नागौर. कोरोना काल में अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत में कई गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसी के मद्देनजर की आने वाले दिनों में ऑक्सीजन की कमी ना हो. प्रदेश सरकार ने ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाली ज्वाइंट वेंचर पार्टनर कंपनी के साथ मिलकर प्रदेश में 6 नए प्लांट लगाने की मंजूरी दी थी. जिनमें से एक प्लांट मंगलवार को नागौर में शुरू हो गया है. यह प्लांट मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है.
जिले की जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में प्रतिदिन 36 सिलेंडर ऑक्सीजन तैयार करने का प्लांट लगाया गया है. जबकि वर्तमान में जेएलएन अस्पताल में प्रतिदिन 12 ऑक्सीजन के सिलेंडर की ही खपत हो रही है. इससे साफ है कि अगर आने वाले दिनों में ऑक्सीजन सिलेंडरों की खपत 3 गुना भी बढ़ती है तो यह प्लांट उसकी आपूर्ति कर देगा.
ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाली कंपनी के फाउंडर जॉर्ज ने बताया कि यह प्लांट पूरी तरह से मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है. इस ऑक्सीजन प्लांट में एक ऑक्सीजन सिलेंडर की लागत केवल 60 से 70 रुपए आएगी. जबकि पहले एक सिलेंडर के लिए अस्पताल प्रशासन को 500 से 600 गुना कीमत चुकानी पड़ती थी.
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जवाहरलाल नेहरू अस्पताल को दूसरी बड़ी सौगात वेंटिलेटर के रूप में मिली है. फिलहाल अस्पताल में 11 वेंटिलेटर वर्किंग में हैं. ऑक्सीजन प्लांट शुरू होने के साथ ही 24 नए वेंटिलेटर और अस्पताल में लगाए गए हैं. कोरोना काल में लगातार वेंटिलेटर्स की कमी से अस्पतालों में सामने आ रही थी.
राजस्थान में नागौर के अलावा चित्तौड़गढ़, गंगानगर, ब्यावर, राजसमंद और बांसवाड़ा में भी ऑक्सीएयर प्लांट लगाने काम चालू है. जिला अस्पतालों में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की खपत एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट) में होती है. इसके बाद जनरल वार्ड में भी ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता बनी रहती है.