नागौर. शहर में कोर्ट के बाहर दिनदहाड़े गैंगस्टर संदीप बिश्नोई उर्फ संदीप सेठी की हत्या के (Gangster Sandeep sethi Murder case) मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है. पुलिस के मुताबिक आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए नागौर-नोखा-हिसार तक 450 किलोमीटर का ट्रेस आउट प्लान करना पड़ा. साथ ही 900 से अधिक सीसीटीवी खंगाले गए.
गैंगस्टर संदीप सेठी हत्याकांड का खुलासा करते हुए मंगलवार को एसपी राममूर्ति जोशी ने (Gangster Sandeep Sethi Killed in Firing) बताया कि तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार हो चुके आरोपियों में पंजाब के अजीतनगर रहने वाले सुनील शर्मा, हरियाणा के हिसार निवासी संदीप लांबा और फतेहाबाद, हरियाणा निवासी जितेंद्र कुमार शामिल है. वहीं पुलिस को अब भी मुख्य शूटर्स की तलाश है. इसके लिए पुलिस की टीमें दिल्ली, हरियाणा, पंजाब सहित अन्य राज्यों में दबिशे दे रही है. एसपी जोशी का कहना है कि बाकी आरोपियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
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जीजा की हत्या का बदला लेने के लिए रची साजिश
25 जून 2009 में गैंगवार की शुरुआत हुई थी. जहां संदीप सेठी और किशोरी गैंग ने मिलकर हिसार के संजय कौशिक व उनके परिवार के सदस्य का डबल मर्डर किया था. संजय कौशिक पकड़े गए मुख्य आरोपी सुनील शर्मा का जीजा था. इसके बाद से ही सुनील जीजा की मौत का बदला लेने की फिराक में था. इसके लिए शर्मा ने अपने जीवन के 12 साल इसी टास्क में लगा दिए. साल 2011 में सुनील शर्मा अपने जीजा की हत्या का बदला लेने के लिए कुलवीर तानसेन गैंग से जुड़ा. इस दौरान सुनील पर हत्या और रंगदारी के केस चल रहे थे. सुनील हिसार जेल में रहा, जहां संदीप के मारपीट करने पर जेल में उसे मारने का खुला चैलेंज दिया गया. दूसरी ओर साल 2013 में हिसार में कॉलेज के दौरान किशोरी जाट व दीप्ती गैंग में आपसी वर्चस्व की लड़ाई थी. जिसके कारण दीप्ती गैंग ने किशोरी जाट की हत्या कर दी थी. जिससे संदीप सेठी दीप्ती गैंग के निशाने पर आ चुका था. इसका फायदा उठाते हुए सुनील शर्मा ने दीप्ती गैंग से हाथ मिला लिया. साल 2013 के बाद से दीप्ती गैंग से मिलकर संदीप की हत्या की प्लानिंग करने लगा. हिसार में दीप्ती गैंग और सुनील शर्मा के बीच एक मीटिंग हुई. जिसमें सेठी को मारने की पूरी पठकथा लिखी गई. मीटिंग में दीप्ती, सुनील, अनिल उर्फ छोटिया सहित पांच सात गुर्गे मौजूद थे. जहां सुनील शर्मा ने हथियार खरीदने के लिए रुपयों का बंदोबस्त किया.
2015 से करने लगे थे रेकीः साल 2015-16 से सेठी की हत्या के लिए रेकी करने लगे. इसके लिए दिल्ली, भीलवाड़ा, हिसार, झुंझुनूं, गुड़गांव और जोधपुर कोर्ट सहित अन्य जगहों पर संदीप की पेशी के दौरान रेकी की गई. लेकिन पुलिस कस्टडी होने के चलते हत्या करने में आरोपी नाकाम रहे. संदीप की हत्या करने के लिए दीप्ती गैंग और सुनील ने अपने मोबाइल पर ई-कोर्ट एप डाउनलोड कर लिया था. ताकि संदीप की कोर्ट में कब और कहां पेशी होनी है इसकी जानकारी मिल सके. इस दौरान हर जगह उसे मारने की प्लानिंग होती रही. लेकिन वो बचता रहा. दीप्ती गैंग और सुनील शर्मा नागौर में 16 अगस्त और 28 जुलाई को नरेश सांखला मर्डर केस में पेशी के दौरान आए थे. लेकिन पुलिस के कड़े इंतजाम के चलते प्लान सफल न हो सका. ऐसे में संदीप की जमानत होने का इंतजार किया गया. जैसे ही 12 सितंबर को संदीप सेठी को जमानत मिली, वहीं अगली पेशी पर उसे मारने का प्लान रच डाला और 19 सितंबर को जैसे ही संदीप कोर्ट परिसर से बाहर निकला तो उसे गोलियों से भुन दिया गया.
450 किलोमीटर का ट्रेस आउट, 900 सीसीटीवी कैमरे खंगाले : (Three accused arrested in Gangster Murder case)
एसपी राममूर्ति जोशी ने बताया कि गैंगस्टर को पकड़ने के लिए नागौर से नोखा फिर हिसार तक ट्रेस आउट किया गया. इसके लिए 450 किलोमीटर तक कुल 900 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले गए. हिसार से बिना नंबर की बाइक लाए थे, उसी पर भावंडा होते हुए कच्चे रास्ते से खींवसर पहुंचे, जहां दो को बाइक से उतार दिया गया. संदीप बाइक लेकर मेड़ता फिर पुष्कर के रास्ते जयपुर फिर हिसार पहुंचा. वारदात के बाद सभी अलग-अलग हो गए थे.