नागौर. जिले में बन रहे दो ओवरब्रिज निर्माण में लेटलतीफी से लोग लंबे समय से परेशान हैं. निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री के प्रयोग करने के आरोप भी लगातार लगते रहे हैं. नागौर का ये मामला अब दिल्ली तक पहुंच गया है. इस पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में अतिरिक्त महानिदेशक निर्मल कुमार ने शनिवार को जिला मुख्यालय पर बन रहे दो रेलवे ओवरब्रिज का निरीक्षण किया.
अतिरिक्त महानिदेशक निर्मल कुमार ने जिला कलेक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी व सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुख्य अभियंता, राजस्थान आलोक दींपाकर के साथ मानासर रेलवे फाटक तथा बीकानेर रेलवे फाटक पर बन रहे रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया. यहां उन्होंने ओवरब्रिज के निर्माण कार्य में गुणवत्ता और निश्चित समयावधि का पूरा ध्यान रखते हुए कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए.
राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता डी.आर मेघवाल व अधिशासी अभियंता मुकेश शर्मा ने अतिरिक्त महानिदेशक व जिला कलेक्टर को बताया कि दोनों ही ओवरब्रिज का 60 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. उन्होंने बताया कि मानासर रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज का निर्माण कार्य पीआरएल कंस्ट्रक्शन कंपनी तथा बीकानेर रेलवे फाटक पर बन रहे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य गुरूनानक कंस्ट्रक्शन कंपनी के जिम्मे है. केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक ने दोनों ओवरब्रिज का निर्माण कार्य कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रतिनिधियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
निरीक्षण के दौरान मौजूद कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रतिनिधियों ने अतिरिक्त महानिदेशक व जिला कलेक्टर को बताया कि अपने नियत ओवरब्रिज का संपूर्ण निर्माण 31 अगस्त 2021 तक पूरा कर देंगे. बता दें कि करीब 25 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे 1061 मीटर लम्बाई के बीकानेर रेलवे क्रॉसिंग सी-61 का केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने नागौर सांसद सीआर चौधरी और कैबीनेट मंत्री यूनुस खान की उपस्थिति में 2017 में शिलान्यास किया गया था. वहीं, 29.33 करोड़ रुपये की लागत से 1173 मीटर लंबे और 11 मीटर चौड़े मानासर रेलवे क्रॉसिंग सी-64 का केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा पंचायतीराज मंत्री पुरुषोतम रूपाला ने केन्द्रीय राज्य मंत्री सीआर चौधरी की उपस्थिति में अक्टूबर 2018 मे शिलान्यास किया था. इसके बाद आरओबी का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, लेकिन दोनों ठेकेदारों ने काम की गति काफी धीमी रखी.
शहर के दोनों प्रमुख सड़कों पर आरओबी का काम अधूरा होने से शहरवासियों के साथ बाहर से आने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है और ये परेशानी आगे कब तक रहेगी, इस बारे में कहना मुश्किल है. वहीं, बीकानेर रोड आरओबी का काम 2 साल पहले और मानासर फाटक पर बन रहे आरओबी का काम दिसंबर 2019 में पूरा हो जाना था. रेलवे क्रॉसिंग सी-61 पर बन रहे दो लेन वाले आरओबी में आरई (रेनफॉर्सड अर्थ) वॉल व ब्रिज का सॉलिड फिल्ड पॉर्सन का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है. पूरे ब्रिज में कुल 16 पिलर बनाए जाएंगे, जिनमें से 2 रेलवे व 14 राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण विभाग की ओर से तैयार किए जाएंगे.