नागौर. पुलिस की टैगलाइन अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास शनिवार को नागौर में उस वक्त धरातल पर दिखाई दी, जब जिला पुलिस कप्तान श्वेता धनकड़ के समक्ष एक बुजर्ग पिता ने पुत्र की और से भरण-पोषण नहीं देने का परिवाद पेश किया. बुजुर्ग पिता के परिवाद पर एसपी धनकड़ ने मानवीय संवेदनशीलता दिखाते हुए त्वरित कार्रवाई के निर्देश श्री बालाजी थाना पुलिस को दिए परिवादी के घर पुलिस की टीम को भेजकर ना सिर्फ पुत्र से भरण-पोषण राशि दिलवाई गई, बल्कि पुत्र से समझाइश कर पिता को सम्मान देने, व्यवहार करने और हर महीने भरण-पोषण की राशि देने के लिए निर्देशित किया.
मामला नागौर जिले के श्री बालाजी थाने से जुड़ा है, जहां के डेरवा के निवासी हरूराम पुत्र बालुराम ने पुलिस अधीक्षक जिला नागौर श्वेता धनखड़ से मिलकर एक परिवाद पेश किया, जिसमें बताया कि हरूराम ने अपने पुत्रों के खिलाफ भरण पोषण की राशि दिलवाने के लिए न्यायालय उपखण्ड अधिकारी एवं उपखण्ड मजिस्ट्रेट नागौर में एक प्रकरण प्रस्तुत किया था. इस प्रकरण मे न्यायालय उपखण्ड अधिकारी एवं उपखण्ड मजिस्ट्रेट नागौर ने आदेश देते हुए हरूराम के बेटों को 1500 रुपए हर महीने माह की 10 तारीख तक हरूराम के बैंक खाते में जमा करवाने के लिए निर्देश दिए थे, लेकिन बुजुर्ग हरूराम का बेटा पूर्णाराम भरण पाेषण राशि नहीं दे रहा था और पिता के साथ मारपीट को भी अंजाम दे रहा था.
यह भी पढ़ें- लोकसभा में गूंजा रितिका पहलवान की आत्महत्या का मामला, सांसद बेनीवाल ने की CBI और न्यायिक जांच की मांग
एसपी श्वेता धनकड़ ने परिवाद और न्यायालय के निर्णय का अवलोकन कर परिवाद में अंकित तथ्यों के संबंध में तत्काल पालना के लिए थानाधिकारी को निर्देश दिए. एसपी धनकड़ के निर्देशों के मुताबिक श्रीबालाजी थानाप्रभारी सोहनसिंह मय टीम के तत्काल परिवादी के घर पहुंचे और उसके बेटे पूर्णाराम से उक्त भरण पोषण राशि प्रार्थी के बैंक खाते में जमा करवाई. साथ ही भविष्य में भरण पाेषण राशि समय पर देने के लिए और अपने माता-पिता के साथ उचित व्यवहार करने के लिए समझाइश की. इस पर पुत्र पूर्णाराम ने सहमति जताई.