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मदरसा पैरा टीचर्स को नियमित करने और मानदेय बढोतरी की मांग, CM के नाम DM को सौंपा ज्ञापन - मदरसा पैरा टीचर्स को नियमित करने की मांग

राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के बैनर तले नागौर जिले के मदरसा पैरा टीचर्स ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ मौन प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. मदरसा शिक्षकों ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए संविदा कर्मियों के साथ छलावा और सौतेला व्यवहार करने का आरोप भी लगाया.

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मदरसा पैरा टीचर्स को नियमित करने और मानदेय बढोतरी की मांग...
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Published : Mar 9, 2021, 7:33 PM IST

नागौर. राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के बैनर तले नागौर जिले के मदरसा पैरा टीचर्स ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ मौन प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. मदरसा शिक्षकों ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए संविदा कर्मियों के साथ छलावा और सौतेला व्यवहार करने का आरोप भी लगाया. मदरसा पैराटीचर्स के जिलाध्यक्ष मो. ईमरान ने बताया मानदेय बढ़ने का इंतजार लंबे समय कर रहे हैं. शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के बयान की निंदा की गई, लेकिन कोई बढ़ोतरी नहीं हुई. मदरसा पैरा टीचर्स की अनदेखी की जा रही है.

पढ़ें: शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर आक्रोशित पैराटीचर्स ने किया प्रदर्शन, विधायक को सौंपा CM के नाम ज्ञापन

राज्य में 2001 से मदरसा पैरा टीचर्स की भर्ती होना शुरू हुई थी, 3500 रजिस्टर्ड मदरसों में इस समय 6000 से ज्यादा मदरसा पैरा टीचर्स सेवाएं दे रहे हैं. इनका अधिकतम मानदेय 9000 रुपए है और न्यूनतम 7000 रुपए का मानदेय दिया जाता है. पैराटीचर्स अरसे से न्यूनतम मानदेय 15 हजार रुपए करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी उनका जो मानदेय है, वहीं बढ़ता मुश्किल नजर आ रहा है. पिछली भाजपा सरकार के पांच सालों में दो बार इनके मानदेय में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. नई सरकार आने के बाद से अब तक कोई बढ़ोतरी मानदेय में इन्हें नहीं मिली है, जबकि कांग्रेस सरकार ने 15 प्रतिशत बढ़ोतरी का वादा किया था.

नागौर. राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के बैनर तले नागौर जिले के मदरसा पैरा टीचर्स ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ मौन प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. मदरसा शिक्षकों ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए संविदा कर्मियों के साथ छलावा और सौतेला व्यवहार करने का आरोप भी लगाया. मदरसा पैराटीचर्स के जिलाध्यक्ष मो. ईमरान ने बताया मानदेय बढ़ने का इंतजार लंबे समय कर रहे हैं. शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के बयान की निंदा की गई, लेकिन कोई बढ़ोतरी नहीं हुई. मदरसा पैरा टीचर्स की अनदेखी की जा रही है.

पढ़ें: शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर आक्रोशित पैराटीचर्स ने किया प्रदर्शन, विधायक को सौंपा CM के नाम ज्ञापन

राज्य में 2001 से मदरसा पैरा टीचर्स की भर्ती होना शुरू हुई थी, 3500 रजिस्टर्ड मदरसों में इस समय 6000 से ज्यादा मदरसा पैरा टीचर्स सेवाएं दे रहे हैं. इनका अधिकतम मानदेय 9000 रुपए है और न्यूनतम 7000 रुपए का मानदेय दिया जाता है. पैराटीचर्स अरसे से न्यूनतम मानदेय 15 हजार रुपए करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी उनका जो मानदेय है, वहीं बढ़ता मुश्किल नजर आ रहा है. पिछली भाजपा सरकार के पांच सालों में दो बार इनके मानदेय में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. नई सरकार आने के बाद से अब तक कोई बढ़ोतरी मानदेय में इन्हें नहीं मिली है, जबकि कांग्रेस सरकार ने 15 प्रतिशत बढ़ोतरी का वादा किया था.

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