कोटा. शहर में विजयदशमी के मौके पर रावण दहन किया गया. राष्ट्रीय मेला दशहरा 129वें के तहत रावण (Ravana Dahan in Kota) दहन हुआ. इसमें रावण का 75 फीट और मेघनाथ व कुंभकरण के 50-50 फीट ऊंचाई के पुतले 8 मिनट में ही जलकर खाक हो गए. इसको देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे. करीब 7.30 बजे भगवान श्रीलक्ष्मीनारायण जी की सवारी गढ़ पैलेस से राजसी वैभव के साथ दशहरा मैदान पहुंची. जहां पर पूर्व महाराव इज्यराज सिंह ने पूजा-अर्चना की.
पूर्व महाराव ने सीता माता के पाने ज्वारे की पूजा की. इसके रावण के अमृत कलश यानी नाभी के कलश को तीर से भेदा. इस अमृत कलश फोड़ने के साथ ही 8 बजे रावण दहन शुरू हुआ. देखते ही देखते अहंकारी रावण का कुनबा भस्म होता चला गया. इसमें कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले डेढ़ डेढ़ मिनट में जलकर खाक हो गए. जबकि रावण 5 मिनट तक जला है. रावण दहन के बाद करीब 10 मिनट तक आतिशबाजी भी आसमान में हुई. इस दौरान दशहरा मैदान में मौजूद लोगों की नजरें आसमान की तरफ उठी रही. इस दौरान संभागीय आयुक्त दीपक नंदी, पुलिस महानिरीक्षक प्रसन्ना कुमार, जिला कलेक्टर ओमप्रकाश बुनकर, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष पंकज मेहता आदि मौजूद थे.
भगवान श्री लक्ष्मी नारायण जी की सवारी रही खासः रावण दहन के पहले गढ़ पैलेस में दरीखाने (Ravana Effigy of 75 Feet Burnt in Kota) की रस्म हुई. जहां पर पूर्व महाराव इज्यराज सिंह के अलावा हाड़ौती के राजपूत सरदार और ठिकानेदार दरिखाना रस्म में शामिल हुए. पूर्व महाराज इज्यराज सिंह ने रीति रिवाज के तहत खेजड़ी का पूजन किया. कोटा के जनप्रतिनिधि और प्रबुद्ध जन इस दौरान मौजूद रहे. रस्म के बाद हाथी पर भगवान लक्ष्मीनारायण जी की सवारी गढ़ पैलेस से रवाना हुई. इसमें झाकियां, घोड़ा बग्गी, वानर सेना पैदल सैनिक, रावण सेना, घोड़े व हाथी शामिल थे. साथ ही लोक कलाकार कच्छी और चकरी नृत्य करते हुए आगे निकले. खुली जीप में पूर्व महाराव इज्यराज सिंह भी इसमें शामिल हुए और दशहरा मैदान में पहुंचकर रावण दहन किया. दरीखाने का रजवाड़ी लुक मेला देखने के लिए विदेशी पर्यटकों का दल भी गढ़ पैलेस पहुंचा.
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रावण की बाजू पूरी नहीं जली, नीचे गिर गईः 75 फीट रावण व 50-50 फीट के कुंभकरण व मेघनाद के पुतलों के दहन से पहले मैदान में गर्दन घुमाने व तलवार चलाने की बातें कही गई थी. हालांकि ऐसा नहीं हुआ, केवल साउंड के जरिए ही अट्टहास किया. रावण के पुतले को खड़े करते समय उसकी गर्दन टेढ़ी हो गई थी, इसी के चलते वह घूम नहीं सकी. रावण की जलते समय दाहिने तरफ की बाजू पूरी नहीं जली. कोहनी के बाद का हिस्सा और तलवार बिना जले ही नीचे गिर गई. जो कि बाद में जलकर खाक हुई.
नगर निगम ने किया था 30 मिनट तक आतिशबाजी का दावाः नगर निगम ने इस बार दावा किया था कि करीब 15 मिनट तक रावण और उसके कुनबे का दहन होगा. साथ ही 30 मिनट तक आतिशबाजी होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. नगर निगम का दावा इस बार भी फेल रहा. हर बार की तरह इस बार भी रावण दहन में लोग निराश हुए. हर साल 6 से 10 मिनट में जलकर खत्म हो जाने वाले रावण, कुंभकरण, मेघनाद के पुतलों ने इस साल भी 8 मिनट का समय लिया. हालांकि ग्रीन आतिशबाजी के नजारों के साथ अहंकारी रावण का कुनबे सहित दहन हुआ. दहन के दौरान दर्शकों को किसी तरह से कोई व्यवधान न पहुंचे. इसके लिए रावण कुनबे के आसपास बेरिकेट्स लगाए. सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त रहे. आतिशबाजी भी रिमोट से नियंत्रित करते हुए चलाई गई.
मौसम के करवट से परेशान हो गए थे अधिकारीः दो साल बाद रावण दहन के दौरान लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. आतिशी धमाकों के साथ रावण का कुनबा खाक हो गया. लोगों ने इन यादगार पलों को कैमरों में भी कैद किया. सुबह से सूर्य देव तमतमाने लगे तो तेज धूप हो गई. दिनभर तेज धूप में रावण कुनबा मैदान में डटा रहा. शाम होते होते मौसम ने अचानक करवट ली. शहर के कई इलाकों में तेज बारिश का क्रम शुरू हो गया है, लेकिन दशहरा मैदान में बारिश नहीं हुई. केवल हल्की बूंदाबांदी ही मैदान में हुई थी.
मेले में एक दर्जन को लगी चोट और भीड़ में घबराहटः ऑल स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसायटी मेले में हेल्थ एंड हेल्प सेंटर संचालित कर रही है. यहां पर बुधवार को रावण दहन के दौरान एक कर दर्जन चोटिल, भीड़ व धक्कामुक्की घबराहट व चोटिल होने की शिकायत (People Injured in Ravana dahan in Kota) लेकर आए. सेंटर पर डॉ. हिमांशु शर्मा के निर्देशन में मेडिकल टीम ने प्राथमिक उपचार दिया. इसमें भरतपुर निवासी विनीत चौधरी कोटा में जॉब करते हैं. वे रावण दहन देखने आए थे. बल्लियों पर चढ़कर नीचे कूदने के दौरान लोहे की एंगल घुसने से पैर का पंजा फट गया. जिसका इलाज हेल्प सेंटर पर किया गया. एसडब्लूसएस के सदस्य व्हील चेयर पर बैठाकर उन्हें मेला प्रांगण से बाहर लेकर गए और चिकित्सालय पहुंचाया. बिहार निवासी निर्मल कोटा में कोचिंग कर रहा है. रावण दहन के दौरान पत्थर की गिट्टी अचानक सिर पर आकर गिर गई. उन्हें उपचार दिया गया.