कोटा. शहर के उद्योग नगर थाना इलाके में डीसीएम पुलिया के नजदीक एक महिला अपने 5 वर्षीय बच्चे को लेकर नहर में कूद गई. इसके बाद लोगों की भीड़भाड़ जमा हो गई. जिसको देखते हुए एक युवक वहां आया था, जिसको यह जानकारी लगी और वह अपनी जान की परवाह करें बिना ही बहती नहर में कूद गया. उसने पहले बच्चे को बचाया और उसके बाद बच्चे की मां को भी नहर से बाहर निकाल लिया. दोनों अब सकुशल है. उन्हें एमबीएस अस्पताल पुलिस कार्मिकों ने भिजवाया है, जहां उनका उपचार जारी है.
घटना शाम 6:00 बजे की है, जहां पर प्रेम नगर जागा मोहल्ला निवासी मधु बैरवा अपने पति दिनेश के शराब पीने की आदत से तंग आकर अपने 5 वर्षीय बच्चे को लेकर नहर में कूद गई. यह डीसीएम पुलिया के पास स्थित शनि मंदिर के नजदीक कोटा की चंबल की दाई नहर में कूदी थी. इसको स्थानीय लोगों ने कूदते हुए देख लिया, लेकिन किसी ने भी नहर में कूदकर उसे बचाने की हिम्मत नहीं की. सभी लोग महिला को बचाने के लिए आवाजें लगा रहे थे. इसी दौरान प्रेम नगर निवासी ही प्रेम आर्य वहां पर पहुंचा और स्थानीय लोगों से पता चला कि महिला नहर में कूदी है.
उसने अपनी जान की परवाह किए बिना ही वह नहर में कूद गया. पहले उसने बच्चे को निकाला जो कि घटनास्थल से 100 फीट आगे निकल गया था. इसके बाद बहते हुए तेज प्रवाह में भी उसने बच्चे की मां मधु को भी निकाला, जो कि 200 सीट आगे नहर में बह निकली थी. इसकी सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक प्रेम आर्य दोनों मां बेटों को नहर से निकाल चुका था. फिर पुलिस कर्मियों ने महिला और उसके बच्चे के पेट से पानी निकाला. वहीं 108 एंबुलेंस को भी सूचना दी गई. जिसके बाद उसे एमबीएस अस्पताल के लिए रवाना किया गया है. इस मामले में सामने आया है कि पीड़िता का भाई भी आरएसी में तैनात है. ऐसे में उसे भी इस घटना की जानकारी दी गई है और वह अब एमबीएस अस्पताल में उपचार करवाने के लिए पहुंचा है.
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बच्चे को बचाने के लिए नहर में कूदे प्रेम आर्य का कहना है कि उसे केवल बच्चे के हाथ ही नजर आ रहे थे और वह बेहोश हो गया था. क्योंकि पानी उसके पेट में पूरी तरह से भर गया था. वहीं उसकी श्वसन क्रिया भी बंद हो गई थी. ऐसे में उसने पहले बच्चे को बचाना उचित समझा और बच्चे को बाहर निकाला. इसके बाद वह मां को बचाने के लिए भी आगे बढ़ गया और काफी भारी शरीर होने के बावजूद भी उसने मां को पानी से बाहर निकाल लिया. उसका कहना है कि स्थानीय नागरिकों में से कोई भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था और वह मां बेटे को मरता हुआ नहीं देखना चाहता था. इसलिए नहर में अपनी जान की परवाह किए बिना ही कूद गया.