नागौर. भीषण गर्मी में पानी की तलाश में दर-दर भटकते हिरण, दुर्लभ कृष्ण मृग और वन्य जीव सैकड़ों बार सड़क दुर्घटना में अकाल मौत का शिकार हो जाते थे. जिसको देखते हुए वन एवं वन्य जीव रक्षा समिति के पदाधिकारियों और वन्य जीव प्रेमियों ने जीवों को चारे और पानी की प्यास बुझाने के लिए भामाशाहों के सहयोग से बुटाटी से लेकर रेण तक 60 से अधिक पेयजल प्वाइंट बनाया.
उनमें नियमित टैंकरों से पानी डालकर उनकी प्यास बुझाने और उनको अकाल मौत से बचाने के लिए भरपूर प्रयत्न कर जीवों की सेवा की जा रही है. वन एवं वन्य जीव रक्षा समिति के सदस्य और जीव प्रेमी मुकेश ने बताया कि डेगाना तहसील के कई गावों के साथ बुटाटी से लेकर रेण तक हजारों की तादाद में हिरण है.
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जीवों की अकाल मौत से व्याकुल वन एवं वन्य जीव रक्षा समिति के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने टीमों का गठन कर बुटाटी से लेकर रेण तक जीव बाहुल्य गांव चकढाणी, बिचपुड़ी राजोद, थला की ढाणी, गुंदा की ढाणी सहित दर्जन भर से अधिक पानी के प्वाइंट निश्चित कर हिरणों के लिए खेळी, बड़े हौज पेयजल प्वाइंट बनाए गए है. प्रतिदिन चारें की व्यवस्था बनाकर उनमें भामाशाहों और वनविभाग की मदद से उनमें नियमित पानी डालकर जीवों की रक्षा कर रहे है.