कोटा. प्रदेश भाजपा की कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने आए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के मुद्दे पर गंभीर नहीं है. सरकार की गलती की वजह से किसानों के लहसुन की खरीद शुरू नहीं हो पाई (Garlic buying process not started in Rajasthan) है. हमने स्वीकृति दे दी है, लेकिन 12 दिन गुजर जाने के बाद भी राज्य सरकार के मुखिया अशोक गहलोत, राहुल गांधी को ईडी के समन के बाद दिल्ली में व्यस्त हैं. इससे पहले राज्यसभा चुनाव के लिए खरीद-फरोख्त में बिजी थे. इसके चलते किसान परेशान हैं.
उन्होंने कहा कि राजफेड को स्वीकृति जारी होने के बाद भी खरीद प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. जबकि किसानों के हित में खरीद शुरू कर देनी चाहिए, ताकि किसानों को सही दाम मिल जाए और राहत मिले. किसानों के हित की योजना बनाने की बातें की जाती हैं और चुनाव से पहले वादे के लिए जाते हैं. जिसमें संपूर्ण कर्जा माफ होगा और बिजली 24 घंटे दी जाएगी, लेकिन हकीकत यह है कि ये धरातल पर यह काम नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राजस्थान के किसानों के बाजरे की खरीद भी करना चाहती है. इसके लिए भी अगर राज्य सरकार प्रस्ताव भेजेगी तो, वह भी पास कर दिया जाएगा.
राज्य सरकार जानबूझकर कर रही किसानों का नुकसान: मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (Market intervention scheme) में 4 साल पहले खरीदे गए लहसुन 3257 रुपए क्विंटल दर किसानों को मिली थी. इस बार 2018 से 300 रुपए कम है. इस सवाल पर कैलाश चौधरी ने कहा कि एक पूरा सिस्टम इसके लिए बना हुआ है. उसी के अनुसार यह दाम तय करने की गाइडलाइन बनी हुई है. किसानों के लहसुन को लेकर प्रदर्शन और होली जलाने पर कहा कि कृषि राज्य का विषय है. भारत सरकार ने लहसुन की खरीद के लिए स्वीकृति जारी कर दी है. राजस्थान सरकार जानबूझकर किसानों को नुकसान देने के लिए और इस तरह से काम कर रही है.