नागौर. जिले की खींवसर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के बीच यहां राजनीति के नए दांव पेंच देखने को मिल रहे हैं. खींवसर सीट से 2 बार बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर रहने वाले और फिर भाजपा का दामन थामने वाले दुर्ग सिंह चौहान ने सोमवार को कांग्रेस का हाथ थाम लिया.
बता दें कि दुर्ग सिंह ने 2008 और 2013 में बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था और हनुमान बेनीवाल के बाद दूसरे स्थान पर रहे थे. वे गत लोकसभा चुनाव से पहले 2014 भाजपा में शामिल हुए थे. दुर्ग सिंह चौहान का कहना है कि जिस तरह से भाजपा ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के साथ गठबंधन किया है, उससे कार्यकर्ता हताश हुए हैं. खींवसर उपचुनाव को लेकर भाजपा-आरएलपी गठबंधन से पहले भी दुर्ग सिंह ने जयपुर में पार्टी नेताओं से मिलकर मांग रखी थी कि भाजपा आरएलपी के साथ गठबंधन नहीं करे.
वहीं, खींवसर के मीरा माजीसा मंदिर में अपने समर्थकों के साथ बैठक में दुर्ग सिंह ने भाजपा छोड़ने का फैसला लिया. इसी बीच बैठक में नागौर के प्रभारी और प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई, उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी हरेंद्र मिर्धा, नागौर जिला कांग्रेस अध्यक्ष जाकिर हुसैन जैसावत और कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे धर्मेंद्र सिंह पहुंचे. यहां समर्थकों के साथ चर्चा के बाद दुर्ग सिंह ने कांग्रेस में शामिल होने की औपचारिक घोषणा की.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि दुर्ग सिंह के कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी और मजबूत होगी. हालांकि, मीडिया से बातचीत में दुर्ग सिंह ने कहा कि उन्होंने बिना किसी समझौते या शर्त के कांग्रेस ज्वॉइन करने का फैसला लिया है, ताकि खींवसर की आम जनता के विकास के कार्य हो सकें.