कोटा. चंबल नदी में कोटा जिला और आस-पास के इलाके में बारिश होने से पानी का इनफ्लो बढ़ गया है. इसके चलते कोटा बैराज से पानी की निकासी जारी है. हालांकि महज 2472 क्यूसेक पानी ही शाम के समय थोड़ा जा रहा था. इसके बावजूद भी कोटा बैराज के बाद डाउनस्ट्रीम में बड़ी संख्या में लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर अठखेलियां करने पहुंच गए. इनमें से अधिकांश लोग मछली पकड़ने के लिए वहां पर मौजूद थे.
कोटा बैराज प्रबंधन के अनुसार उन्होंने कई बार पुलिस को इस संबंध में जानकारी दी. साथ ही पुलिस आती है इन लोगों को भगा कर चली जाती है, लेकिन यह वापस पहुंच जाते हैं. अधिकांश लोग ऐसे थे जो कि कोटा बैराज के गेट के नजदीक पहुंच गए थे. यह लोग किसी भी समय बैराज के गेट से निकासी बनाए जाने पर पानी की चपेट में आ सकते हैं.
कोटा के बाद उफान पर है चंबल नदी
मध्य प्रदेश में हुई बारिश से चंबल नदी की सहायक नदियां कालीसिंध और पार्वती उफान पर हैं. इन दोनों नदियों में बारां व झालावाड़ का पानी भी आता है. जिससे इनमें लगातार पानी की आवक हो रही है. ऐसे में कोटा के बाद चंबल नदी में यह मिल जाती है. इससे चंबल नदी में पानी काफी बढ़ गया है. कोटा के बाद ये धौलपुर तक इसमें काफी इनफ्लो आ रहा है. वहीं, कोटा जिले के बाद बूंदी जिले की सीमा से भी छोटी बड़ी नदी और नाले चंबल में मिलते हैं. जिसका भी असर चंबल नदी के इनफ्लो में नजर आ रहा है.
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गांधी और राणा प्रताप सागर से नहीं हो रही निकासी
चंबल नदी पर बने सबसे बड़े बांध गांधी सागर में अभी भी जलस्तर 1304 पर पहुंचा है. बीते दिनों गांधी सागर का इनफ्लो ढाई लाख क्यूसेक से ज्यादा था. अब यह घटकर एक लाख 40 हजार से कम ही रह गया है. वही राणा प्रताप सागर बांध में भी जलस्तर 1144 पर है जबकि उस की भराव क्षमता 1157 है. ऐसे में इन दोनों बड़े बांधों से पानी की निकासी नहीं हो रही है. हालांकि जवाहर सागर बांध से 1600 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे से कोटा बैराज में पानी की आवक हो रही है. लोकल इनफ्लो कोटा बैराज से दो गेट खोल कर 2472 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.