नागौर. कोविड-19 के विरुद्ध संघर्ष में जिले में अनवरत चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है. हेल्थ वर्करों के समर्पण, जिला प्रशासन की संवेदनशीलता और प्रेरणा तथा भामाशाहों के सेवा और सहयोग से इसमें लगातार वृद्धि हो रही है. जिला कलेक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी की अध्यक्षता में शुक्रवार को जेएलएन अस्पताल के वाॅर रूम में चिकित्सा व्यवस्थाओं को और मजबूत करने तथा ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करवाने के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों और चिकित्सा अधिकारियों के साथ कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. कलेक्टर डॉ. सोनी ने इस क्रम में शुक्रवार को जेएलएन अस्पताल का दौरा किया तथा ऑक्सीजन प्लांट के निर्माण से संबंधित कार्य का निरीक्षण करके उचित दिशा निर्देश दिए.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मेहराम महिया ने बताया कि जिला मुख्यालय के साथ-साथ जिले के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित हो पाई है. इन समन्वित प्रयासों से नागौर जिला मुख्यालय पर कोरोना मरीजों के इलाज के लिए जहां पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित हुई है, वहीं विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्राणवायु सिलेंडर, ऑक्सीजन कंस्ट्रक्शन सहित पर्याप्त सुविधाओं से युक्त बेड उपलब्ध होने से कोरोना मरीजों का इलाज प्रारंभ होने से जिला अस्पताल पर भी संख्यात्मक दृष्टि से दबाव कम हुआ है.
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जिले के विभिन्न अस्पतालों में 547 कोरोना मरीज भर्ती है, जिनमें से 458 मरीजों का ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ इलाज चल रहा है. इनमें 254 मरीज लो फ्लो और 96 मरीज हाई फ्लो ऑक्सीजन पर है. एक ओर जहां सीएचसी में 121 कोरोना मरीज है. वहीं जेएलएन, पुराने राजकीय अस्पताल, एसडीएच सहित अन्य अस्पतालों में 400 मरीज और कोविड केयर सेंटरों पर 26 कोरोना मरीज उपाचररत है. डाॅ. महिया ने बताया कि जिले के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर समुचित व्यवस्था होने से कोरोना पीड़ितों को स्थानीय स्तर पर ही चिकित्सा का लाभ मिलने से उनके मानसिक संबल और संतुष्टि पर भी सकारात्मक प्रभाव नजर आ रहा है.
प्रतिदिन ली जा रही समीक्षा बैठक
जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी के मार्गदर्शन में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण टीम द्वारा प्रत्येक दिन सुबह सवा दस बजे जिला मुख्यालय के अस्पताल के वाॅर रूम में चिकित्सा व्यवस्थाओं की समीक्षा की जाती है तथा विभिन्न निर्माण कार्यों का पर्यवेक्षण कर व्यापक दिशा निर्देश भी प्रदान किए जाते हैं. इसके साथ ही शाम को प्रत्येक दिन किए गए कार्यों की भी पुनः समीक्षा की जाती है. इस समीक्षा और अग्रिम तैयारी बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चैधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मेहराम महिया और पीएमओ डॉ. शंकरलाल के साथ संबंधित विभागों के अधिकारियों की भी मौजूदगी रहती है.
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पीएमओ डॉ शंकरलाल ने बताया कि जिला अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों के दल द्वारा विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कोरोना पीड़ितों की वर्चुअल माध्यम से जांच की जाती है तथा संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी के माध्यम से उपचार और आवश्यक मार्गदर्शन भी किया जाता है. इस दल द्वारा प्रतिदिन विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कोरोना मरीजों का वीडियो काॅल के माध्यम से भी सुपरविजन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जेएलएन अस्पताल के वरिष्ठ डाॅक्टरों की टीम द्वारा अब सीएचसी स्तर पर भी वीडियो काॅल से संपर्क कर उनके स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी लेकर आवश्यक परामर्श देंगे. गांवों में संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों पर नियत्रण पाने के लिए सीएचसी स्तर पर जिला मुख्यालय की तरह चिकित्सा व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने के बाद प्रतिदिन समीक्षात्मक रिपोर्ट भी ली जा रही है.
जनसेवा के लिए आगे आए 51 नर्सिंग स्टूडेंट
कोविड-19 के विरुद्ध संघर्ष में जहां चिकित्सकों और कंपाउंडरों द्वारा अथक परिश्रम किया जा रहा है. वहीं इस कार्य में नर्सिंग स्टूडेंट भी आगे आ रहे हैं. इस सेवा के भाव को मन में धारण करके 51 नर्सिंग स्टूडेंटों द्वारा अपनी सेवाएं देने का मंतव्य प्रकट किया गया. जिला प्रशासन द्वारा ऐसे सभी सेवाभावी नर्सिंग स्टूडेंट की सूची बनाकर विभिन्न अस्पतालों में उनकी सेवाएं देने की कार्य योजना भी निर्धारित की गई.
नर्सिंग कर्मियों से लिया जाएगा फीडबैक
जेएलएन अस्पताल स्थित वाॅर रूम से अब प्रतिदिन जिले के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र के कार्मिकों से फीडबैक लिए जाने का निर्देश भी जिला कलक्टर द्वारा दिया गया है. उन्होंने कहा कि फोन काॅल के माध्यम से लिए जाने वाले इस फीडबैक में संबंधित चिकित्साकर्मी द्वारा डोर टू डोर सर्वे किए गए परिवारों की संख्या तथा वितरित किए गए मेडिसिन किट की संख्या का डाटा सुरक्षित रखकर प्रतिदिन अभिलेख संधारित किया जाएं.