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नागौर: मनरेगा कार्य के दौरान तालाब में डूबी महिलाओं के परिजनों को एक-एक लाख की सहायता

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Published : Jul 30, 2020, 4:52 PM IST

मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) कार्य के तहत तालाब की खुदाई के दौरान दो महिलाओं और एक युवती की मौत के मामले में गुरुवार को प्रशासनिक अधिकारी बावड़ी गांव पहुंचे. यहां पीड़ित परिजनों को एक-एक लाख रुपए की सहायता राशि के चेक दिए गए. हालांकि, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने पीड़ित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की सहायता राशि देने की मांग की है.

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मनरेगा कार्य के दौरान तालाब में डूबकर महिलाओं के मरने का मामला

नागौर. नावां उपखंड की शिंभूपुरा ग्राम पंचायत के बावड़ी गांव में बुधवार को तालाब पर चल रहे मनरेगा कार्य के दौरान हुए हादसे में दो महिलाओं और एक युवती की मौत हो गई थी. वहीं, गुरुवार को प्रशासनिक अधिकारी बावड़ी गांव पहुंचे और पीड़ित परिवारों को सहायता राशि के चेक दिए.

मनरेगा कार्य के दौरान तालाब में डूबकर महिलाओं के मरने का मामला

नावां एसडीएम ब्रह्मलाल जाट ने बताया कि मनरेगा के तहत कमरली नाडी पर चल रहे खुदाई कार्य के दौरान तालाब में डूबने से फूली देवी, रतनी और सुरज्ञान देवी की मौत हो गई थी. उनके परिजनों को एक-एक लाख रुपए की सहायता राशि के चेक दिए गए.

इधर, डीडवाना एडीएम प्रभातीलाल जाट भी मारोठ और बावड़ी गांव पहुंचे और अधिकारियों से इस हादसे के बारे में जानकारी ली. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मनरेगा कार्यस्थलों पर पूरी एहतियात बरती जाए, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों की पुनरावृत्ति न हो. उन्होंने ग्रामीणों से भी सावधानी के साथ काम करने की अपील की है.

यह भी पढ़ेंः मनरेगा में तालाब खुदाई के दौरान हुआ हादसा, पानी में डूबने से दो महिला और एक युवती की मौत

इधर, एडीएम प्रभातीलाल जाट से मिलकर ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने कहा कि हादसे में जान गंवाने वाली दोनों महिलाएं और युवती गरीब परिवार से थी. इसलिए उन्होंने मांग रखी कि पीड़ित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की सहायता राशि दिलवाई जाए. बता दें कि शिंभूपुरा ग्राम पंचायत के बावड़ी गांव में कमरली नाडी पर मनरेगा के तहत खुदाई का काम चल रहा था. इस दौरान पानी में डूबने से फूली देवी, रतनी देवी और सुरज्ञान की मौत हो गई थी. जबकि इस हादसे में चंदा नाम की एक महिला भी अचेत हो गई थी, जिसे कुचामन रेफर किया गया. उसका वहां उपचार चल रहा है और उसकी तबीयत में सुधार बताया जा रहा है.

नागौर. नावां उपखंड की शिंभूपुरा ग्राम पंचायत के बावड़ी गांव में बुधवार को तालाब पर चल रहे मनरेगा कार्य के दौरान हुए हादसे में दो महिलाओं और एक युवती की मौत हो गई थी. वहीं, गुरुवार को प्रशासनिक अधिकारी बावड़ी गांव पहुंचे और पीड़ित परिवारों को सहायता राशि के चेक दिए.

मनरेगा कार्य के दौरान तालाब में डूबकर महिलाओं के मरने का मामला

नावां एसडीएम ब्रह्मलाल जाट ने बताया कि मनरेगा के तहत कमरली नाडी पर चल रहे खुदाई कार्य के दौरान तालाब में डूबने से फूली देवी, रतनी और सुरज्ञान देवी की मौत हो गई थी. उनके परिजनों को एक-एक लाख रुपए की सहायता राशि के चेक दिए गए.

इधर, डीडवाना एडीएम प्रभातीलाल जाट भी मारोठ और बावड़ी गांव पहुंचे और अधिकारियों से इस हादसे के बारे में जानकारी ली. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मनरेगा कार्यस्थलों पर पूरी एहतियात बरती जाए, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों की पुनरावृत्ति न हो. उन्होंने ग्रामीणों से भी सावधानी के साथ काम करने की अपील की है.

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इधर, एडीएम प्रभातीलाल जाट से मिलकर ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने कहा कि हादसे में जान गंवाने वाली दोनों महिलाएं और युवती गरीब परिवार से थी. इसलिए उन्होंने मांग रखी कि पीड़ित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की सहायता राशि दिलवाई जाए. बता दें कि शिंभूपुरा ग्राम पंचायत के बावड़ी गांव में कमरली नाडी पर मनरेगा के तहत खुदाई का काम चल रहा था. इस दौरान पानी में डूबने से फूली देवी, रतनी देवी और सुरज्ञान की मौत हो गई थी. जबकि इस हादसे में चंदा नाम की एक महिला भी अचेत हो गई थी, जिसे कुचामन रेफर किया गया. उसका वहां उपचार चल रहा है और उसकी तबीयत में सुधार बताया जा रहा है.

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