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नागौरः बुजुर्गों महिलाओं से आभूषण लेकर नकली नोट देने वाले गिरोह का पर्दाफाश, दिल्ली से पांच बदमाश गिरफ्तार

बुजुर्गों-महिलाओं को झांसे में लेकर सोने के आभूषण के बदले नकली नोट की गड्डी देकर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का नागौर की कोतवाली थाना पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. इस गिरोह के पांच गुर्गे पुलिस के हत्थे चढ़े हैं. इन्होंने प्रदेश के अलावा सात राज्यों में भी वारदातें करना कबूल की हैं.

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Published : Feb 17, 2020, 9:35 PM IST

Gangs busted in Nagaur carrying jewelery, ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

नागौर. कोतवाली थाना पुलिस ने दिल्ली से पांच शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है. यह चोर बुजुर्गों और महिलाओं को बातों में फंसाकर उनसे सोने के जेवरात लेते और बदले में नकली नोट की गड्डियां थमाकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे.

प्रारंभिक पूछताछ में इन बदमाशों ने नागौर के अलावा राजस्थान के मेड़ता सिटी, कुचामन, अजमेर, किशनगढ़, जोधपुर और बहरोड़ में वारदातों को अंजाम देना कबूल किया है. इसके अलावा दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी इन्होंने इसी अंदाज में वारदातों को अंजाम देने की बात कबूली है. फिलहाल, कोतवाली थाना पुलिस को इस गिरोह के सरगना और कुछ अन्य बदमाशों की तलाश है.

ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

पढ़ें- विधानसभा की सुरक्षा में हुई चूक, Gate नंबर 6 पर पहुंचे प्रदर्शनकारी दंत चिकित्सक

कोतवाली थानाधिकारी अमराराम खोखर ने बताया कि नागौर के दिल्ली दरवाजा इलाके में इस गिरोह के दो बदमाशों ने जसोदा देवी को बातों में उलझाकर उसके सोने के आभूषण ले लिए और बदले में नोटों की गड्डी देकर भाग निकले. उस गड्डी में ऊपर दो हजार रुपए का और नीचे 20 रुपए का एक नोट था. जिनके बीच में कागज के टुकड़े भरे हुए थे. इस पर एक टीम का गठन किया गया. इस टीम ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज और मुखबिर तंत्र से मिली सूचना के आधार पर दिल्ली निवासी सूरज राठौड़, धर्मा सोलंकी, कन्हैयालाल सोलंकी, प्रकाश परमार और अर्जुन राठौड़ को गिरफ्तार किया है.

इनमें से गंगाराम को 2011 में दिल्ली के उत्तम नगर थाने की पुलिस ने धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया था. इस गिरोह का पर्दाफाश करने वाली टीम में नागौर कोतवाली थाने के हैड कांस्टेबल कैलाशदान, सायर सिंह, सुरेश कुमार, कांस्टेबल राजू गौरण, सुनील, रामावतार, माधाराम और दया सिंधु के अलावा एसपी ऑफिस की साइबर सेल के हेड कांस्टेबल लक्ष्मीनारायण यादव, कांस्टेबल श्यामप्रताप गौड़, मूलाराम गुर्जर और अजय यादव शामिल हैं.

पढ़ें- कांग्रेस के घोषणापत्र के अनुरूप होगा प्रदेश सरकार का बजट : सचिन पायलट

इस साल जिले में नागौर शहर के अलावा कुचामन और मेड़ता सिटी में भी इसी तरीके से इस गिरोह के बदमाशों ने वारदातों को अंजाम दिया था. नागौर में वारदात के बाद पुलिस ने तीनों शहर में घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले तो दिल्ली नम्बर की एक गाड़ी दिखी. इसी आधार पर एक के बाद एक कड़ी जोड़ते हुए पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया है.

नागौर. कोतवाली थाना पुलिस ने दिल्ली से पांच शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है. यह चोर बुजुर्गों और महिलाओं को बातों में फंसाकर उनसे सोने के जेवरात लेते और बदले में नकली नोट की गड्डियां थमाकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे.

प्रारंभिक पूछताछ में इन बदमाशों ने नागौर के अलावा राजस्थान के मेड़ता सिटी, कुचामन, अजमेर, किशनगढ़, जोधपुर और बहरोड़ में वारदातों को अंजाम देना कबूल किया है. इसके अलावा दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी इन्होंने इसी अंदाज में वारदातों को अंजाम देने की बात कबूली है. फिलहाल, कोतवाली थाना पुलिस को इस गिरोह के सरगना और कुछ अन्य बदमाशों की तलाश है.

ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

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कोतवाली थानाधिकारी अमराराम खोखर ने बताया कि नागौर के दिल्ली दरवाजा इलाके में इस गिरोह के दो बदमाशों ने जसोदा देवी को बातों में उलझाकर उसके सोने के आभूषण ले लिए और बदले में नोटों की गड्डी देकर भाग निकले. उस गड्डी में ऊपर दो हजार रुपए का और नीचे 20 रुपए का एक नोट था. जिनके बीच में कागज के टुकड़े भरे हुए थे. इस पर एक टीम का गठन किया गया. इस टीम ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज और मुखबिर तंत्र से मिली सूचना के आधार पर दिल्ली निवासी सूरज राठौड़, धर्मा सोलंकी, कन्हैयालाल सोलंकी, प्रकाश परमार और अर्जुन राठौड़ को गिरफ्तार किया है.

इनमें से गंगाराम को 2011 में दिल्ली के उत्तम नगर थाने की पुलिस ने धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया था. इस गिरोह का पर्दाफाश करने वाली टीम में नागौर कोतवाली थाने के हैड कांस्टेबल कैलाशदान, सायर सिंह, सुरेश कुमार, कांस्टेबल राजू गौरण, सुनील, रामावतार, माधाराम और दया सिंधु के अलावा एसपी ऑफिस की साइबर सेल के हेड कांस्टेबल लक्ष्मीनारायण यादव, कांस्टेबल श्यामप्रताप गौड़, मूलाराम गुर्जर और अजय यादव शामिल हैं.

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इस साल जिले में नागौर शहर के अलावा कुचामन और मेड़ता सिटी में भी इसी तरीके से इस गिरोह के बदमाशों ने वारदातों को अंजाम दिया था. नागौर में वारदात के बाद पुलिस ने तीनों शहर में घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले तो दिल्ली नम्बर की एक गाड़ी दिखी. इसी आधार पर एक के बाद एक कड़ी जोड़ते हुए पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया है.

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