नागौर. पुलिस को लेकर एक आम राय है कि वो संवेदनहीन होती है. लेकिन, जिले में पुलिस का मानवीय रूप देखने को मिला है, जहां एक बहन से भाई दूर हो जाने पर पूरा पुलिस प्रशासन ही उसका भाई बन गया है. बता दें कि जिले के डीडवाना के खाखोली गांव निवासी कमांडो भींवाराम भाकर की ड्यूटी के दौरान शहादत हो गई थी.
शहीद भींवाराम अपनी बहन सरोज का इकलौता भाई था, आज शहीद भींवाराम की बहन की शादी तय की गई थी, जिसमें बहन सरोज और पूरे परिवार को भाई की याद आ रही थी, वहीं शादी में मायरा भरने की परंपरा कौन निभाएगा, यह भी एक समस्या बन गई थी.
बता दें कि शादी-ब्याह में जिले में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश भर में मायरा भरने की पंरपरा है, जिसमें बहनें भाई के लिए कई गीत गाती हैं और भाई बहनों को भात में दिल खोलकर मायरा भरता है, यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है.
पूरी बैचमेट बनी भाई
जब शहीद भींवाराम के बैच 2012 के साथी और कमांडो को शादी की खबर मिली तो, उन्होंने शादी में भींवाराम की कमी पूरा करने के लिए अनूठा प्रयास करते हुए सरोज के भाई की जिम्मेदारी उठा ली. जहां जिले के सभी जिला एसएचओ शादी में पहुंचे और सरोज का मायरा भरा.
शहीद भींवाराम के बैचमेट ने मिलकर तय किया कि वो बहन के कन्यादान के रूप में मायरा भरेंगे. इस फैसले पर नागौर के सभी पुलिसकर्मियों ने उनका सहयोग किया और 1 लाख 51 हजार नकद, एक स्कूटी और सोने का हार कन्यादान में सरोज को भेंट किया, साथ ही सभी जिले के एसएचओ सरोज के शादी में शिरकत करने भी पहुंचे हैं.
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पुलिसकर्मियों और बैचमेट्स ने कहा कि भींवाराम उनका भाई था, आज उसकी बहन की शादी हो रही है, तो सरोज को भाई की कमी महसूस ना हो इसके लिए वो उसके भाई बने हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वो आगे भी अपनी इस बहन का हमेशा साथ देंगे.
वहीं जिला एसपी विकास पाठक ने बताया कि पुलिसकर्मियों का अपना एक परिवार है और पुलिसकर्मियों के परिवार वाले भी इसका एक हिस्सा है, यह आज नागौर के पुलिसकर्मियों और साथी कमांडो ने साबित भी कर दिखाया है.
जाहिर की पुलिस को लेकर लोगों में एक आम राय है कि पुलिस सवेंदनहीन हैं. लेकिन, नागौर पुलिस के बेड़े ने शहीद की बहन का भाई बनकर यह साबित कर दिया है कि वो हर बहन के रखवाले हैं. साथ ही एक बहन के भाई उससे दूर हो जाने पर पूरी पुलिस लाइन उसका भाई बन सकती है.