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कोटा: महिला कांस्टेबल ने बचाई प्रसव पीड़िता की जान, हर तरफ हो रही सराहना

वर्तमान समय में भागादौड़ भरी जिंदगी में जहां किसी के पास अपने और अपनों तक के लिए वक्त नहीं है. ऐसे में इंसानियत की मिसाल पेश करती हैं कोटा की एक महिला कांस्टेबल. इस मां ने एक दूसरी मां की पीड़ा को समझा और उसकी जान बचाई.

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Published : Oct 23, 2019, 12:41 PM IST

रामगंजमंडी (कोटा). जिले के रामगंजमंडी उपखंड के मोड़क थाने के सामने एक महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी. इस महिला को एक महिला कांस्टेबल ने सजगता दिखाते हुए अस्पताल पहुंचाया. जहां महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया है.

महिला ने बचाई प्रसव पीड़िता की जान

आपको बता दें की दीपिका और उसके पति श्रीगंगानगर में ठंडी गोशाला में कार्य करते है जो कि दीपावली की छुट्टी पर अपने गांव, पैसेंजर ट्रेन से जा रहे थे. दीपिका प्रेग्नेंट थी. कोटा जंक्शन से गाड़ी निकलते ही दीपिका को अचानक दर्द शुरू हुआ. इसके बाद ये दंपत्ति घबराहट में ट्रेन में यात्रियों से अस्पताल की पूछताछ कर जैसे-तैसे मोड़क स्टेशन तक आ गए.

पढे़ं- स्पेशल रिपोर्ट: कोटा में स्थित नशा मुक्ति केंद्र 150 से अधिक लोगों के लिए बना वरदान, रोजाना 40 से 50 लोग उपचार के लिए आते हैं

पति-पत्नी स्टेशन के बाहर तो आ गए लेकिन उन्हें अस्पताल तक पहुंचने का साधन नहीं मिल रहा था और महिला सड़क पर थाने के सामने तड़पने लगी. तभी थाने से छुट्टी होने पर महिला कांस्टेबल रीना गुर्जर घर जाने के लिए बाहर निकली तो महिला को तड़पते हुए देखा. उन्होंने मानवता दिखाते हुए तुरन्त यह सूचना थानाधिकारी भरतसिंह को दी और पुलिस वैन से महिला को अस्पताल ले जाया गया. जहां महिला ने एक बालक को जन्म दिया.

थानाधिकारी भारतसिंह ने पति खेलसिंह को बधाई देते हुए अस्पताल में सभी को मिठाई खिलाकर मुह मीठा करवाया. सूचना पर ग्राम पंचायत मोड़क स्टेशन सरपंच ममता मेवाड़ा भी अस्प्ताल पहुंची. साथ ही युगल मेवाड़ा भी अस्पताल पहुंचे और महिला को 11 हजार रुपए की सहायता राशि सौंपी. साथ ही महिला को पुत्र प्राप्ति पर बधाई दी.

पढे़ं- स्पेशल स्टोरी: इस साल 66 हजार मैट्रिक टन यूरिया खपत का आंकलन, पिछले साल से 11 फीसदी कम

जानकारी के मुताबिक कांस्टेबल के बच्चे की तबीयत खराब होने के बाद भी अपने बच्चे के साथ महिला की देखरेख में लगी रही. उसने अपने कार्य के प्रति जागरूकता दिखाते हुए पहले अपने बच्चे को संभालने की जगह उसने तड़पती प्रेग्नेंट महिला को अस्पताल पहुंचाया और चार घंटे तक उसकी देखरेख की. कांस्टेबल ने इस काम से इंसानियत की मिसाल कायम की है. वहीं दीपिका ने भी अपने बच्चे का नाम थानाधिकारी भारतसिंह के नाम पर ही रख दिया है.

रामगंजमंडी (कोटा). जिले के रामगंजमंडी उपखंड के मोड़क थाने के सामने एक महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी. इस महिला को एक महिला कांस्टेबल ने सजगता दिखाते हुए अस्पताल पहुंचाया. जहां महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया है.

महिला ने बचाई प्रसव पीड़िता की जान

आपको बता दें की दीपिका और उसके पति श्रीगंगानगर में ठंडी गोशाला में कार्य करते है जो कि दीपावली की छुट्टी पर अपने गांव, पैसेंजर ट्रेन से जा रहे थे. दीपिका प्रेग्नेंट थी. कोटा जंक्शन से गाड़ी निकलते ही दीपिका को अचानक दर्द शुरू हुआ. इसके बाद ये दंपत्ति घबराहट में ट्रेन में यात्रियों से अस्पताल की पूछताछ कर जैसे-तैसे मोड़क स्टेशन तक आ गए.

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पति-पत्नी स्टेशन के बाहर तो आ गए लेकिन उन्हें अस्पताल तक पहुंचने का साधन नहीं मिल रहा था और महिला सड़क पर थाने के सामने तड़पने लगी. तभी थाने से छुट्टी होने पर महिला कांस्टेबल रीना गुर्जर घर जाने के लिए बाहर निकली तो महिला को तड़पते हुए देखा. उन्होंने मानवता दिखाते हुए तुरन्त यह सूचना थानाधिकारी भरतसिंह को दी और पुलिस वैन से महिला को अस्पताल ले जाया गया. जहां महिला ने एक बालक को जन्म दिया.

थानाधिकारी भारतसिंह ने पति खेलसिंह को बधाई देते हुए अस्पताल में सभी को मिठाई खिलाकर मुह मीठा करवाया. सूचना पर ग्राम पंचायत मोड़क स्टेशन सरपंच ममता मेवाड़ा भी अस्प्ताल पहुंची. साथ ही युगल मेवाड़ा भी अस्पताल पहुंचे और महिला को 11 हजार रुपए की सहायता राशि सौंपी. साथ ही महिला को पुत्र प्राप्ति पर बधाई दी.

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जानकारी के मुताबिक कांस्टेबल के बच्चे की तबीयत खराब होने के बाद भी अपने बच्चे के साथ महिला की देखरेख में लगी रही. उसने अपने कार्य के प्रति जागरूकता दिखाते हुए पहले अपने बच्चे को संभालने की जगह उसने तड़पती प्रेग्नेंट महिला को अस्पताल पहुंचाया और चार घंटे तक उसकी देखरेख की. कांस्टेबल ने इस काम से इंसानियत की मिसाल कायम की है. वहीं दीपिका ने भी अपने बच्चे का नाम थानाधिकारी भारतसिंह के नाम पर ही रख दिया है.

Intro:रामगंजमण्डी/कोटा
उपखंड के मोडक थाने के सामने तड़पती प्रेग्नेंट महिला को एक महिला कॉन्स्टेबल ने मानवता दिखाते हुऐ अस्पताल पहुंचाया जहां महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। Body:रामगंजमण्डी/कोटा
उपखंड के मोडक थाने के सामने तड़पती प्रेग्नेंट महिला को एक महिला कॉन्स्टेबल ने सजगता दिखाते अस्पताल पहुंचाया जहां महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। आपको बतादे की दीपिका उर्म 25 साल पति खेलसिंह दोनों पति पत्नी श्री गंगानगर में ठंडी गोशाला में कार्य करते है दीपावली की छुट्टी पर अपने गांव झाबुवा जिला पैसेंजर ट्रेन से जा रहे थे। महिला से प्रेग्नेंट थी  । महिला को कोटा जंक्शन से गाड़ी निकलते ही अचानक दर्द शुरू हुआ तो पति पत्नी दोनों घबराहट में ट्रैन में यात्रियों से अस्पताल की पूछताछ कर जैसे तैसे मोडक स्टेशन तक आ गए ओर ट्रैन से उतर गए । पति खेलसिह अपनी पत्नी को स्टेशन के बाहर ले आया लेकिन अस्पताल तक पहुचने का साधन नही मिल रहा था और महिला सड़क पर थाने के सामने तड़पने लगी वही थाने से छुट्टी होने पर महिलाकॉन्स्टेबल रीना गुर्जर घर जाने के लिये बाहर निकली तो महिला को तड़पते हुए देखा । महिला कॉन्स्टेबल ने अपनी मानवता दिखाते हुए तुरन्त सूचना थानाधिकारी भरतसिंह को दी और पुलिस वेन से महिला को मोडक अस्पताल ले जाया गया जहां महिला को लेबर रूम में ले जाते ही महिला ने बालक को जन्म दिया। वही थानाधिकारी भारतसिंह ने पति खेलसिंह को बधाई देते हुए अस्पताल में सभी को मिठाई खिलाकर मुह मीठा करवाया ।वही सूचना पर ग्राम पंचायत मोडक स्टेशन सरपंच ममता मेवाड़ा भी अस्प्ताल पहुची साथ ही युगल मेवाड़ा भी अस्पताल पहुचे । ओर महिला को 11 हजार रुपये की सहायता राशि सौपी।ओर महिला को पुत्र प्राप्ति पर बधाई दी । वही सूचना मिलने पर उपखण्ड अधिकारी चिमनलाल , तहसीलदार राजेंद्र प्रसाद व डिप्टी मंजीत सिंह भी महिला दीपिका व बच्चे के हालचाल जानने अस्पताल पहुचे वही तहसील के सभी अधिकारियों ने महिला को पुत्र प्राप्ति की बधाई दी साथ ही महिला कॉन्स्टेबल रीना गुर्जर को अपने कार्य कुशल में सजगता बरतने पर शाबाशी दी । आपको बतादे की महिला कॉन्स्टेबल रीना गुर्जर के बच्चे की तबियत खराब होने के बाद भी अपने बच्चे के साथ महिला की देखरेख में लगी रही ।लेकिन उसने अपने कार्य के प्रति जागरूकता दिखाते हुए पहले अपने बच्चे को संभालने की जगह उसने तड़पती प्रेग्नेंट महिला को अस्पताल पहुचाया ओर चार घंटे तक उसकी देखरेख की । साथ ही थानाधिकारी ने महिला प्रसव होने के बाद जरूरत की सामग्री उपलब्ध करवाई। वही पुलिस प्रशासन की मानवता को देख पति खेलसिंह व दीपिका ने अपने होने वाले बच्चे का नाम थानाधिकारी भारतसिंह के नाम रूप रख दिया।Conclusion:ट्रैन से गांव जाते समय प्रसव पीड़ा होने पर मोडक स्टेशन उतरे ।साधन नही मिला तो सड़क पर तड़पने लगी महिला ।मैला कॉन्स्टेबल रीना ने मानवता दिखाते हुए महिला को अस्पताल पहुचाया ।जहा महिला ने बच्चे को जन्म दिया जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित ।वही बच्चे की माँ व पापा ने बच्चे का नाम थानाधिकारी भारतसिंह के नाम रख दिया ।उपखण्ड के आला अधिकारियों ने महिला कॉन्स्टेबल रीना गुर्जर के कार्य को सराहा ।
बाईट - थानाधिकारी मोड़क स्टेशन भारतसिंह
बाईट- महिला कॉन्स्टेबल रीना गुर्जर
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