अंता (बारां). जिले के मांगरोल में नगर पालिका के उपाध्यक्ष पद के लिये हुए चुनाव में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) प्रत्याशी कोशर परवीन को 10 मतों से विजेता घोषित किया गया है. कोशर परवीन को 22 मत प्राप्त हुए हैं. वहीं, भाजपा प्रत्याशी अब्दुल सलीम को 12 मत मिले तथा एक मत निरस्त किया गया है.
मांगरोल नगरपालिका उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला हुआ. जिसमें कांग्रेस समर्थित एसडीपीआई प्रत्याशी कोशर परवीन को 22 मत प्राप्त हुए तो वहीं, भाजपा के प्रत्याशी अब्दुल सलीम को 12 मत प्राप्त हुए.
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बता दें कि एक मत को निरस्त किया गया. परिणामों की घोषणा होने के साथ ही नगरपालिका कार्यालय के बाहर जहां एक तरफ एसडीपीआई जिंदाबाद के नारे लगे तो वहीं, दूसरी तरफ प्रतिस्पर्धा में कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद के नारे लगते रहे. नगर पालिका उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर दिन भर लोगों में उत्सुकता बनी रही तो वहीं, दूसरी ओर पुलिस प्रशासन भी अलर्ट रहा. पालिका उपाध्यक्ष के परिणाम की घोषणा के बाद खुशी का माहौल नजर आया. ढोल नगाड़ों के साथ कार्यकर्ताओ ने जश्न मनाते हुए जमकर नारे बाजी की.
नागौर में भाजपा को कांग्रेस के पार्षद अब्दुल सलाम भाटी ने दी करारी शिकस्त
मकराना (नागौर). नगर परिषद पूर्ण रूप से कांग्रेस के रंग में रंग गई है. उपसभापति के पद पर भी कांग्रेस के पार्षद अब्दुल सलाम भाटी 42 मतों के भारी अंतर से विजय घोषित किये गये है. सलाम भाटी को 47 मत मिले जबकि भाजपा समर्थित निर्दलीय सद्दाम हुसैन को 5 मत से ही संतोष करना पड़ा. जबकि एक वोट नोटा में गया. भजापा के पार्षद एडवोकेट देवीसिंह बीका ने निर्दलीय सद्दाम हुसैन को भाजपा ने समर्थन देते हुए नामाकंन वापिस ले लिया. खास बात तो यह है कि नगर परिषद के निवर्तमान सभापति शौकत अली गौड़ जो वार्ड संख्या 13 से पार्षद का चुनाव जीते है की ओर से भी नामाकंन प्रस्तुत किये जाने की चर्चा आम थी. मगर इन्होंने भी पार्षदों से संपर्क साधते हुए उपसभापति के चुनाव में भाग्य आजमाने की मंशा जाहिर की थी.
नगर परिषद के उपसभापति पद को लेकर बुधवार को हुए चुनाव के साथ ही विजय उम्मीदवार अब्दुल सलाम भाटी के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी करते हुए विशाल जुलूस निकाला. इस जुलूस में नगर परिषद के अनेक पार्षद भी शामिल हुए और लोगों ने नव निर्वाचित उपसभापति सलाम भाटी का अनेक स्थानों पर स्वागत किया.
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नव निर्वाचित उपसभापति भाटी ने कहा कि मकराना के विकास में किसी भी प्रकार से कमी रखी नहीं जायेगी. यहां का सर्वागिंण विकास करवाना ही पहली प्राथमिकता है. सरकार की राशि की स्वीकृति करवाये जाने के लिये सार्थक प्रयास किये जायेंगे. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी शहर के विकास में अपनी भागीदारी निभायेंगे और नगर परिषद के सभी जन प्रतिनिधियों का सहयोग करेंगे. उन्होंने कहा कि सभापति समरिन भाटी उनकी पुत्र वधू है लेकिन वह स्वतंत्र रहकर नगर के विकास को लेकर कार्य करेंगी और सभापति का भी हर कार्य में सहयोग किया जायेगा.
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नगर परिषद के उपसभापति पद को लेकर बुधवार को हुए मतदान के दौरान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष और मकराना पूर्व विधायक जाकिर हुसैन गैसावत मतदान स्थल नगर परिषद कार्यालय के बाहर अपने समर्थकों और कुछ पार्षदों के साथ एक चाय की दुकान पर बैठे रहे. साथ ही गैसावत ने पार्टी कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों से पहले ही कह दिया कि कार्यकर्ताओं की मेहनता कभी जाया नहीं जाती है. कांग्रेंस पार्टी नगर परिषद बोर्ड पर पूर्ण रूप से आसिन होगी.
उपसभापति के चुनावों का परिणाम आने के साथ ही नव निर्वाचित उपसभापति अब्दुल सलाम भाटी को गले लगाकर गैसावत ने शुभकामनाएं दी. भाटी ने भी गैसावत को भरोसा दिलाया कि पार्टी ने जिस प्रकार से निकाय चुनाव सहित सभापति और उपसभापति के चुनाव को लेकर जो विश्वास किया है उस पर वे शत-प्रतिशत खरा उतरेगें. उन्होंने सभी पार्षदों को साथ लेकर विकास के कार्य करने की बात कही है. वहीं पार्षदों की खरीद फरोख्त को लेकर भी नवनिर्वाचित उपसभापति भाटी ने कहा कि किसी पार्षद ने अपना मत नहीं बेचा है. मात्र विश्वास में लेकर पार्षदों के विडियों बनाये जाकर वायरल किये गये है.
नगर परिषद मकराना के उपसभापति के चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी के सिंबल की मंशा पाले बैठक निवर्तमान सभापति शौकत अली गौड़ का इस बार कांग्रेस पार्टी ने इन्हे नजर अंदाज कर दिया. इसकी वजह से इनके परिवार और कांग्रेस के स्थानीय नेताओं में काफी तनातनी भी देखने को मिली. गौड़ परिवार की इन चुनावों में अनदेखी करने की वजह से शौकत अली गौड़, इनके बडे़ भाई भामाशाह मुख्त्यार अहमद गौड़, सिकन्दर अली गौड़ भी कांग्रेसी नेताओं के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके है.
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इसी नाराजगी के चलते निवर्तमान सभापति गौड़ ने उपसभापति चुनाव में भाग नहीं लिया. इसी प्रकार इन्ही के बडे़ भाई मुख्त्यार गौड़ की पुत्र वधू ने भी इस चुनाव में मतदान नहीं किया. इन दोनों की ओर से उपसभापति के चुनाव में भाग नहीं लिये जाने की वजह से 55 पार्षदों में से 53 पार्षदों ने ही अपने मत का प्रयोग किया. जबकि एक मतदाता ने नोटा में अपने मत का इस्तेमाल किया.