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विश्व प्रसिद्ध नागौरी की कसूरी मेथी को लेकर कार्यशाला

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Published : Mar 11, 2020, 10:50 PM IST

सब्जियों का जायका बढ़ाने और किसानों की आर्थिक स्थिति सूदूढ़ करने वाली नागौर की प्रसिद्ध नागौरी मेथी को लेकर बुधवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान नागौरी मेथी किस्म सुधार, किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करवाने, उत्पादन सुधार को लेकर विस्तार से चर्चा की गई.

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नागौरी कसूरी मेथी को लेकर कार्यशाला का आयोजन

नागौर. जिले के बलदेव राम मिर्धा राजकीय महाविद्यालय में विश्व प्रसिद्ध नागौरी कसूरी मेथी को लेकर कार्यशाला का आयोजने हुआ. जिसमें नागौर जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव, प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉक्टर मनु सिकरवार और कोटा वीएमओयू के कुलपति डॉ एस आर गोदारा, स्पाइस बोर्ड के मेंबर भोजराज सारस्वत, नागौर कृषि उपज मंडी के उद्यमी मूलचंद भाटी, कॉलेज प्राचार्य डॉ शंकर लाल, कॉलेज लेक्चरर ,किसान सहित छात्र-छात्राएं मौजूद रहे.

नागौरी कसूरी मेथी को लेकर कार्यशाला का आयोजन
आयोजित कार्यशाला में विश्व प्रसिद्ध नागौरी कसूरी मेथी की पैकिंग, मार्केटिंग और किसानों के हित को लेकर चर्चा हुई. मसाले के रूप में प्रयोग होने वाली कसूरी मेथी की नागौर, मूंडवा और खींवसर तहसील क्षेत्र में बड़े स्तर पर खेती की जाती है. समय के साथ विश्व प्रसिद्ध नागौरी कसूरी मेथी की खेती में किसानों ने तकनीकी का सहारा लेना शुरू कर दिया है ताकि कम खर्च में अधिक आमदनी आ सके.नागौर जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध नागौरी मेथी कि देश के साथ विदेशों में भी डिमांड है. अब जिला प्रशासन व्यापारियों की डिमांड को देखते हुए नागौरी पान मेथी के लिए विशेष मंडी खोली जाएगी और उद्यमियों को जमीन भी उपलब्ध कराई जाएगी. विदेशों में विश्व प्रसिद्ध नागौरी कसूरी मेथी की लगातार डिमांड है. मौजूदा समय में नागौरी पान मेथी की बड़े स्तर पर डिमांड है. अब खेती से किसानों को नई तकनीक का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इस मौके पर प्रोजेक्ट डायरेक्टर डीएसटी के डॉक्टर मनु सिकरवार ने इस मौके पर कहा कि जहां नागौरी मेथी के पत्तों को मजदूरों की मदद से तोड़ा जाता है. वहीं अब मेथी की पत्तियों को तोड़ने के लिए मशीनें आने से काम आसान हो गया और किसानों को इस बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. जिससे किसानों के समय और पैसे की बचत होगी. वहीं कुलपति डॉ एस आर गोदारा ने कहा कि नागौरी पान मेथी के फायदे और उपयोग करने से किसी भी सब्जी का स्वाद बढ़ जाता है. इसका उपयोग विभिन्न सब्जियों के मसालों के साथ आयुर्वेदिक दवा बनाने में भी होता है.

पढ़ेंः MP कांग्रेस के विधायकों के लिए जयपुर के इस रिसोर्ट में बुक हुए 50 कमरे

कार्यशाला में आए किसानों ने बताया कि पान मेथी की मंडी नहीं होने से किसानों को अपनी लागत भी नहीं मिल पाती. जरूरत इस बात की है कि विश्व प्रसिद्ध नागौरी पान मेथी की महक विदेशों तक पहुंच चुकी है. जिसे लेकर पैकिंग और मार्केटिंग और किसान हितों को लेकर सरकार को ठोस उपाय करने होंगे.

नागौर. जिले के बलदेव राम मिर्धा राजकीय महाविद्यालय में विश्व प्रसिद्ध नागौरी कसूरी मेथी को लेकर कार्यशाला का आयोजने हुआ. जिसमें नागौर जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव, प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉक्टर मनु सिकरवार और कोटा वीएमओयू के कुलपति डॉ एस आर गोदारा, स्पाइस बोर्ड के मेंबर भोजराज सारस्वत, नागौर कृषि उपज मंडी के उद्यमी मूलचंद भाटी, कॉलेज प्राचार्य डॉ शंकर लाल, कॉलेज लेक्चरर ,किसान सहित छात्र-छात्राएं मौजूद रहे.

नागौरी कसूरी मेथी को लेकर कार्यशाला का आयोजन
आयोजित कार्यशाला में विश्व प्रसिद्ध नागौरी कसूरी मेथी की पैकिंग, मार्केटिंग और किसानों के हित को लेकर चर्चा हुई. मसाले के रूप में प्रयोग होने वाली कसूरी मेथी की नागौर, मूंडवा और खींवसर तहसील क्षेत्र में बड़े स्तर पर खेती की जाती है. समय के साथ विश्व प्रसिद्ध नागौरी कसूरी मेथी की खेती में किसानों ने तकनीकी का सहारा लेना शुरू कर दिया है ताकि कम खर्च में अधिक आमदनी आ सके.नागौर जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध नागौरी मेथी कि देश के साथ विदेशों में भी डिमांड है. अब जिला प्रशासन व्यापारियों की डिमांड को देखते हुए नागौरी पान मेथी के लिए विशेष मंडी खोली जाएगी और उद्यमियों को जमीन भी उपलब्ध कराई जाएगी. विदेशों में विश्व प्रसिद्ध नागौरी कसूरी मेथी की लगातार डिमांड है. मौजूदा समय में नागौरी पान मेथी की बड़े स्तर पर डिमांड है. अब खेती से किसानों को नई तकनीक का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इस मौके पर प्रोजेक्ट डायरेक्टर डीएसटी के डॉक्टर मनु सिकरवार ने इस मौके पर कहा कि जहां नागौरी मेथी के पत्तों को मजदूरों की मदद से तोड़ा जाता है. वहीं अब मेथी की पत्तियों को तोड़ने के लिए मशीनें आने से काम आसान हो गया और किसानों को इस बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. जिससे किसानों के समय और पैसे की बचत होगी. वहीं कुलपति डॉ एस आर गोदारा ने कहा कि नागौरी पान मेथी के फायदे और उपयोग करने से किसी भी सब्जी का स्वाद बढ़ जाता है. इसका उपयोग विभिन्न सब्जियों के मसालों के साथ आयुर्वेदिक दवा बनाने में भी होता है.

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कार्यशाला में आए किसानों ने बताया कि पान मेथी की मंडी नहीं होने से किसानों को अपनी लागत भी नहीं मिल पाती. जरूरत इस बात की है कि विश्व प्रसिद्ध नागौरी पान मेथी की महक विदेशों तक पहुंच चुकी है. जिसे लेकर पैकिंग और मार्केटिंग और किसान हितों को लेकर सरकार को ठोस उपाय करने होंगे.

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