कोटा. केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बुधवार को कोटा दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने प्रदेश की गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने सरकार के दो साल पूरे होने के सवाल पर कहा कि राजस्थान की गहलोत सरकार 100 फीसदी फेल है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह सरकार हिलती हुई दीवार जैसी है, जो कभी भी गिर सकती है.
अर्जुन मेघवाल ने कहा कि जैसे हिलती हुई दीवार कभी भी गिर सकती है, उसी तरह से सरकार पूरी तरह से स्थिर है और कभी भी यह गिर जाएगी. उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ताबे में सचिन पायलट गुट नहीं आ रहा है. मेघवाल ने कहा कि जितना पैसा भारत सरकार से आ रहा है, उन योजनाओं को डायवर्जन किया जा रहा है.
'राजस्थान में बिगड़ा लॉ एंड ऑर्डर'
केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने कहा कि ग्रामीण विकास की कई स्कीम में बदलाव कर दिया. प्रधानमंत्री आवास योजना की स्पीड भी कम कर दी और उसके पैरामीटर को भी बदलने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि ठेकेदारों का भुगतान 2 सालों से नहीं हुआ है. ट्रेजरी में कहीं अटका हुआ है या फाइलों को ऑफिस में ही लटकाया हुआ है. इस सरकार में लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ गया है. विकास में भी यह सरकार पूरी तरह से फेल रही.
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'गहलोत सरकार दो केंद्रों में विभक्त है'
मंत्री मेघवाल ने कहा कि पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा था कि सरकार गिर जाएगी, उस पर काफी बवाल हुआ था. मैं भी कहता हूं कि जो दीवार हिलती डुलती रहती है, तो गांव के आदमी कहते हैं कि गिर सकती है. इसी तरह से यह सरकार दो केंद्रों में विभक्त है. अजय माकन इस विवाद को सेटल करने में असमर्थ रहे हैं. इसमें सचिन पायलट का ग्रुप सेटल नहीं हो पा रहा है.
'सीएम अशोक गहलोत खुद चिंतित'
मेघवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने होटल में बहुत से एमएलए को कहा था कि मंत्री, निगम और बोर्ड में चेयरमैन बना देंगे, समर्थन करो. लेकिन अब यह काम नहीं हो पा रहा है इसलिए सभी में असंतोष है. उन्होंने कहा कि सीएम अशोक गहलोत खुद ही चिंतित हैं.
केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने कहा कि अब कोई मुद्दा नहीं था, इसलिए कांग्रेस कार्यालय के उद्घाटन में सीएम गहलोत इस तरह की बात बोल रहे हैं. वे पूरी तरह से डरे हुए हैं और उन्हें कोई सपना थोड़ी आ रहा था कि सरकार गिर रही है. सचिन पायलट उनके ताबे में नहीं आ रहे हैं. पायलट के साथ कुछ आदमी हैं, जो चुनौती बन गए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई है. गहलोत को चिंता है कि बाड़ेबंदी में होटल में वादे किए थे, वह पूरे नहीं हो पा रहे हैं, इसके कारण ही समस्या खड़ी हुई है.