कोटा. प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का मंगलवार को कोटा दौरे का अंतिम दिन था. वे पूरे दिन शहर के विकास कार्यों का निरीक्षण करते रहे. सुबह वे स्टेशन एरिया के पुस्तकालय गए, जहां उनके साथ जयपुर से आए आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया भी थे. जो कोटा शहर के अलग-अलग विकास कार्यों के स्ट्रक्चर की डिजाइन कर रहे हैं. उन्हें पुराने पुस्तकालय को नए स्वरूप में निखारने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
इसके बाद वे जेके लोन अस्पताल गए, जहां पर ओपीडी और इनडोर ब्लॉक का काम चल रहा था. उन्होंने ठेकेदार और अभियंताओं को काम को लेकर तय समय सीमा का ध्यान रखने के निर्देश दिए. इसके बाद घंटाघर चौराहे, जयपुर गोल्डन, मल्टीपरपज स्कूल व इंदिरा गांधी सर्किल होते हुए रिवरफ्रंट के ईस्ट और वेस्ट दोनों छोरों पर जाकर उन्होंने कार्य का निरीक्षण किया है. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वे जो रिवरफ्रंट कोटा की चंबल नदी पर बनवा रहे हैं. वह साबरमती के रिवरफ्रंट को टक्कर देगा, बल्कि उसस भी अच्छा रिवरफ्रंट बनेगा, जो कि सबसे लंबा भी होगा.
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साथ ही उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्होंने करीब डेढ़ घंटे तक रिवरफ्रंट का निरीक्षण किया. साथ ही कई दिशा निर्देश भी अधिकारियों को दिए हैं. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि चंबल का रिवरफ्रंट एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसको दुनिया देखने आएगी. अहमदाबाद की साबरमती नदी पर बना रिवरफ्रंट से ही हमारे चंबल रिवर फंड का कंपैरिजन है. यह उससे भी सुंदर बनेगा. इसके लिए ही चैलेंजिंग जॉब, यहां के इंजीनियर, आर्किटेक्ट व कांटेक्ट की है.
इसके बाद ही दोपहर 2:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने अपने निवास के बाहर ही जनसुनवाई की. इसके अंदर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे. जिनके समस्याओं के निवारण के निर्देश उन्होंने अधिकारियों को दिए हैं. इसमें पुलिस, प्रशासन, यूआईटी, नगर निगम, पीएचईडी और बिजली से जुड़ी हुई समस्याएं लोग लेकर पहुंचे थे.