नागौर. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को उनके जन्मदिन पर संस्थाप्रधान द्वारा प्रार्थना सभा में शुभकामनाएं दी जाएंगी. साथ ही शाला के सभी सहपाठी उसे हैप्पी बर्थ डे कहकर शुभकामनाएं देंगे. मेधावी छात्राओं के नाम उनकी स्कूल में लगने वाले बिटिया गौरव डेश बोर्ड पर लिखे जाएंगे. साथ ही ड्राॅप आउट छात्राओं को वापस स्कूल से जोड़ने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जाएंगे.
सरकार के महत्वाकांक्षी 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान को गति देने के लिए नागौर जिले में इस तरह के कई नवाचार होंगे. कलेक्ट्रेट सभागार में इस अभियान की जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में ऐसे कई नवाचारों को लागू करने को लेकर चर्चा की गई.
कलेक्टर डाॅ. जितेंद्र कुमार सोनी ने निर्देश दिए कि जिले के सोनोग्राफी सेंटर संचालकों ने जरूरतमंद परिवारों की जिन 207 बेटियों को गोद ले रखा है. इनमें से दस साल तक की 104 बालिकाओं के नाम डाकघर में सुकन्या समृद्धि योजना में खाते खुलवाए जाए. उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और उप निदेशक महिला अधिकारिता विभाग को समन्वय से काम करते हुए सोनोग्राफी सेंटर संचालकों के सहयोग से इन सभी 104 बालिकाओं के सुकन्या समृद्धि खातों में निश्चित राशि जमा करवाने के निर्देश दिए. उन्होंने निर्देश दिए कि सरकारी स्कूलों में बिटिया गौरव डेश बोर्ड लगाने का काम जनवरी 2021 तक पूरा कर लिया जाए.
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किसी कारण से बीच मे स्कूल छोड़ने वाली ड्राप आउट बेटियों को वापस स्कूल से जोड़ने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद भी ली जाएगी. उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा) को निर्देश दिए कि यू डाइस के माध्यम से ड्राॅप आउट बालिकाओं का पता लगाया जाए. सरकारी कार्यालयों में महिला कर्मचारियों के लिए अलग से शौचालय निर्माण के भी निर्देश दिए गए. सभी सरकारी और निजी कार्यालय, जहां दस से ज्यादा का स्टाफ है. वहां महिलाओं की सुरक्षा के लिए आंतरिक कमेटी का हर हाल में गठन करने के निर्देश भी दिए गए. महिला अधिकारिता विभाग के उप निदेशक इसकी मॉनिटरिंग भी करेंगे.