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नागौर में टिड्डियों के प्रजनन से किसानों की बढ़ी चिंता

नागौर में टिड्डियों के बड़े दल फसलों को लगातार नुकसान पहुंचा रहा है. वहीं अब टिड्डियों के बच्चे (फांका) का आगमन का समय हो गया है. इस फांका के चलते किसान की चिंता और बढ़ सकती है.

Nagaur news, Farmers' concerns, breeding of locusts
नागौर में टिड्डियों के प्रजनन से किसानों की बढ़ी चिंता
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Published : Jul 30, 2020, 10:07 AM IST

नागौर. जिले में टिड्डियों के आने का सिलसिला रुक नहीं रहा है. टिड्डियों के बड़े दलों फसलों को लगातार नुकसान पहुंचा रहा है. किसानों की चिंता अब इसलिए और बढ़ गई है कि अब टिड्डियों का प्रजनन काल शुरू हो गया है. टिड्डियों, जो पीले रंग की होती है, खेतों में नमी वाले इलाकों में एक बार बैठने के बाद लाख प्रयास के बावजूद वापस उठ नहीं पाती है. किसानों द्वारा साउंड, बर्तन और टिन बजाकर टिड्डियों को भगाने के प्रयास किए जा रहै हैं, वह अब नाकाफी साबित हो रहा है.

नागौर में टिड्डियों के प्रजनन से किसानों की बढ़ी चिंता

किसानों की चिंता इसलिए भी है कि फांका अब बची हुई फसलों को भी चट कर जाएगा, क्योंकि टिड्डी लगातार उड़ती रहती है. वहीं छोटी टिड्डियों (फांका) के पंख नहीं होने के बावजूद वह लगातार फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है. नागौर कृषि विभाग के उपनिदेशक हजारी राम चौधरी ने बताया कि खेत में अगर फांका यानी रेगिस्तानी टिड्डियों के बच्चे जमीन पर घूमते खेतों में नजर आए या कोई हलचल दिखे, तो तुरंत प्रभाव से किसानों को स्प्रे करके उनका खात्मा करने की अपील की गई है.

यह भी पढ़ें- 14 अगस्त से शुरू होगा विधानसभा सत्र, मंत्रिमंडल के प्रस्ताव को राज्यपाल ने दी स्वीकृति

उल्लेखनीय है कि अब तक जितने टिड्डियों के दल को स्प्रे करके मारा गया है, उनसे कई गुना ज्यादा टिड्डियों के दल सामने आने की स्थिति पैदा होने वाली है. इंसानों के लिए दुखद बात यह है कि 1 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करने वाला टिड्डी दल एक दिन में 35 हजार लोगों को भोजन खा सकता है.

नागौर. जिले में टिड्डियों के आने का सिलसिला रुक नहीं रहा है. टिड्डियों के बड़े दलों फसलों को लगातार नुकसान पहुंचा रहा है. किसानों की चिंता अब इसलिए और बढ़ गई है कि अब टिड्डियों का प्रजनन काल शुरू हो गया है. टिड्डियों, जो पीले रंग की होती है, खेतों में नमी वाले इलाकों में एक बार बैठने के बाद लाख प्रयास के बावजूद वापस उठ नहीं पाती है. किसानों द्वारा साउंड, बर्तन और टिन बजाकर टिड्डियों को भगाने के प्रयास किए जा रहै हैं, वह अब नाकाफी साबित हो रहा है.

नागौर में टिड्डियों के प्रजनन से किसानों की बढ़ी चिंता

किसानों की चिंता इसलिए भी है कि फांका अब बची हुई फसलों को भी चट कर जाएगा, क्योंकि टिड्डी लगातार उड़ती रहती है. वहीं छोटी टिड्डियों (फांका) के पंख नहीं होने के बावजूद वह लगातार फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है. नागौर कृषि विभाग के उपनिदेशक हजारी राम चौधरी ने बताया कि खेत में अगर फांका यानी रेगिस्तानी टिड्डियों के बच्चे जमीन पर घूमते खेतों में नजर आए या कोई हलचल दिखे, तो तुरंत प्रभाव से किसानों को स्प्रे करके उनका खात्मा करने की अपील की गई है.

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उल्लेखनीय है कि अब तक जितने टिड्डियों के दल को स्प्रे करके मारा गया है, उनसे कई गुना ज्यादा टिड्डियों के दल सामने आने की स्थिति पैदा होने वाली है. इंसानों के लिए दुखद बात यह है कि 1 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करने वाला टिड्डी दल एक दिन में 35 हजार लोगों को भोजन खा सकता है.

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