ETV Bharat / city

शहीद की बहन की शादी में भाई बन खड़ी हुई नागौर पुलिस, भरा बहन का मायरा

बहन की शादी में भाई के द्वारा मायरा भरने की परंपरा पूरे राजस्थान में है. शादी के दिन बहन भाई के लिए गीत गाती है और भाई बहन का मायरा भरता है. मायरा भरने की इस परंपरा के निर्वाह का अनूठा नजारा नागौर में देखने को मिला, जहां सभी पुलिसकर्मियों ने एक शहीद की बहन सरोज का कन्यादान कर मिसाल पेश की है.

नागौर न्यूज, nagore news
author img

By

Published : Nov 23, 2019, 11:52 PM IST

नागौर. पुलिस को लेकर एक आम राय है कि वो संवेदनहीन होती है. लेकिन, जिले में पुलिस का मानवीय रूप देखने को मिला है, जहां एक बहन से भाई दूर हो जाने पर पूरा पुलिस प्रशासन ही उसका भाई बन गया है. बता दें कि जिले के डीडवाना के खाखोली गांव निवासी कमांडो भींवाराम भाकर की ड्यूटी के दौरान शहादत हो गई थी.

पुलिसकर्मियों ने किया शहीद की बहन का कन्यादान

शहीद भींवाराम अपनी बहन सरोज का इकलौता भाई था, आज शहीद भींवाराम की बहन की शादी तय की गई थी, जिसमें बहन सरोज और पूरे परिवार को भाई की याद आ रही थी, वहीं शादी में मायरा भरने की परंपरा कौन निभाएगा, यह भी एक समस्या बन गई थी.

बता दें कि शादी-ब्याह में जिले में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश भर में मायरा भरने की पंरपरा है, जिसमें बहनें भाई के लिए कई गीत गाती हैं और भाई बहनों को भात में दिल खोलकर मायरा भरता है, यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है.

पूरी बैचमेट बनी भाई

जब शहीद भींवाराम के बैच 2012 के साथी और कमांडो को शादी की खबर मिली तो, उन्होंने शादी में भींवाराम की कमी पूरा करने के लिए अनूठा प्रयास करते हुए सरोज के भाई की जिम्मेदारी उठा ली. जहां जिले के सभी जिला एसएचओ शादी में पहुंचे और सरोज का मायरा भरा.

शहीद भींवाराम के बैचमेट ने मिलकर तय किया कि वो बहन के कन्यादान के रूप में मायरा भरेंगे. इस फैसले पर नागौर के सभी पुलिसकर्मियों ने उनका सहयोग किया और 1 लाख 51 हजार नकद, एक स्कूटी और सोने का हार कन्यादान में सरोज को भेंट किया, साथ ही सभी जिले के एसएचओ सरोज के शादी में शिरकत करने भी पहुंचे हैं.

पढ़ें- राजस्थान में एक और सभ्यता के प्रमाण मिले हैं...पुरातत्व विभाग अब इसको सहेज रहा है

पुलिसकर्मियों और बैचमेट्स ने कहा कि भींवाराम उनका भाई था, आज उसकी बहन की शादी हो रही है, तो सरोज को भाई की कमी महसूस ना हो इसके लिए वो उसके भाई बने हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वो आगे भी अपनी इस बहन का हमेशा साथ देंगे.

वहीं जिला एसपी विकास पाठक ने बताया कि पुलिसकर्मियों का अपना एक परिवार है और पुलिसकर्मियों के परिवार वाले भी इसका एक हिस्सा है, यह आज नागौर के पुलिसकर्मियों और साथी कमांडो ने साबित भी कर दिखाया है.

जाहिर की पुलिस को लेकर लोगों में एक आम राय है कि पुलिस सवेंदनहीन हैं. लेकिन, नागौर पुलिस के बेड़े ने शहीद की बहन का भाई बनकर यह साबित कर दिया है कि वो हर बहन के रखवाले हैं. साथ ही एक बहन के भाई उससे दूर हो जाने पर पूरी पुलिस लाइन उसका भाई बन सकती है.

नागौर. पुलिस को लेकर एक आम राय है कि वो संवेदनहीन होती है. लेकिन, जिले में पुलिस का मानवीय रूप देखने को मिला है, जहां एक बहन से भाई दूर हो जाने पर पूरा पुलिस प्रशासन ही उसका भाई बन गया है. बता दें कि जिले के डीडवाना के खाखोली गांव निवासी कमांडो भींवाराम भाकर की ड्यूटी के दौरान शहादत हो गई थी.

पुलिसकर्मियों ने किया शहीद की बहन का कन्यादान

शहीद भींवाराम अपनी बहन सरोज का इकलौता भाई था, आज शहीद भींवाराम की बहन की शादी तय की गई थी, जिसमें बहन सरोज और पूरे परिवार को भाई की याद आ रही थी, वहीं शादी में मायरा भरने की परंपरा कौन निभाएगा, यह भी एक समस्या बन गई थी.

बता दें कि शादी-ब्याह में जिले में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश भर में मायरा भरने की पंरपरा है, जिसमें बहनें भाई के लिए कई गीत गाती हैं और भाई बहनों को भात में दिल खोलकर मायरा भरता है, यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है.

पूरी बैचमेट बनी भाई

जब शहीद भींवाराम के बैच 2012 के साथी और कमांडो को शादी की खबर मिली तो, उन्होंने शादी में भींवाराम की कमी पूरा करने के लिए अनूठा प्रयास करते हुए सरोज के भाई की जिम्मेदारी उठा ली. जहां जिले के सभी जिला एसएचओ शादी में पहुंचे और सरोज का मायरा भरा.

शहीद भींवाराम के बैचमेट ने मिलकर तय किया कि वो बहन के कन्यादान के रूप में मायरा भरेंगे. इस फैसले पर नागौर के सभी पुलिसकर्मियों ने उनका सहयोग किया और 1 लाख 51 हजार नकद, एक स्कूटी और सोने का हार कन्यादान में सरोज को भेंट किया, साथ ही सभी जिले के एसएचओ सरोज के शादी में शिरकत करने भी पहुंचे हैं.

पढ़ें- राजस्थान में एक और सभ्यता के प्रमाण मिले हैं...पुरातत्व विभाग अब इसको सहेज रहा है

पुलिसकर्मियों और बैचमेट्स ने कहा कि भींवाराम उनका भाई था, आज उसकी बहन की शादी हो रही है, तो सरोज को भाई की कमी महसूस ना हो इसके लिए वो उसके भाई बने हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वो आगे भी अपनी इस बहन का हमेशा साथ देंगे.

वहीं जिला एसपी विकास पाठक ने बताया कि पुलिसकर्मियों का अपना एक परिवार है और पुलिसकर्मियों के परिवार वाले भी इसका एक हिस्सा है, यह आज नागौर के पुलिसकर्मियों और साथी कमांडो ने साबित भी कर दिखाया है.

जाहिर की पुलिस को लेकर लोगों में एक आम राय है कि पुलिस सवेंदनहीन हैं. लेकिन, नागौर पुलिस के बेड़े ने शहीद की बहन का भाई बनकर यह साबित कर दिया है कि वो हर बहन के रखवाले हैं. साथ ही एक बहन के भाई उससे दूर हो जाने पर पूरी पुलिस लाइन उसका भाई बन सकती है.

Intro:पुलिसकर्मियों ने किया शहीद की बहन का कन्यादान,

बेचमेंट कमांडो की बहन के इकलौते भाई की ड्यूटी के दौरान हो गई थी शहादत,



एंकर - शादी ब्याव में नागौर जिले में ही नही प्रदेश भर में यह गीत भात भरने जब भाई आता है तो बहन की और से गीत गाया जाता है 

"बीरा बणजे तू जायल रो जाट,

बणजे खिंयाला रो चौधरी।"

और भाई अपनी बहन के भात में दिल खोलकर मायरा भरता है, यह गीत आज से 600 से 700 वर्ष पूर्व सल्तनत काल मे मायरा भरा और उस समय यह गीत रचा गया था और आज एकबार फिर इतिहास नागौर की धरती पर दोहराया गया और नागौर में पुलिसकर्मियों ने शहीद की बहन का कन्यादान कर इतिहास रच दिया। देखिये भाई बहन के रिश्ते की अनूठी कहानीBody: - डीडवाना के खाखोली गांव निवासी कमांडो भींवाराम भाकर की ड्यूटी के दौरान शहादत हो गई। भींवाराम अपनी बहन सरोज का इकलौता भाई था परिवार में भाई की शहादत के बाद शहीद के माता पिता और बहन सब अकेले पड़ गए। आज शहीद भींवाराम की बहन की शादी तय की गई थी बहन को रहरहकर अपने भाई की याद भी आ रही थी । परिवार के लोगो को भी आज भींवाराम की कमी खल रही है और भावुक नजर आ रहे हैं।


- शहीद की बहन की शादी का जब शहीद की बेच 2013 के सिपाही और कमांडो को पता चला तो सबने तय किया कि शहीद भींवाराम हमारे बीच नही है तो क्या हुआ बहन को भाई की कमी न खले नागौर के पुलिसकर्मी सब भाई बनकर हमेशा बहन के साथ है और हमेशा रहेंगे ।



- शहीद भींवाराम के बेचमेंट ने तय किया कि बहन के कन्यादान के रूप में मायरा भरेंगे और नागौर के सभी पुलिसकर्मियों ने सहयोग किया और एक लाख इक्यावन हजार नकद एक स्कूटी और सौने का हार कन्यादान स्वरूप भेंट किये और साथी बेचमेंट और अधिकारी बहन की शादी में शिरकत करने पंहुचे ।





- पुलिसकर्मियों के अपना एक परिवार है और पुलिसकर्मियों के परिवार वाले भी इसका एक हिस्सा है यह आज शाबित कर दिखाया नागौर के पुलिसकर्मियों ने और अपने साथी कमांडो शहीद भींवाराम की बहन की शादी के अवसर पर पंहुचे और परिवार की जिम्मेदारी को निभाते हुए फर्ज निभाया ।





- Conclusion:पुलिस को हमेशा लोगो द्वारा हमेशा शंका की दृष्टि से देखकर गलत समझा जाता है मगर नागौर पुलिस बेड़े द्वारा शहीद की बहन का भाई बनकर यह शाबित कर दिया कि हर बहन के रखवाले है भाई बनकर हमेशा बहन के सुख दुःख में काम आएगी और हिफाजत करेंगे। नागौर के इन जाबांज जवानों से सिख लेने की जरूरत आज देश के हर पुलिसकर्मी को है ताकि देश की बहन बेटियों का विश्वास कायम रहे।

बाईट 01 - सहदेव चौधरी ( शहीद के बैचमेट )
बाईट 02 - नितेश आर्य ( एएसपी डीडवाना )
बाईट 03 - डॉ विकास पाठक ( एसपी नागौर )
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.