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नागौर के के नगर सेठ बंशीवाला में धूमधाम से मनाया गया नृसिंह महोत्सव

शहर के नगर सेठ बंशीवाला मंदिर में नृसिंह भगवान का प्राकटयोत्सव मनाया गया. पूरा नागौर शहर श्रद्धालु बनकर उमड़ पडा़. पौराणिक कथाओं को देखते हुए सालों से नरसिंह जंयती मनाई जाती रही है.

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Published : May 18, 2019, 2:31 AM IST

नृसिंह महोत्सव

नागौर. शहर के नगर सेठ बंशीवाला मंदिर मे नृसिंह भगवान का प्राकट्य महोत्सव मंदिर परिसर में 2 घंटे तक चला. इस मौके पर पूरे शहर के भक्तों का सैलाब उमड पड़ा. भक्तों ने खोमा-खोमा के जयकारे लगाए.

भगवान नृसिंह ने मंदिर परिसर में कई घंटे तक स्म्मत की और भक्त प्रहलाद सहित नगरवासियों को आशीर्वाद भी दिया. साथ ही बहरूपयों ने हिरण्यकश्यप और मलूक्कों का रूप धारण करके बच्चों को डराया. वहीं भक्त प्रहलाद का रुप धरे बच्चे ने भगवान की साधना की. श्रद्धालुओं ने भाव विभोर होकर जयकारे भी लगाए.

व्यास परिवार के आठ सदस्य और अन्य युवकों ने भगवान नृसिंह अवतार का ध्यान रखा. ऐसी परंपरा रही है कि नगर सेठ बंशीवाला मंदिर में पुषकरणा समाज का व्यक्ति ही नृसिंह अवतार बनता है. नरसिंह अवतार बनने वाले भक्त को तीस दिन तक नियमित पूजा पाठ और कठिन साधना करनी पड़ती है.

नृसिंह अवतार की रम्मत के बाद भगवान नृसिंह की आरती कर भक्तों को प्रसाद का वितरण किया गया. मंदिर परिसर और मंदिर की छ्त पर काफी संख्या में श्रदालु मौजूद थे. मान्यता है कि भगवान नृसिंह के दिन उनकी पूजा और व्रत रखने से सभी दुख और दर्द दूर- हो जाते हैं

नृसिंह जयंती के दिन भगवान विष्णु आधा नर और आधा शेर यानि नृसिंह अवतार मे प्रकट हुए थे. पौराणिक कथाओं मे नृसिंह जंयती की कथा काफी प्रचलित है. भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर राजा हिरणयकश्यप का अहंकार और वरदान दोनों चूर चूर कर दिया था.

नागौर. शहर के नगर सेठ बंशीवाला मंदिर मे नृसिंह भगवान का प्राकट्य महोत्सव मंदिर परिसर में 2 घंटे तक चला. इस मौके पर पूरे शहर के भक्तों का सैलाब उमड पड़ा. भक्तों ने खोमा-खोमा के जयकारे लगाए.

भगवान नृसिंह ने मंदिर परिसर में कई घंटे तक स्म्मत की और भक्त प्रहलाद सहित नगरवासियों को आशीर्वाद भी दिया. साथ ही बहरूपयों ने हिरण्यकश्यप और मलूक्कों का रूप धारण करके बच्चों को डराया. वहीं भक्त प्रहलाद का रुप धरे बच्चे ने भगवान की साधना की. श्रद्धालुओं ने भाव विभोर होकर जयकारे भी लगाए.

व्यास परिवार के आठ सदस्य और अन्य युवकों ने भगवान नृसिंह अवतार का ध्यान रखा. ऐसी परंपरा रही है कि नगर सेठ बंशीवाला मंदिर में पुषकरणा समाज का व्यक्ति ही नृसिंह अवतार बनता है. नरसिंह अवतार बनने वाले भक्त को तीस दिन तक नियमित पूजा पाठ और कठिन साधना करनी पड़ती है.

नृसिंह अवतार की रम्मत के बाद भगवान नृसिंह की आरती कर भक्तों को प्रसाद का वितरण किया गया. मंदिर परिसर और मंदिर की छ्त पर काफी संख्या में श्रदालु मौजूद थे. मान्यता है कि भगवान नृसिंह के दिन उनकी पूजा और व्रत रखने से सभी दुख और दर्द दूर- हो जाते हैं

नृसिंह जयंती के दिन भगवान विष्णु आधा नर और आधा शेर यानि नृसिंह अवतार मे प्रकट हुए थे. पौराणिक कथाओं मे नृसिंह जंयती की कथा काफी प्रचलित है. भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर राजा हिरणयकश्यप का अहंकार और वरदान दोनों चूर चूर कर दिया था.

Intro:slug..narsingh jayanti mahotsav...नृसिंह जंयति महोत्सव ...

नागौर शहर के नगर सेठ बंशीवाला मंदिर में नृसिंह भगवान का प्राकटयोत्सव मनाया गया...पुरा नागौर शहर के श्रदालू उमड कर पौराणिक कथाओ को देखकर नरसिंह जंयती मनाई


Body:नागौर शहर के नगर सेठ बंशीवाला मंदिर मे नृसिंह भगवान का प्रकटमहोत्सव मंदिर परिसर में 2 घंटे तक भगवान नृसिंह ने स्म्मत की इस मौके पर पूरा शहर के भक्तों का सैलाब उमड पड़ा ..भक्तो मे खोमा खोमा के जयकारे लगाए इसके बाद भगवान नृसिंह ने मंदिर परिसर में कई घंटे तक स्म्मत की और भक्त प्रहलाद सहित नगरवासियों को आशीर्वाद भी दिया.. हिरणयकश्य और मलूका का रूप धारण करके बच्चों को डराया .. वही भक्त प्रहलाद का रुप धरकर बच्चों ने भगवान की साधना की ... श्रद्धालुओं में भाव विभोर होकर जयकारे जी लगाये... व्यास परिवार के आठ सदस्य अन्य युवको ने भगवान नृसिंह अवतार का ध्यान रखा.. ऐसी परंपरा की नगर सेठ बंशीवाला मंदिर में पुषकरणा समाज का व्यक्ति ही नृसिंह अवतार बनता है.. नरसिंह अवतार बनने वाले भक्त को तीस विन तक नियमित पुजा पाठ और कठिन साधना करनी पड़ती है ..नृसिंह अवतार की रम्मत के बाद भगवान नृसिंह की आरती के बाद भक्तों को प्रसाद का वितरण किया गया ..भक्तों ने जयकारे भी लगाये मंदिर परिसर और मंदिर की छ्त पर काफी संख्या श्रदालू मौजूद थे...मान्यता है कि भगवान नृसिंह के दिन उनकी पूजा और व्रत रखना से सभी दुख और दर्द दूर- हो जाते हैं


Conclusion:नृसिंह जयंती के दिन भगवान विष्णु आधा नर और आधा शेर यानि नृसिंह अवतार मे प्रकट हुए थे पौराणिक कथाओं मे नृसिंह जंयती की कथा काफी प्रचलित है भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर राजा हिरणयकश्यप का अहकार और वरदान दोनो चूर चूर कर दिया था
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