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कोटा : करंट लगने से मजदूर की मौत... परिजनों ने मुआवजे के लिए किया प्रदर्शन

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Published : Aug 10, 2019, 2:43 PM IST

कोटा जिले के घघटाना मानस गांव में बिजली के तार के संपर्क में आने से मजदूर की मौत का मामला सामने आया है. आक्रोशित परिजनों ने शव को जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कोटा चीफ इंजीनियर कार्यालय में रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं और 5 लाख रूपए मुआवजा की मांग कर रहे हैं.

कोटा : बिजली के तार के संपर्क में आने से मजदूर की मौत... परिजन मुआवजे के लिए शव रख कर रहे प्रदर्शन

कोटा. जिले के घघटाना मानस गांव में बिजली के तार के संपर्क में आने से मजदूर की मौत का मामला सामने आया है. इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने शव को जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कोटा चीफ इंजीनियर कार्यालय में रखकर प्रदर्शन कर मुआवजा की मांग कर रहे हैं.

कोटा : बिजली के तार के संपर्क में आने से मजदूर की मौत... परिजन मुआवजे के लिए शव रख कर रहे प्रदर्शन

पढ़ें - जयपुर : सर्वसम्मती से बनेगा कांग्रेस का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष
जानकारी के अनुसार कोटा की कोटड़ी एरिया में रहने वाला हरीश कुशवाहा आरसीसी का काम करता है. वह अन्य मजदूरों के साथ बीते 3 दिनों से कोटा के घघटाना मानस गांव में मजदूरी करने जा रहा था. बता दें कि जिस जगह पर वह मजदूरी कर रहा था उसके नजदीक से 11 केवी की लाइन निकल रही थी. ऐसे में 11 केवी बिजली की लाइन को निर्माणाधीन मकान के मालिक बंद करवा रहे थे. वहीं तीसरे दिन भी काम शुरू करने से पहले मजदूरों ने बिजली बंद होने के बारे में पूछा तो मकान मालिक ने कहा कि इसकी बिजली को बंद करवा दिया है. लेकिन जैसे यह मजदूर काम कर रहे थे इसी दौरान हरीश को बिजली के तार ने अपनी ओर खींच लिया और वह उसके चपेट में आ गया.

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बता दें कि हरीश के बिजली के चपेट में आ जाने के बाद आसपास के मजदूरों ने डंडे की सहायता से बिजली के तारों से उसे छुड़ाया और उसे लेकर कोटा के एमबीएस अस्पताल पहुंचे, जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. शनिवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया.

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आक्रोशित होकर परिजनों ने शव को लेकर जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कोटा चीफ इंजीनियर कार्यालय पहुंच गए, जहां शव को रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. हालांकि छुट्टी का दिन होने से कार्यालय में एक भी अधिकारी मौजूद नहीं है. वहीं मृतक के परिजनों का कहना है कि जब तक 5 लाख रुपए मुआवजा नहीं मिलेगा वे मृतक के शव को नहीं उठाएंगे. परिजनों ने कहा कि मृतक हरीश के माता-पिता नहीं हैं और कुछ साल पहले ही उसका विवाह हुआ था.

कोटा. जिले के घघटाना मानस गांव में बिजली के तार के संपर्क में आने से मजदूर की मौत का मामला सामने आया है. इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने शव को जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कोटा चीफ इंजीनियर कार्यालय में रखकर प्रदर्शन कर मुआवजा की मांग कर रहे हैं.

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जानकारी के अनुसार कोटा की कोटड़ी एरिया में रहने वाला हरीश कुशवाहा आरसीसी का काम करता है. वह अन्य मजदूरों के साथ बीते 3 दिनों से कोटा के घघटाना मानस गांव में मजदूरी करने जा रहा था. बता दें कि जिस जगह पर वह मजदूरी कर रहा था उसके नजदीक से 11 केवी की लाइन निकल रही थी. ऐसे में 11 केवी बिजली की लाइन को निर्माणाधीन मकान के मालिक बंद करवा रहे थे. वहीं तीसरे दिन भी काम शुरू करने से पहले मजदूरों ने बिजली बंद होने के बारे में पूछा तो मकान मालिक ने कहा कि इसकी बिजली को बंद करवा दिया है. लेकिन जैसे यह मजदूर काम कर रहे थे इसी दौरान हरीश को बिजली के तार ने अपनी ओर खींच लिया और वह उसके चपेट में आ गया.

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बता दें कि हरीश के बिजली के चपेट में आ जाने के बाद आसपास के मजदूरों ने डंडे की सहायता से बिजली के तारों से उसे छुड़ाया और उसे लेकर कोटा के एमबीएस अस्पताल पहुंचे, जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. शनिवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया.

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आक्रोशित होकर परिजनों ने शव को लेकर जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कोटा चीफ इंजीनियर कार्यालय पहुंच गए, जहां शव को रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. हालांकि छुट्टी का दिन होने से कार्यालय में एक भी अधिकारी मौजूद नहीं है. वहीं मृतक के परिजनों का कहना है कि जब तक 5 लाख रुपए मुआवजा नहीं मिलेगा वे मृतक के शव को नहीं उठाएंगे. परिजनों ने कहा कि मृतक हरीश के माता-पिता नहीं हैं और कुछ साल पहले ही उसका विवाह हुआ था.

Intro:कोटा के कोटड़ी एरिया में रहने वाला हरीश कुशवाह आरसीसी मजदूर का काम करता था. कोटा के घघटाना मानस गांव में मजदूरी करने गया था. जहां पर बिजली के तारों में संपर्क में आने से उसकी मौत हो गई है. इसके बाद उसके परिजनों ने जयपुर डिस्कॉम के कोटा चीफ इंजीनियर ऑफिस में शव रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं.


Body:कोटा.
कोटा जिले के घघटाना मानस गांव में आरसीसी मजदूर की बिजली के तारों की चपेट में आने से मौत का मामला सामने आया है. इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने आज उसके शव को जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कोटा चीफ इंजीनियर कार्यालय में रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है. हालांकि छुट्टी होने से वहां पर एक भी अधिकारी मौजूद नहीं है. ऐसे में परिजनों ने शव को रखकर प्रदर्शन जारी रखा हुआ है. परिजनों ने पांच लाख मुआवजे की मांग रखी है.


मामले के अनुसार कोटा की कोटड़ी एरिया में रहने वाला हरीश कुशवाहा आरसीसी का काम करता है. वह अन्य मजदूरों के साथ बीते 3 दिनों से कोटा के घघटाना मानस गांव में मजदूरी करने जा रहा था, जहां वह मजबूरी कर रहा था. उसके नजदीक से 11 केवी की लाइन निकल रही है. ऐसे में उस बिजली की लाइन को निर्माणाधीन मकान के मालिक बंद करवा रहे थे, तीसरे दिन में काम शुरू करने पर इन मजदूरों ने बिजली बंद होने के बारे में पूछा मकान मालिक ने कहा कि इसकी बिजली को बंद करवा दिया है, लेकिन जैसे यह मजदूर काम कर रहे थे. इसी दौरान हरीश को बिजली के तार ने अपनी ओर खींच लिया और वह उसके चपेट में आ गया. आसपास के मजदूरों ने डंडे और बल्लियों की सहायता से बिजली के तारों से उसे छुड़ाया और तुरंत लेकर कोटा के एमबीएस अस्पताल पहुंचे. जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. आज पुलिस ने उसके शव का पोस्टमार्टम कराया इसके बाद आक्रोशित होकर परिजन उसके शव को लेकर जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कोटा चीफ इंजीनियर कार्यालय में पहुंच गए. जहां पर उसके शव को रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया.


Conclusion:हालांकि छुट्टी का दिन होने से यहां पर अधिकारी मौजूद नहीं है, लेकिन मृतक के परिजनों ने कह दिया है कि जब तक उन्हें 5 लाख रुपए मुआवजा नहीं मिलेगा भी मृतक के शव को नहीं उठाएंगे. मृतक के परिजनों ने यह भी कहा है कि हरीश के माता-पिता नहीं है. हरीश को उसके मामा ने ही पाल पोस कर बड़ा किया है और कुछ साल पहले ही उसका विवाह हुआ था. उसके 4 महीने का बच्चा है, ऐसे में उसकी पत्नी और बच्चे आगे क्या होगा .

बाइट-- हेमराज कुशवाहा, परिजन, मृतक हरीश
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