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नागौर : उर्दू, सिंधी, पंजाबी और गुजराती भाषा के साथ 'सौतेला व्यवहार' बंद करने की मांग

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Published : Nov 18, 2020, 6:57 PM IST

सरकारी स्कूलों में उर्दू, सिंधी, पंजाबी और गुजराती भाषा के साथ कथाकथित सौतेला व्यवहार बंद करने और स्टाफिंग पैटर्न को खत्म करने सहित अन्य मांगों को लेकर बुधवार को मुस्लिम परिषद संस्थान की ओर से ज्ञापन दिया गया. इसके साथ ही शमशेर खान द्वारा निकाली जा रही दांडी यात्रा को समर्थन देने का भी एलान किया गया है.

नागौर में मुस्लिम परिषद संस्थान ने सौंपा ज्ञापन, Muslim council institute submitted memo in Nagaur
नागौर में मुस्लिम परिषद संस्थान ने सौंपा ज्ञापन

नागौर. राजस्थान की सरकारी स्कूलों में उर्दू, सिंधी, पंजाबी और गुजराती भाषा के साथ सौतेला व्यवहार बंद करने और मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने की मांग को लेकर चूरू के पूर्व विधायक शमशेर खान दांडी यात्रा कर रहे हैं. ऐसे में बुधवार को उनकी मांगों के समर्थन में नागौर में मुस्लिम परिषद संस्थान और मदरसा शिक्षा सहयोगी पैराटीचर्स के बैनर तले ज्ञापन दिया है.

नागौर में मुस्लिम परिषद संस्थान ने सौंपा ज्ञापन

इसमें बताया गया है कि शमशेर खान 16 दिन में 1060 किमी पैदल चलकर चूरू से उदयपुर पहुंच चुके हैं. उनकी तबीयत खराब हो रही है, लेकिन सरकार उनकी मांगों के प्रति उदासीन बनी हुई है. ऐसे में उनकी मांगों पर जल्द गौर कर स्थाई समाधान निकालने की मांग की गई है. इसके साथ ही राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ की ओर से भी ज्ञापन दिया गया है.

पढे़ंः जयपुर: पुलिस ने एक करोड़ की शराब लूट का किया खुलासा, 4 आरोपी गिरफ्तार

इसमें मदरसा पैराटीचर को प्रबोधक/अध्यापक पद पर समायोजित करने, गुजराल समिति की रिपोर्ट को लागू करने, शाला दर्पण पर अल्पभाषा विषय और पद स्वतः सृजित होने की व्यवस्था करने, अल्पभाषा प्रकोष्ठ को कार्यशील अवस्था में लाने, डाइट में अल्पभाषा के व्याख्याता के पद सृजित करने, सभी राजकीय कॉलेज में पंजाबी, गुजराती, सिंधी और उर्दू संकाय खोलने और प्रधानमंत्री 15 सूत्री कार्यक्रम की समिति में हर जिले में एक-एक अल्पभाषा व्याख्याता को जोड़ने की मांग भी की गई है. मदरसा शिक्षा सहयोगियों के कहना है कि यदि इन मांगों पर गौर नहीं किया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा.

नागौर. राजस्थान की सरकारी स्कूलों में उर्दू, सिंधी, पंजाबी और गुजराती भाषा के साथ सौतेला व्यवहार बंद करने और मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने की मांग को लेकर चूरू के पूर्व विधायक शमशेर खान दांडी यात्रा कर रहे हैं. ऐसे में बुधवार को उनकी मांगों के समर्थन में नागौर में मुस्लिम परिषद संस्थान और मदरसा शिक्षा सहयोगी पैराटीचर्स के बैनर तले ज्ञापन दिया है.

नागौर में मुस्लिम परिषद संस्थान ने सौंपा ज्ञापन

इसमें बताया गया है कि शमशेर खान 16 दिन में 1060 किमी पैदल चलकर चूरू से उदयपुर पहुंच चुके हैं. उनकी तबीयत खराब हो रही है, लेकिन सरकार उनकी मांगों के प्रति उदासीन बनी हुई है. ऐसे में उनकी मांगों पर जल्द गौर कर स्थाई समाधान निकालने की मांग की गई है. इसके साथ ही राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ की ओर से भी ज्ञापन दिया गया है.

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इसमें मदरसा पैराटीचर को प्रबोधक/अध्यापक पद पर समायोजित करने, गुजराल समिति की रिपोर्ट को लागू करने, शाला दर्पण पर अल्पभाषा विषय और पद स्वतः सृजित होने की व्यवस्था करने, अल्पभाषा प्रकोष्ठ को कार्यशील अवस्था में लाने, डाइट में अल्पभाषा के व्याख्याता के पद सृजित करने, सभी राजकीय कॉलेज में पंजाबी, गुजराती, सिंधी और उर्दू संकाय खोलने और प्रधानमंत्री 15 सूत्री कार्यक्रम की समिति में हर जिले में एक-एक अल्पभाषा व्याख्याता को जोड़ने की मांग भी की गई है. मदरसा शिक्षा सहयोगियों के कहना है कि यदि इन मांगों पर गौर नहीं किया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा.

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