नागौर. जिले के कुचेरा में चिकित्सक कुलदीप नानूराम को एपीओ करने के मामले में तूल पकड़ लिया है. इसे लेकर नागौर जिले के अखिल सेवारत चिकित्सक संघ से जुड़े चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार कर दिया है. फिलहाल जिले के 2 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सकों ने पेन डाउन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. इस हड़ताल से चिकित्सा सेवाएं बाधित हो रही हैं.
चिकित्सक संघ से जुडे़ और नागौर ब्लॉक के चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर महेंद्र कुमार मीणा ने कहा कि डॉ. कुलदीप नानूराम को राजनीतिक षड्यंत्र के तहत एपीओ किया गया है. इसके चलते पूरे जिले भर में चिकित्सकों में रोष है. उन्होंने कहा कि एक ओर जहां चिकित्सक अपनी जान जोखिम में डालकर बीते कई महीनों से काम कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राजनीति का शिकार भी हो रहे हैं.
पढ़ें: जयपुर: लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर 32 वाहन जब्त, राजधानी के 39 थाना क्षेत्रों में लगा कर्फ्यू
गौरतलब है कि अखिल सेवारत चिकित्सक संघ की नागौर शाखा ने चिकित्सक को एपीओ करने के आदेश को रद्द करने की मांग को लेकर हड़ताल पर चले जाने की चेतावनी देते हुए जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव को 2 दिन पहले ज्ञापन सौंपा था.
मामले में बताया जा रहा है कि पिछले दिनों कुचेरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉ. कुलदीप नानूराम से मारपीट के एक मामले में डेगाना से पूर्व विधायक और वर्तमान डेगाना विधायक के पिता रिछपाल मिर्धा ने फोन पर बातचीत की थी. इसका ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. हालांकि, ईटीवी भारत इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है. इसके बाद डॉ. कुलदीप नानूराम को राजनीतिक दबाव के चलते एपीओ कर दिया गया. इसी को लेकर अब नागौर जिले भर के चिकित्सक लामबंद हो चुके हैं.
वहीं, मामले में डॉ. कुलदीप नानूराम का कहना है कि उन पर 7 मई को चोट प्रतिवेदन रिपोर्ट को लेकर राजनीतिक दबाव बनाया गया था. उन्होंने 19 मई को जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार भी लगाई थी.