नागौर. शहर के दो विभागों में इस वक्त तकरार का माहौल देखने को मिल रहा है. उपखंड अधिकारी दीपांशु सांगवान के पत्र के चलते इन दिनों नागौर नगर परिषद सहित कलेक्ट्रेट में हड़कंप मचा हुआ है. दीपांशु सांगवान ने नागौर नगर परिषद पर अतिक्रमण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.
जिसके बाद उन्होंने नागौर शहर के तालाबों और अंगोर भूमि पर हो रहे अतिक्रमण के मामले में जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव सहित राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार और राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के रजिस्ट्रार और डीएलबी विभाग के निर्देशक को पत्र लिखा है.
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एसडीम दीपांशु सांगवान ने जिला कलेक्टर सहित अन्य विभागों के लिखे पत्र में बताया कि, नागौर शहर के जल स्रोतों की आड़ में अतिक्रमण किए जा रहे हैं. नागौर नगर परिषद के कार्मिकों की मिलीभगत कर विधि के विरुद्ध नियमन करने की शिकायतें लगातार मिल रहीं हैं.
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एसडीम ने अपने पत्र में बताया, कि उन्होंने तहसीलदार की ओर से विभिन्न स्थानों पर हो रहे अतिक्रमण की मौका रिपोर्ट मंगाई. इस मौका रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट हुआ, कि नागौर उपखंड क्षेत्र में जल स्रोत और तालाबों की आड़ में अतिक्रमण किया जा रहा है. एसडीएम ने अपने पत्र में स्पष्ट लिखा है, कि नागौर नगर परिषद पूर्ण तरह विफल इकाई में परिवर्तित होती जा रही है. जिसको प्रशासनिक सुधार की दिशा में लिया जाना जरूरी है.
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नागौर नगर परिषद के आयुक्त जोधाराम विश्नोई ने बताया, कि समय-समय पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई लगातार की जाती है. उपखंड अधिकारी की ओर से अतिक्रमण के मामले में जब भी जाब्ता मांगा जाता है, वह समय पर उपलब्ध करवा दिया जाता है.
नगर परिषद के आयुक्त जोधाराम विश्नोई ने बताया, कि उपखंड अधिकारी की तरफ से स्टेट ग्रांट खांचा भूमि नियमन संबंधित तमाम पत्रावली मांगी है, जो उन्हें उपलब्ध करा दी गई है. जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने पूरे मामले पर 4 सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया है, जहां अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जाएगी.