नागौर. जिला कारागार में बंद चार-पांच बंदियों के साथ शनिवार को मारपीट का एक मामला सामने आया है. बंदियों के परिजनों का आरोप है कि जेलर और अन्य प्रहरियों ने उनके साथ मारपीट की है.
इस पूरे मामले में जेलर कालूराम मीना का कहना है कि किसी बात को लेकर बंदियों के दो गुटों में झगड़ा हुआ था. फिलहाल परिजनों की मांग है कि इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच करवाई जाए.
जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह जेल में बंद बंदियों के साथ मारपीट की सूचना मिलने से हड़कंप मच गया. इस मामले में जेल में बंद राजू के भाई नेमीचंद ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
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नेमीचंद का कहना है कि उसके पास सुबह फोन आया था कि उसके भाई राजू के साथ जेल में जेल स्टाफ द्वारा मारपीट की गई है. इससे उसके हाथ और पैरों में चोटें आई हैं. नेमीचंद का यह भी आरोप है कि इसकी जानकारी होने पर वह अपने भाई से मिलने जेल गया लेकिन मुलाकात का दिन होने के बाद भी उसे मिलवाया नहीं गया. जेल स्टाफ ने उसे कल आने की बात कहकर रवाना कर दिया.
उसने इस मामले में जेल स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अब उसने मांग रखी है कि उसके भाई राजू का तत्काल राजकीय जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में मेडिकल मुआयना करवाया जाए. इसके साथ ही उसने चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग भाी की है.
वहीं, इस बारे में जेलर कालूराम मीना का कहना है कि जेल की बैरक नम्बर एक में बंद कैदियों और बैरक नम्बर 3 में बंद कैदियों के बीच सुबह किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था. मौजूद संतरी की सूचना पर वह मय स्टाफ मौके पर पहुंचे और विवाद शांत करवाया. बंदियों के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों का जेलर ने साफ खंडन किया है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि इस झगड़े में किसी भी बंदी को चोट नहीं आई है. जेलर कालूराम का कहना है कि इस मामले को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है. साथ ही थाने में मामला भी दर्ज करवाया जा रहा है.