कहीं भी रजिस्टर्ड नहीं हैं और उनके बैंक खाते भी नहीं हैं. उनके लिए भी सर्वे शुरू किया गया है.
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जरूरतमन्दों को होगी परेशानी
अगर इन सभी लोगों के खातों की जानकारी समय पर दुरुस्त नहीं हो पाती है, तो जिले में जरूरतमंदों को बड़ी परेशानी होगी. क्योंकि 3800 लोगों का आंकड़ा काफी बड़ा है और यह सभी लोग जरूरतमंद हैं. लेकिन इनके खातों में दिक्कत है. स्टेट बीपीएल, अंत्योदय और श्रमिकों के लिए है. इस योजना के तहत लॉकडाउन के दौरान सरकार ने चार श्रेणियां निर्धारित की हैं. इन चारों को पहले हजार रुपए देने का एलान किया गया था. लेकिन अब ढाई हजार का एलान किया गया है. इनकी चार श्रेणियों में केंद्र सरकार के बीपीएल और स्टेट बीपीएल के साथ-साथ अंत्योदय और रजिस्टर्ड श्रमिक शामिल हैं. इन चारों श्रेणियों को ही यह पैसा मिलेगा. लेकिन खातों में गड़बड़ी की वजह से कई लोग बाहर हो रहे हैं.